"विश्व हिन्दी सम्मेलन 2007": अवतरणों में अंतर
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#वर्धा स्थित 'महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय' में विदेशी [[हिन्दी]] विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए। | #वर्धा स्थित 'महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय' में विदेशी [[हिन्दी]] विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए। | ||
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10:19, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
आठवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन वर्ष 2007 में 13 जुलाई से 15 जुलाई तक संयुक्त राज्य अमरीका की राजधानी न्यूयॉर्क में हुआ। इस सम्मेलन का केन्द्रीय विषय था- "विश्व मंच पर हिन्दी"।
- इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विदेश मन्त्रालय द्वारा किया गया था।
- न्यूयॉर्क में सम्मेलन के आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्था अमरीका की हिन्दी सेवी संस्थाओं के सहयोग से भारतीय विद्या भवन ने की थी। इसके लिए एक विशेष वेवसाइट का निर्माण भी किया गया था। इसे प्रभासाक्षी.कॉम के समूह सम्पादक बालेन्दु शर्मा दाधीच के नेतृत्व वाले प्रकोष्ठ ने विकसित किया था।
पारित प्रस्ताव
'आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन' में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए थे-
- विश्व हिन्दी सचिवालय के कामकाज को हिन्दी सक्रिय करने एवं उद्देश्य परक बनाने के लिए सचिवालय को भारत तथा मॉरीशस की सरकार सभी प्रकार की प्रशासनिक एवं आर्थिक सहायता प्रदान करें और दिल्ली सहित विश्व के चार-पाँच अन्य देशों में इस सचिवालय के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने पर विचार किया जाए। सम्मेलन सचिवालय यह आह्वान करता है कि हिन्दी भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए विश्व मंच पर हिन्दी वेबसाइट बनाई जाए।
- केंद्रीय हिन्दी संस्थान भी विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार व पाठ्यक्रमों के निर्माण में अपना सक्रिय सहयोग दे।
- विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पीठ की स्थापना पर विचार-विमर्श किया जाए।
- हिन्दी को साहित्य के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और वाणिज्य की भाषा बनाया जाए।
- विदेशों में हिन्दी शिक्षण और देवनागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दूसरी भाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम बनाया जाए तथा हिन्दी के शिक्षकों को मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था की जाए।
- भारत द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर आयोजित की जाने वाली संगोष्ठियों व सम्मेलनों में हिन्दी को प्रोत्साहित किया जाए।
- हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विषयों पर सरल एवं उपयोगी हिन्दी पुस्तकों के सृजन को प्रोत्साहित किया जाए। हिन्दी में सूचना प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के प्रभावी उपाय किए जाएं। एक सर्वमान्य व सर्वत्र उपलब्ध यूनिकोड को विकसित व सर्वसुलभ बनाया जाए।
- विदेशों में जिन विश्वविद्यालयों तथा स्कूलों में हिन्दी का अध्ययन-अध्यापन होता है, उनका एक डेटाबेस बनाया जाए और हिन्दी अध्यापकों की एक सूची भी तैयार की जाए।
- यह सम्मेलन विश्व के सभी हिन्दी प्रेमियों और विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों तथा विदेशों में कार्यरत भारतीय राष्ट्रिकों से भी अनुरोध करता है कि वे विदेशों में हिन्दी भाषा, साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान करें।
- वर्धा स्थित 'महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय' में विदेशी हिन्दी विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए।
साँचा:विश्व हिन्दी सम्मेलन श्रृंखला
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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