"राष्ट्रीय कैडेट कोर": अवतरणों में अंतर

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==भारत में एन.सी.सी.==
==भारत में एन.सी.सी.==
एन.सी.सी. सबसे पहले [[जर्मनी]] में 1666 में शुरू किया गया था। 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' (एन.सी.सी.) की उत्पत्ति 'विश्वविद्यालय कोर' में हुई, जो 'भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917' के तहत सेना की कमी को पूरा करने के उद्देश्य के साथ था। [[1920]] में, जब 'भारतीय प्रादेशिक अधिनियम पारित' हुआ था, 'विश्वविद्यालय कोर' को 'विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर' (यू.टी.सी.) के नाम से बदल दिया गया। वर्ष [[1942]] में यू.टी.सी. को 'विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण काँपरेशन' (यू.ओ.टी.सी.) के रूप में पुनः नामकरण किया गया। युवा लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षित करने, सुरक्षा बल सहित जीवन के सभी क्षेत्र में बेहतर नागरिक बनाने और हमारे महान देश के लिए भविष्य के बेहतर नेता बनाने के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर एक युवा संगठन बनाने की जरूरत हमारे नेताओं का यही उचित एहसास था। देश के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहर लाल नेहरू]] के आदेश पर [[1946]] में पंडित एच. एन. कुंजरू के अधीन एक समिति स्थापित हुई। इस प्रकार 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' [[16 जुलाई]], [[1948]] को 'रक्षा मंत्रालय' के अंतर्गत 1948 में एन.सी.सी. के XXXI एक्ट के तहत अस्तित्व में आया।<ref>{{cite web |url= http://www.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/doit_ncc/NCC+Hindi/Home/Genisis+Of+NCC|title= एनसीसी की उत्पत्ति|accessmonthday= 25 नवम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आधिकारिक वेबसाइट, दिल्ली सरकार|language= हिन्दी}}</ref>
एन.सी.सी. सबसे पहले [[जर्मनी]] में 1666 में शुरू किया गया था। 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' (एन.सी.सी.) की उत्पत्ति 'विश्वविद्यालय कोर' में हुई, जो 'भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917' के तहत सेना की कमी को पूरा करने के उद्देश्य के साथ था। [[1920]] में, जब 'भारतीय प्रादेशिक अधिनियम पारित' हुआ था, 'विश्वविद्यालय कोर' को 'विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर' (यू.टी.सी.) के नाम से बदल दिया गया। वर्ष [[1942]] में यू.टी.सी. को 'विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण काँपरेशन' (यू.ओ.टी.सी.) के रूप में पुनः नामकरण किया गया। युवा लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षित करने, सुरक्षा बल सहित जीवन के सभी क्षेत्र में बेहतर नागरिक बनाने और हमारे महान देश के लिए भविष्य के बेहतर नेता बनाने के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर एक युवा संगठन बनाने की जरूरत हमारे नेताओं का यही उचित एहसास था। देश के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहर लाल नेहरू]] के आदेश पर [[1946]] में पंडित एच. एन. कुंजरू के अधीन एक समिति स्थापित हुई। इस प्रकार 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' [[16 जुलाई]], [[1948]] को 'रक्षा मंत्रालय' के अंतर्गत 1948 में एन.सी.सी. के XXXI एक्ट के तहत अस्तित्व में आया।<ref>{{cite web |url= http://www.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/doit_ncc/NCC+Hindi/Home/Genisis+Of+NCC|title= एनसीसी की उत्पत्ति|accessmonthday= 25 नवम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=आधिकारिक वेबसाइट, दिल्ली सरकार|language= हिन्दी}}</ref>
==खेलों के साथ अनुशासन==
यदि विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज जीवन में ही एक सैनिक की तरह साहसिक खेलों के साथ अनुशासन में रहने का पाठ सीखना चाहते हैं तो एन.सी.सी. उनके लिए एक बहुत अच्छा माध्यम बन सकता है। एन.सी.सी. में ट्रैकिंग, माउंटेनिंग, साइकलएक्सपेडिशन जैसे रोमांचक खेल तो होते ही हैं, साथ ही व्यक्तित्व विकास के लिए रचानात्मक कार्य, वाद-विवाद प्रतिगयोगिता, तात्कालिक भाषण जैसी गतिविधियां भी एन.सी.सी. के लगने वाले कैंपों में होती हैं। जो युवा [[भारतीय सेना]] में शामिल होकर देश सेवा को अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कॉलेज जीवन में एन.सी.सी. एक अच्छा माध्यम बन सकता है।
====कॅरियर की सम्भावनाएँ====
एन.सी.सी. के माध्यम से विद्यार्थियों को कई प्रकार की सहुलियतें मिलती हैं, जैसे-
#राज्य और केंद्र सरकार की नियुक्तियों में एन.सी.सी. कैडेट को प्राथमिकता दी जाती है। 
#एन.सी.सी. का 'सी' सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्‍स के लिए 'इंडियन मिलेट्री एकेडमी' (आई.एम.ए.) में 64 सीटें रिजर्व होती हैं।
#एन.सी.सी. 'बी' या 'सी' ‍सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्‍स को 'शॉर्ट सर्विस कमीशन' में 'सीडीएस' की लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती। 
#कई कॉर्पोरेट कंपनियां एन.सी.सी. के सर्टिफिकेट धारी को अपने यहाँ होने वाली नियुक्तियों में प्राथमिकता देती हैं। 
#सशस्त्र बलों और पैरामिलेट्री फोर्सेस में एन.सी.सी. 'सी' ‍सर्टिफिकेट धारी को विशेष छूट दी जाती है। कुछ सीटें उनके लिए रिजर्व होती हैं। 
#[[नौसेना]] के हर कोर्स में छ: नियुक्तियाँ और [[वायु सेना]] में 10 फीसदी की छूट हर कोर्स में होती है।
;विदेश जाने के अवसर-
हर [[वर्ष]] एन.सी.सी. यूथ एक्चेंज प्रोग्राम के तहत चुनिंदा कैडेट्‍स को विदेश भेजा जाता है। इससे कैडेट्‍स को वहाँ की [[संस्कृति]] और सभ्यता को समझने का मौका मिलता है। कैडेट्‍स कई तरह की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते हैं। '[[गणतंत्र दिवस]]' पर हर साल निकलने वाली परेड के लिए भी एन.सी.सी. कैडेट्‍स का चयन किया जाता है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/career-guide/%E0%A4%8F%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-112052200065_1.htm|title=एनसीसी, अनुशासन की शिक्षा |accessmonthday= 25 नवम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया|language= हिन्दी}}</ref>
==राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा==
एन.सी.सी. के प्रशिक्षण शिविरों के दौरान कैडेटों को फुटबाल, वॉलीबॉल, [[कबड्डी]] और फ़ायरिंग के गुण भी सिखाए जाते हैं। जो कैडेट अच्छा प्रदर्शन करता है, वह राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाने के बाद [[राष्ट्रीय खेल|राष्ट्रीय खेलों]] में प्रतिभाग कर बुलंदियों को छू सकता है।<ref>{{cite web |url= http://m.amarujala.com/news/states/uttarakhand/tehri/Tehri-74460-16/|title= युवाओं के सपनों को उड़ान देगी एनसीसी|accessmonthday=25 नवम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अमर उजाला.कॉम|language= हिन्दी}}</ref>
====प्रमाणपत्र का महत्त्व====
====प्रमाणपत्र का महत्त्व====
राष्ट्रीय कैडेट कोर के जरिए विशेष भर्ती योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण वे विद्यार्थी जो एन.सी.सी. का 'बी' या 'सी' प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं, वे देश की सुरक्षा से सम्बंधित होने वाली भर्तियों में आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इन भर्तियों में अतिरिक्त अंक भी प्रदान किये जाते हैं। एन.सी.सी. कैडेट 'सी' सर्टिफिकेट में 'ए' या 'बी' ग्रेड मिलने के बाद कई प्रकार की छूट के अधिकारी हो जाते हैं। इस सर्टिफिकेट के बाद कैडेट भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए लिखित परीक्षा दिए बिना ही सीधे एस.एस.बी. इंटरव्यू दे सकते हैं। एन.सी.सी. का कैडेट तय मानकों के बाद [[भारतीय सेना]], [[नौसेना]] और [[वायु सेना]] की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।
राष्ट्रीय कैडेट कोर के जरिए विशेष भर्ती योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण वे विद्यार्थी जो एन.सी.सी. का 'बी' या 'सी' प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं, वे देश की सुरक्षा से सम्बंधित होने वाली भर्तियों में आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इन भर्तियों में अतिरिक्त अंक भी प्रदान किये जाते हैं। एन.सी.सी. कैडेट 'सी' सर्टिफिकेट में 'ए' या 'बी' ग्रेड मिलने के बाद कई प्रकार की छूट के अधिकारी हो जाते हैं। इस सर्टिफिकेट के बाद कैडेट भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए लिखित परीक्षा दिए बिना ही सीधे एस.एस.बी. इंटरव्यू दे सकते हैं। एन.सी.सी. का कैडेट तय मानकों के बाद [[भारतीय सेना]], [[नौसेना]] और [[वायु सेना]] की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।
==राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा==
एन.सी.सी. के प्रशिक्षण शिविरों के दौरान कैडेटों को फुटबाल, वॉलीबॉल, [[कबड्डी]] और फ़ायरिंग के गुण भी सिखाए जाते हैं। जो कैडेट अच्छा प्रदर्शन करता है, वह राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाने के बाद [[राष्ट्रीय खेल|राष्ट्रीय खेलों]] में प्रतिभाग कर बुलंदियों को छू सकता है।<ref>{{cite web |url= http://m.amarujala.com/news/states/uttarakhand/tehri/Tehri-74460-16/|title= युवाओं के सपनों को उड़ान देगी एनसीसी|accessmonthday=25 नवम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अमर उजाला.कॉम|language= हिन्दी}}</ref>
==मुख्य बिंदु==
==मुख्य बिंदु==
*राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्‍थापना [[16 अप्रैल]], [[1948]] में की गई थी।
*राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्‍थापना [[16 अप्रैल]], [[1948]] में की गई थी।

13:21, 25 नवम्बर 2014 का अवतरण

राष्ट्रीय कैडेट कोर
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय कैडेट कोर की परेड
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय कैडेट कोर की परेड
विवरण 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' विश्व का सबसे बड़ा और वर्दीधारी युवा संगठन है। यह स्वैच्छिक आधार पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए खुला है।
स्थापना 16 अप्रैल, 1948
आदर्श वाक्य एकता और अनुशासन
राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस प्रत्येक वर्ष नवम्बर माह के चौथे रविवार को 'राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस' मनाया जाता है।
अन्य जानकारी एनसीसी के माध्यम से उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों और पूरे भारत में विश्वविद्यालयों के कैडेटों को छोटे हथियारों और परेड में बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

राष्ट्रीय कैडेट कोर (अंग्रेज़ी: National Cadet Corps-NCC) विश्व का सबसे बड़ा और वर्दीधारी युवा संगठन है। नई दिल्ली में यह अपने मुख्यालय के साथ एक भारतीय सैन्य कैडेट कोर है। यह स्वैच्छिक आधार पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए खुला है। राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस प्रत्येक वर्ष नवम्बर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है।

भारत में एन.सी.सी.

एन.सी.सी. सबसे पहले जर्मनी में 1666 में शुरू किया गया था। 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' (एन.सी.सी.) की उत्पत्ति 'विश्वविद्यालय कोर' में हुई, जो 'भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917' के तहत सेना की कमी को पूरा करने के उद्देश्य के साथ था। 1920 में, जब 'भारतीय प्रादेशिक अधिनियम पारित' हुआ था, 'विश्वविद्यालय कोर' को 'विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर' (यू.टी.सी.) के नाम से बदल दिया गया। वर्ष 1942 में यू.टी.सी. को 'विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण काँपरेशन' (यू.ओ.टी.सी.) के रूप में पुनः नामकरण किया गया। युवा लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षित करने, सुरक्षा बल सहित जीवन के सभी क्षेत्र में बेहतर नागरिक बनाने और हमारे महान देश के लिए भविष्य के बेहतर नेता बनाने के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर एक युवा संगठन बनाने की जरूरत हमारे नेताओं का यही उचित एहसास था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के आदेश पर 1946 में पंडित एच. एन. कुंजरू के अधीन एक समिति स्थापित हुई। इस प्रकार 'राष्ट्रीय कैडेट कोर' 16 जुलाई, 1948 को 'रक्षा मंत्रालय' के अंतर्गत 1948 में एन.सी.सी. के XXXI एक्ट के तहत अस्तित्व में आया।[1]

खेलों के साथ अनुशासन

यदि विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज जीवन में ही एक सैनिक की तरह साहसिक खेलों के साथ अनुशासन में रहने का पाठ सीखना चाहते हैं तो एन.सी.सी. उनके लिए एक बहुत अच्छा माध्यम बन सकता है। एन.सी.सी. में ट्रैकिंग, माउंटेनिंग, साइकलएक्सपेडिशन जैसे रोमांचक खेल तो होते ही हैं, साथ ही व्यक्तित्व विकास के लिए रचानात्मक कार्य, वाद-विवाद प्रतिगयोगिता, तात्कालिक भाषण जैसी गतिविधियां भी एन.सी.सी. के लगने वाले कैंपों में होती हैं। जो युवा भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा को अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कॉलेज जीवन में एन.सी.सी. एक अच्छा माध्यम बन सकता है।

कॅरियर की सम्भावनाएँ

एन.सी.सी. के माध्यम से विद्यार्थियों को कई प्रकार की सहुलियतें मिलती हैं, जैसे-

  1. राज्य और केंद्र सरकार की नियुक्तियों में एन.सी.सी. कैडेट को प्राथमिकता दी जाती है। 
  2. एन.सी.सी. का 'सी' सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्‍स के लिए 'इंडियन मिलेट्री एकेडमी' (आई.एम.ए.) में 64 सीटें रिजर्व होती हैं।
  3. एन.सी.सी. 'बी' या 'सी' ‍सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्‍स को 'शॉर्ट सर्विस कमीशन' में 'सीडीएस' की लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती। 
  4. कई कॉर्पोरेट कंपनियां एन.सी.सी. के सर्टिफिकेट धारी को अपने यहाँ होने वाली नियुक्तियों में प्राथमिकता देती हैं। 
  5. सशस्त्र बलों और पैरामिलेट्री फोर्सेस में एन.सी.सी. 'सी' ‍सर्टिफिकेट धारी को विशेष छूट दी जाती है। कुछ सीटें उनके लिए रिजर्व होती हैं। 
  6. नौसेना के हर कोर्स में छ: नियुक्तियाँ और वायु सेना में 10 फीसदी की छूट हर कोर्स में होती है।
विदेश जाने के अवसर-

हर वर्ष एन.सी.सी. यूथ एक्चेंज प्रोग्राम के तहत चुनिंदा कैडेट्‍स को विदेश भेजा जाता है। इससे कैडेट्‍स को वहाँ की संस्कृति और सभ्यता को समझने का मौका मिलता है। कैडेट्‍स कई तरह की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते हैं। 'गणतंत्र दिवस' पर हर साल निकलने वाली परेड के लिए भी एन.सी.सी. कैडेट्‍स का चयन किया जाता है।[2]

राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा

एन.सी.सी. के प्रशिक्षण शिविरों के दौरान कैडेटों को फुटबाल, वॉलीबॉल, कबड्डी और फ़ायरिंग के गुण भी सिखाए जाते हैं। जो कैडेट अच्छा प्रदर्शन करता है, वह राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाने के बाद राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर बुलंदियों को छू सकता है।[3]

प्रमाणपत्र का महत्त्व

राष्ट्रीय कैडेट कोर के जरिए विशेष भर्ती योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण वे विद्यार्थी जो एन.सी.सी. का 'बी' या 'सी' प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेते हैं, वे देश की सुरक्षा से सम्बंधित होने वाली भर्तियों में आवेदन कर सकते हैं। उन्हें इन भर्तियों में अतिरिक्त अंक भी प्रदान किये जाते हैं। एन.सी.सी. कैडेट 'सी' सर्टिफिकेट में 'ए' या 'बी' ग्रेड मिलने के बाद कई प्रकार की छूट के अधिकारी हो जाते हैं। इस सर्टिफिकेट के बाद कैडेट भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए लिखित परीक्षा दिए बिना ही सीधे एस.एस.बी. इंटरव्यू दे सकते हैं। एन.सी.सी. का कैडेट तय मानकों के बाद भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।

मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्‍थापना 16 अप्रैल, 1948 में की गई थी।
  • यह अनुशासित और देशभक्त नागरिकों में देश के युवाओं को संवारने में लगे हुए सेना, नौसेना और वायु सेना का एक त्रिकोणीय सेवा संगठन है।
  • भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर के माध्यम से उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों और पूरे भारत में विश्वविद्यालयों के कैडेटों को छोटे हथियारों और परेड में बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है।
  • भारत के सभी राज्‍यों की राजधानियों में एनसीसी का स्‍थापना दिवस मनाया जाता है, जिसमें कैडेट मार्च पास्‍ट, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक विकास के कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेते हैं।
  • एनसीसी समाज कल्‍याण के कार्यों में भी आगे रहा है। अतीत में अनेक गतिविधियों के जरिए और खेल-कूद में भी वह आगे रहा है तथा निशानेबाजी और घुड़सवारी में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अनेक सम्‍मान अर्जित किये हैं।[4]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. एनसीसी की उत्पत्ति (हिन्दी) आधिकारिक वेबसाइट, दिल्ली सरकार। अभिगमन तिथि: 25 नवम्बर, 2014।
  2. एनसीसी, अनुशासन की शिक्षा (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 25 नवम्बर, 2014।
  3. युवाओं के सपनों को उड़ान देगी एनसीसी (हिन्दी) अमर उजाला.कॉम। अभिगमन तिथि: 25 नवम्बर, 2014।
  4. एनसीसी ने मनाया स्‍थापना दिवस (हिन्दी) स्वतंत्र आवाज। अभिगमन तिथि: 22 नवम्बर, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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