"शुंग वंश": अवतरणों में अंतर

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*वसुज्येष्ठ (141 - 131 ई.पू.)
*वसुज्येष्ठ (141 - 131 ई.पू.)
*वसुमित्र (131 - 124 ई.पू.)
*वसुमित्र (131 - 124 ई.पू.)
*अन्ध्रक (124 - 122 ई.पू.)
*अन्धक (124 - 122 ई.पू.)
*पुलिन्दक (122 - 119 ई.पू.)
*पुलिन्दक (122 - 119 ई.पू.)
*घोष शुङ्ग
*घोष शुंग
*वज्रमित्र
*वज्रमित्र
*भगभद्र
*भगभद्र

10:50, 4 मई 2016 का अवतरण

मौर्य वंश का अंतिम शासक वृहद्रय था। वृहद्रय को उसके ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र ने ई. पूर्व 185 में मार दिया और इस प्रकार मौर्य वंश का अंत हो गया। पुष्यमित्र ने अश्वमेध यज्ञ किया था। पुष्यमित्र ने सिंहासन पर बैठकर मगध पर शुंग वंश के शासन का आरम्भ किया। शुंग वंश का शासन सम्भवतः ई. पू. 185 ई. से पू. 100 तक दृढ़ बना रहा। पुष्यमित्र इस वंश का प्रथम शासक था, उसके पश्चात उसका पुत्र अग्निमित्र, उसका पुत्र वसुमित्र राजा बना। वसुमित्र के पश्चात जो शुंग सम्राट् हुए, उसमें कौत्सीपुत्र भागमद्र, भद्रघोष, भागवत और देवभूति के नाम उल्लेखनीय है। शुंग वंश का अंतिम सम्राट देवहूति था, उसके साथ ही शुंग साम्राज्य समाप्त हो गया था। शुग-वंश के शासक वैदिक धर्म के मानने वाले थे। इनके समय में भागवत धर्म की विशेष उन्नति हुई। शुंग वंश के शासकों की सूची इस प्रकार है -

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