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वर्ष [[1950]] के दशक में [[रवि शंकर|पंडित रवि शंकर]] | '''अन्नपूर्णा देवी''' वर्ष [[1950]] के दशक में [[रवि शंकर|पंडित रवि शंकर]] के साथ युगल संगीतकार के रूप में अपनी प्रस्तुतियाँ देती रहीं, विशेषकर अपने भाई [[अली अकबर ख़ान]] के संगीत विद्यालय में। लेकिन बाद में रवि शंकर कार्यक्रमों के दौरान संगीत को लेकर अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे क्योंकि दर्शक रवि शंकर की अपेक्षा अन्नपूर्णा के लिए अधिक तालियाँ और उत्साह दिख़ाने लगे थे। इसके परिणाम स्वरूप अन्नपूर्णा ने सार्वजानिक कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति न देने का निश्चय कर लिया।<ref>{{cite web |url=http://www.itshindi.com/annapurna-devi.html |title=अन्नपूर्णा देवी |accessmonthday=24 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.itshindi.com |language=हिंदी }}</ref> | ||
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अलाउद्दीन ख़ान के अनेक शिष्यों में से एक | अलाउद्दीन ख़ान के अनेक शिष्यों में से एक रवि शंकर भी थे और उनका [[विवाह]] अन्नपूर्णा से करा दिया गया। इन दोनों का विवाह वर्ष [[1941]] में हो गया था। उस समय रवि शंकर की उम्र 21 वर्ष और अन्नपूर्णा की उम्र मात्र 14 वर्ष थी। हालांकि रवि शंकर एक [[हिन्दू]] परिवार से थे जबकि अन्नपूर्णा मुस्लिम परिवार से परंतु इनके पिता को इस बात से कोई एतराज नहीं था। विवाह से ठीक पहले अन्नपूर्णा देवी ने हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था। विवाह के बाद इनको एक पुत्र हुआ, जिसका नाम शुभेन्द्र शंकर था, जिनकी मात्र 50 वर्ष की अवस्था में ही वर्ष [[1992]] में निधन हो गया और जो अपने पीछे तीन बच्चों और पत्नी को छोड़ गए। | ||
लगभग 21 वर्षों तक वैवाहिक जीवन एक साथ व्यतीत करने के बाद अन्नपूर्णा का रवि शंकर के साथ किसी बात को लेकर तलाक हो गया। इसके बाद इन्होंने कभी भी फिर से सार्वजनिक मंच पर अपने गायन-वादन का प्रस्तुतिकरण नहीं किया। ये [[मुंबई]] चली गईं और वहां पर एकाकी जीवन व्यतीत करने लगीं एवं संगीत का शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया। वर्ष [[1982]] में इन्होंने अपने से 13 वर्ष छोटे रूशी कुमार पंड्या से पुन: विवाह कर लिया, जिनका वर्ष [[2013]] में निधन हो गया। | लगभग 21 वर्षों तक वैवाहिक जीवन एक साथ व्यतीत करने के बाद अन्नपूर्णा का रवि शंकर के साथ किसी बात को लेकर तलाक हो गया। इसके बाद इन्होंने कभी भी फिर से सार्वजनिक मंच पर अपने गायन-वादन का प्रस्तुतिकरण नहीं किया। ये [[मुंबई]] चली गईं और वहां पर एकाकी जीवन व्यतीत करने लगीं एवं [[संगीत]] का शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया। वर्ष [[1982]] में इन्होंने अपने से 13 वर्ष छोटे रूशी कुमार पंड्या से पुन: विवाह कर लिया, जिनका वर्ष [[2013]] में निधन हो गया। | ||
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10:43, 29 जून 2017 का अवतरण
अन्नपूर्णा देवी का जीवन परिचय
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पूरा नाम | अन्नपूर्णा देवी |
अन्य नाम | रोशनआरा ख़ान |
जन्म | 23 अप्रैल, 1927 |
जन्म भूमि | मध्य प्रदेश |
अभिभावक | पित- अलाउद्दीन ख़ान और माता- मदनमंजरी देवी |
पति/पत्नी | पंडित रवि शंकर और रूशी कुमार पंड्या |
संतान | शुभेन्द्र शंकर |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | संगीत कला |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 'संगीत नाटक अकादमी अवार्ड’ |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | अन्नपूर्णा देवी ने आजीवन कोई म्यूजिक एल्बम नहीं बनाया। कहा जाता है कि उनके कुछ संगीत कार्यक्रमों को गुप्त रूप से रिकॉर्ड कर लिया गया था, जो आजकल देखने को मिल जाता है। |
अद्यतन | 18:36, 28 जून 2017 (IST)
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अन्नपूर्णा देवी वर्ष 1950 के दशक में पंडित रवि शंकर के साथ युगल संगीतकार के रूप में अपनी प्रस्तुतियाँ देती रहीं, विशेषकर अपने भाई अली अकबर ख़ान के संगीत विद्यालय में। लेकिन बाद में रवि शंकर कार्यक्रमों के दौरान संगीत को लेकर अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे क्योंकि दर्शक रवि शंकर की अपेक्षा अन्नपूर्णा के लिए अधिक तालियाँ और उत्साह दिख़ाने लगे थे। इसके परिणाम स्वरूप अन्नपूर्णा ने सार्वजानिक कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति न देने का निश्चय कर लिया।[1]
प्रारम्भिक जीवन
अन्नपूर्णा देवी (रोशनआरा ख़ान) का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा को 23 अप्रैल, 1927 को ब्रिटिश कालीन भारतीय राज्य मध्य क्षेत्र (वर्तमान मध्य प्रदेश) के मैहर में हुआ था। इनके पिता का नाम अलाउद्दीन ख़ान तथा माता का नाम मदनमंजरी देवी था। इनके एकमात्र भाई उस्ताद अली अकबर ख़ान तथा तीन बहनें शारिजा, जहानारा और स्वयं अन्नपूर्णा (रोशनारा ख़ान) थीं।
- पारिवारिक जीवन
अलाउद्दीन ख़ान के अनेक शिष्यों में से एक रवि शंकर भी थे और उनका विवाह अन्नपूर्णा से करा दिया गया। इन दोनों का विवाह वर्ष 1941 में हो गया था। उस समय रवि शंकर की उम्र 21 वर्ष और अन्नपूर्णा की उम्र मात्र 14 वर्ष थी। हालांकि रवि शंकर एक हिन्दू परिवार से थे जबकि अन्नपूर्णा मुस्लिम परिवार से परंतु इनके पिता को इस बात से कोई एतराज नहीं था। विवाह से ठीक पहले अन्नपूर्णा देवी ने हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था। विवाह के बाद इनको एक पुत्र हुआ, जिसका नाम शुभेन्द्र शंकर था, जिनकी मात्र 50 वर्ष की अवस्था में ही वर्ष 1992 में निधन हो गया और जो अपने पीछे तीन बच्चों और पत्नी को छोड़ गए।
लगभग 21 वर्षों तक वैवाहिक जीवन एक साथ व्यतीत करने के बाद अन्नपूर्णा का रवि शंकर के साथ किसी बात को लेकर तलाक हो गया। इसके बाद इन्होंने कभी भी फिर से सार्वजनिक मंच पर अपने गायन-वादन का प्रस्तुतिकरण नहीं किया। ये मुंबई चली गईं और वहां पर एकाकी जीवन व्यतीत करने लगीं एवं संगीत का शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया। वर्ष 1982 में इन्होंने अपने से 13 वर्ष छोटे रूशी कुमार पंड्या से पुन: विवाह कर लिया, जिनका वर्ष 2013 में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्नपूर्णा देवी (हिंदी) www.itshindi.com। अभिगमन तिथि: 24 जून, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
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