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'''कुकुर''' [[प्राचीन भारत]] की एक जाति, जो संघ शासन की अनुयायी थी। [[युधिष्ठिर]] के [[राजसूय यज्ञ]] में उपहार लाने वालों में कुकरों का नाम भी आया है।<ref>{{cite web |url=http:// | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=कुकुर|लेख का नाम=कुकुर (बहुविकल्पी)}} | ||
'''कुकुर''' [[प्राचीन भारत]] की एक जाति, जो संघ शासन की अनुयायी थी। [[युधिष्ठिर]] के [[राजसूय यज्ञ]] में उपहार लाने वालों में कुकरों का नाम भी आया है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0 |title=कुकुर|accessmonthday=14 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | |||
*[[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ '[[महाभारत]]' के अनुसार [[अंधक संघ|अंधक]]-[[वृष्णि संघ|वृष्णि]] के गणराज्य की सेनाओं के साथ कुकुरसेना ने भी [[कृतवर्मा]] के नेतृत्व में युद्ध किया था और [[भीष्म पितामह|भीष्म]] की रक्षा की थी। | *[[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ '[[महाभारत]]' के अनुसार [[अंधक संघ|अंधक]]-[[वृष्णि संघ|वृष्णि]] के गणराज्य की सेनाओं के साथ कुकुरसेना ने भी [[कृतवर्मा]] के नेतृत्व में युद्ध किया था और [[भीष्म पितामह|भीष्म]] की रक्षा की थी। |
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कुकुर | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कुकुर (बहुविकल्पी) |
कुकुर प्राचीन भारत की एक जाति, जो संघ शासन की अनुयायी थी। युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में उपहार लाने वालों में कुकरों का नाम भी आया है।[1]
- हिन्दू धार्मिक ग्रंथ 'महाभारत' के अनुसार अंधक-वृष्णि के गणराज्य की सेनाओं के साथ कुकुरसेना ने भी कृतवर्मा के नेतृत्व में युद्ध किया था और भीष्म की रक्षा की थी।
- 'राजसूय यज्ञ' के अवसर पर उपहार लाने वालों में कुकुरों का भी नाम आया है।
- कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' के अनुसार कुकुरों को राजशब्दोपजीवी संघ बताया गया है।
- पश्चिमी भारत से मिले कतिपय अभिलेखों में कुकुरों का उल्लेख आता है, जिनसे ज्ञात होता है, प्रथम शती ई. पू. के लगभग 'कुकुर' गणराज्य का अस्तित्व था। कदाचित वे मौर्य साम्राज्यवाद की लपट से अपनी रक्षाकर बच गए थे।
इन्हें भी देखें: महाभारत, युधिष्ठिर एवं राजसूय यज्ञ
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