"शम्मी का जीवन परिचय": अवतरणों में अंतर
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शम्मी का जन्म [[24 अप्रैल]], [[1929]] को [[गुजरात]] के नारगोल संजान में अपने नाना के घर हुआ था। पारसी माता-पिता की संतान शम्मी आंटी कुछ ही महिनों की थीं जब उनके पिता [[परिवार]] को साथ लेकर [[मुम्बई]] चले आए थे। बकौल शम्मी आंटी के परिवार का फ़िल्मी दुनिया से दूर-दूर तक का सम्बन्ध नहीं था। घर में पारसी-पुरोहित पिता और गृहिणी मां के अलावा एक बड़ी बहन मणि रबाड़ी थीं जिन्होंने आगे चलकर न सिर्फ़ फ़ैशन | शम्मी का जन्म [[24 अप्रैल]], [[1929]] को [[गुजरात]] के नारगोल संजान में अपने नाना के घर हुआ था। पारसी माता-पिता की संतान शम्मी आंटी कुछ ही महिनों की थीं जब उनके पिता [[परिवार]] को साथ लेकर [[मुम्बई]] चले आए थे। बकौल शम्मी आंटी के परिवार का फ़िल्मी दुनिया से दूर-दूर तक का सम्बन्ध नहीं था। घर में पारसी-पुरोहित पिता और गृहिणी मां के अलावा एक बड़ी बहन मणि रबाड़ी थीं जिन्होंने आगे चलकर न सिर्फ़ फ़ैशन डिज़ाइनिंग की दुनिया में नाम कमाया, बल्कि अपनी कला के दम पर उस ज़माने में राष्ट्रपति-पुरस्कार भी हासिल किया था। | ||
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साल [[1970 ]]में शम्मी आंटी ने निर्माता-निर्देशक सुल्तान अहमद से [[विवाह]] कर लिया था। लेकिन कुछ ख़ास वज़हों से महज़ सात साल बाद उन्हें पति से अलग हो जाना पड़ा। सात साल के वैवाहिक जीवन के दौरान उन्हें सुल्तान अहमद के छोटे भाई के बेटे इक़बाल रिज़वी से इतना प्यार और लगाव था कि इक़बाल आज भी उन्हें मां का दर्जा देते हैं। इक़बाल रिज़वी टेलिविज़न के सफल निर्देशकों में जाने जाते हैं। | साल [[1970 ]]में शम्मी आंटी ने निर्माता-निर्देशक सुल्तान अहमद से [[विवाह]] कर लिया था। लेकिन कुछ ख़ास वज़हों से महज़ सात साल बाद उन्हें पति से अलग हो जाना पड़ा। सात साल के वैवाहिक जीवन के दौरान उन्हें सुल्तान अहमद के छोटे भाई के बेटे इक़बाल रिज़वी से इतना प्यार और लगाव था कि इक़बाल आज भी उन्हें मां का दर्जा देते हैं। इक़बाल रिज़वी टेलिविज़न के सफल निर्देशकों में जाने जाते हैं। | ||
====भक्ति भाव==== | ====भक्ति भाव==== | ||
शम्मी आंटी को संगीत सुनने और पढ़ने का हमेशा से शौक़ रहा जिसका अंदाज़ा किताबों और सी.डी. के उनके संग्रह को देखकर ही लगाया जा सकता था। आध्यात्म और पूजापाठ की तरफ़ भी शुरु से ही उनका झुकाव रहा। [[गणेश|भगवान गणेश]] की भक्त शम्मी आंटी के संग्रह में विभिन्न आकार-प्रकार की सैकड़ों गणेश-मूर्तियां मौजूद हैं। शम्मी आंटी के अनुसार उनकी सुबह ललिता सहस्रनाम और [[हनुमान चालीसा |हनुमान चालीसा]] के पाठ से होती है और वो जब भी घर पर होती हैं तो घर में हमेशा ही | शम्मी आंटी को संगीत सुनने और पढ़ने का हमेशा से शौक़ रहा जिसका अंदाज़ा किताबों और सी.डी. के उनके संग्रह को देखकर ही लगाया जा सकता था। आध्यात्म और पूजापाठ की तरफ़ भी शुरु से ही उनका झुकाव रहा। [[गणेश|भगवान गणेश]] की भक्त शम्मी आंटी के संग्रह में विभिन्न आकार-प्रकार की सैकड़ों गणेश-मूर्तियां मौजूद हैं। शम्मी आंटी के अनुसार उनकी सुबह ललिता सहस्रनाम और [[हनुमान चालीसा|हनुमान चालीसा]] के पाठ से होती है और वो जब भी घर पर होती हैं तो घर में हमेशा ही विष्णु सहस्रनाम स्त्रोतम की सी.डी. बजती रहती है। जीवन को लेकर उनका का नज़रिया पूरी तरह से स्पष्ट है। वो कहती हैं, 'मैंने जिंदगी को हमेशा अपनी शर्तों पर जिया और जो कुछ पाया, उसे ईश्वर का प्रसाद समझा। मैं खुश हूं कि मुझे लोगों का भरपूर प्यार और इक़बाल जैसा क़ाबिल बेटा मिला। अपने जीवन से मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं।' | ||
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[[6 मार्च]], [[2018]] को बॉलीवुड अभिनेत्री शम्मी आंटी का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। गुरुवार को स्कॉन मंदिर में उनकी प्रेयर मीट हुई, जिसमें बच्चन फैमिली से [[ऐश्वर्या राय बच्चन]] और [[जया बच्चन]] शामिल हुईं। वहीं बॉलीवुड से डिंपल कपाड़िया, [[आशा पारेख]], अरुणा ईरानी, फरीदा जलाल, अंजू महेंदू, मुकेश ऋषि, [[प्रेम चोपड़ा]], उमा चोपड़ा, पद्मिनी कोल्हापुरे, प्रिया दत्त, गजेंद्र चौहान, पूनम सिन्हा सहित कई फ़िल्मी सितारे यहां पहुंचे। | |||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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07:27, 15 मार्च 2018 के समय का अवतरण
शम्मी का जीवन परिचय
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पूरा नाम | नरगिस रबाड़ी |
प्रसिद्ध नाम | शम्मी आंटी |
जन्म | 24 अप्रैल, 1929 |
जन्म भूमि | बॉम्बे (अब मुंबई) |
मृत्यु | 6 मार्च, 2018 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
पति/पत्नी | सुल्तान अहमद |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | सिनेमा जगत |
मुख्य फ़िल्में | 'बाग़ी', 'आग का दरिया', 'मुन्ना', 'रुखसाना', 'पहली झलक', 'लगन', 'बंदिश', 'मुसाफ़िरखाना', 'आज़ाद', 'दिल' अपना और 'प्रीत परायी' आदि |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | आशा पारेख के साथ मिलकर शम्मी आंटी ने ‘बाजे पायल’, ‘कोरा क़ागज़’, ‘कंगन’ और ‘कुछ पल साथ तुम्हारा’ जैसे धारावाहिकों का निर्माण भी किया। |
अद्यतन | 12:37, 15 मार्च 2018 (IST)
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शम्मी का जन्म 24 अप्रैल, 1929 को गुजरात के नारगोल संजान में अपने नाना के घर हुआ था। पारसी माता-पिता की संतान शम्मी आंटी कुछ ही महिनों की थीं जब उनके पिता परिवार को साथ लेकर मुम्बई चले आए थे। बकौल शम्मी आंटी के परिवार का फ़िल्मी दुनिया से दूर-दूर तक का सम्बन्ध नहीं था। घर में पारसी-पुरोहित पिता और गृहिणी मां के अलावा एक बड़ी बहन मणि रबाड़ी थीं जिन्होंने आगे चलकर न सिर्फ़ फ़ैशन डिज़ाइनिंग की दुनिया में नाम कमाया, बल्कि अपनी कला के दम पर उस ज़माने में राष्ट्रपति-पुरस्कार भी हासिल किया था।
विवाह
साल 1970 में शम्मी आंटी ने निर्माता-निर्देशक सुल्तान अहमद से विवाह कर लिया था। लेकिन कुछ ख़ास वज़हों से महज़ सात साल बाद उन्हें पति से अलग हो जाना पड़ा। सात साल के वैवाहिक जीवन के दौरान उन्हें सुल्तान अहमद के छोटे भाई के बेटे इक़बाल रिज़वी से इतना प्यार और लगाव था कि इक़बाल आज भी उन्हें मां का दर्जा देते हैं। इक़बाल रिज़वी टेलिविज़न के सफल निर्देशकों में जाने जाते हैं।
भक्ति भाव
शम्मी आंटी को संगीत सुनने और पढ़ने का हमेशा से शौक़ रहा जिसका अंदाज़ा किताबों और सी.डी. के उनके संग्रह को देखकर ही लगाया जा सकता था। आध्यात्म और पूजापाठ की तरफ़ भी शुरु से ही उनका झुकाव रहा। भगवान गणेश की भक्त शम्मी आंटी के संग्रह में विभिन्न आकार-प्रकार की सैकड़ों गणेश-मूर्तियां मौजूद हैं। शम्मी आंटी के अनुसार उनकी सुबह ललिता सहस्रनाम और हनुमान चालीसा के पाठ से होती है और वो जब भी घर पर होती हैं तो घर में हमेशा ही विष्णु सहस्रनाम स्त्रोतम की सी.डी. बजती रहती है। जीवन को लेकर उनका का नज़रिया पूरी तरह से स्पष्ट है। वो कहती हैं, 'मैंने जिंदगी को हमेशा अपनी शर्तों पर जिया और जो कुछ पाया, उसे ईश्वर का प्रसाद समझा। मैं खुश हूं कि मुझे लोगों का भरपूर प्यार और इक़बाल जैसा क़ाबिल बेटा मिला। अपने जीवन से मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं।'
निधन
6 मार्च, 2018 को बॉलीवुड अभिनेत्री शम्मी आंटी का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। गुरुवार को स्कॉन मंदिर में उनकी प्रेयर मीट हुई, जिसमें बच्चन फैमिली से ऐश्वर्या राय बच्चन और जया बच्चन शामिल हुईं। वहीं बॉलीवुड से डिंपल कपाड़िया, आशा पारेख, अरुणा ईरानी, फरीदा जलाल, अंजू महेंदू, मुकेश ऋषि, प्रेम चोपड़ा, उमा चोपड़ा, पद्मिनी कोल्हापुरे, प्रिया दत्त, गजेंद्र चौहान, पूनम सिन्हा सहित कई फ़िल्मी सितारे यहां पहुंचे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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