"लोककथा संग्रहालय, मैसूर": अवतरणों में अंतर

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==विशेषता==
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लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।<ref>{{cite web |url=http://dakshinbharatrashtramat.blogspot.in/2009/08/blog-post_31.html |title=संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर |accessmonthday=1 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= दक्षिण भारत राष्ट्रमत|language=हिंदी }} </ref>
लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।<ref>{{cite web |url=http://dakshinbharatrashtramat.blogspot.in/2009/08/blog-post_31.html |title=संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर |accessmonthday=1 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= दक्षिण भारत राष्ट्रमत|language=हिंदी }} </ref>
==भारतकोश लोककथा संग्रहालय==
भारतकोश में संकलित [[लोककथा|लोककथाऐं]] इस प्रकार हैं
#[[पंजाब की लोककथा]]
#[[पंजाब की लोककथा]]
#[[अल्मोड़ा की लोककथा]]
#[[अल्मोड़ा की लोककथा]]

17:39, 7 अक्टूबर 2013 का अवतरण

लोककथा संग्रहालय, मैसूर
लोककथा संग्रहालय
लोककथा संग्रहालय
विवरण यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।
राज्य कर्नाटक
नगर मैसूर
स्थापना 1968
भौगोलिक स्थिति 12° 18′ 49.15″ उत्तर, 76° 37′ 20.36″ पूर्व
गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है।

लोककथा संग्रहालय मैसूर नगर कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।

विशेषता

लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।[1]

भारतकोश लोककथा संग्रहालय

भारतकोश में संकलित लोककथाऐं इस प्रकार हैं

  1. पंजाब की लोककथा
  2. अल्मोड़ा की लोककथा
  3. अशोक की लोककथा
  4. लोहड़ी की लोककथा
  5. कंबुज की लोककथा
  6. कंकाली टीला लोककथा
  7. उच्छेट की लोककथा
  8. पिंगला की लोककथा
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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) दक्षिण भारत राष्ट्रमत। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2013।

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