"चेंचु": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''चेंचु''' दक्षिण भारत के लोग, जिनकी संख्या लगभग 24,000 है...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''चेंचु''' [[दक्षिण भारत]] के लोग, जिनकी संख्या लगभग 24,000 है, [[आंध्र प्रदेश|आंध्र प्रदेश राज्य]] के निवासी हैं। ये लोग क्षेत्र की द्रविड़ भाषा, [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] की एक भिन्न बोली बोलते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=172|url=}}</ref> | '''चेंचु''' [[दक्षिण भारत]] के लोग, जिनकी संख्या लगभग 24,000 है, और ये [[आंध्र प्रदेश|आंध्र प्रदेश राज्य]] के निवासी हैं। ये लोग क्षेत्र की द्रविड़ भाषा, [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] की एक भिन्न बोली बोलते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=172|url=}}</ref> | ||
*इनके घास-फूस से बने गोल घर, क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों के घरों से अलग होते हैं। | *इनके घास-फूस से बने गोल घर, क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों के घरों से अलग होते हैं। |
12:22, 25 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
चेंचु दक्षिण भारत के लोग, जिनकी संख्या लगभग 24,000 है, और ये आंध्र प्रदेश राज्य के निवासी हैं। ये लोग क्षेत्र की द्रविड़ भाषा, तेलुगु की एक भिन्न बोली बोलते हैं।[1]
- इनके घास-फूस से बने गोल घर, क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों के घरों से अलग होते हैं।
- कुछ चेंचु अपना भोजन शिकार द्वारा और जंगलों से खाद्य पदार्थ, विशेषकर कंद एकत्र करके प्राप्त करते हैं।
- धनुष और बाण, धातु के शीर्ष वाली खुदाई की छड़, कुल्हाड़ी और साधारण चाकू इनके प्रमुख हथियार होते हैं।
- चेंचु भारत के मूल निवासियों में से हैं, जो प्रभावशाली हिन्दू सभ्यता से सबसे ज़्यादा अलग-थलग हैं।
- इनके रीति-रिवाज बहुत कम और साधारण हैं; धार्मिक और राजनीतिक विशिष्टताएं भी नगण्य हैं।
- चेंचु जनजाति में छोटे संयुग्मी परिवारों का बाहुल्य है, जिनमें महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा हासिल है और वे परिपक्वता के बाद ही विवाह करती हैं।
- अधिकांश चेंचु बढ़ते कृषक समुदाय के कारण कृषि तथा वन मज़दूर बन गए हैं और अपनी घुमंतू, भोजन एकत्र करने वाली जीवन शैली से बाहर आ गए है।
- इनमें से अधिकांश लोगों ने हिन्दू देवी-देवताओं और प्रथाओं को अपना लिया है और उन्हें अपेक्षाकृत ऊंची जातीय हैसियत प्राप्त है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 172 |