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'''कौशिक''' एक [[ऋषि]] थे, जिनका उल्लेख [[भागवतपुराण]] में मिलता है। यह शरशैय्या पर लेटे हुए [[भीष्म|पितामय भीष्म]] से मिलने गये थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=135|url=}}</ref> | '''कौशिक''' एक [[ऋषि]] थे, जिनका उल्लेख [[भागवतपुराण]]<ref>भागवतपुराण 1.9.7</ref> में मिलता है। यह शरशैय्या पर लेटे हुए [[भीष्म|पितामय भीष्म]] से मिलने गये थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=135|url=}}</ref> | ||
10:21, 10 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
कौशिक एक ऋषि थे, जिनका उल्लेख भागवतपुराण[1] में मिलता है। यह शरशैय्या पर लेटे हुए पितामय भीष्म से मिलने गये थे।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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