"आदित्य (चोल वंश)": अवतरणों में अंतर

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*880 ई. के लगभग [[विजयालय]] का पुत्र आदित्य चोल मण्डल का स्वामी बना।  
*880 ई. के लगभग [[विजयालय]] का पुत्र आदित्य चोल मण्डल का स्वामी बना।  
*उसने पल्लव राजा अपराजितवर्मा को परास्त कर 895 ई. के लगभग [[कांची|काञ्जी]] पर क़ब्ज़ा कर लिया, और सम्पूर्ण पल्लव राज्य को अपनी अधीनता में ले लिया।  
*उसने पल्लव राजा अपराजितवर्मा को परास्त कर 895 ई. के लगभग [[कांची|काञ्जी]] पर क़ब्ज़ा कर लिया, और सम्पूर्ण पल्लव राज्य को अपनी अधीनता में ले लिया।  
*पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति [[राष्ट्रकूट|राष्ट्रकूटों]] के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।  
*पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति [[राष्ट्रकूट साम्राज्य|राष्ट्रकूटों]] के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।  
*तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और [[गंग वंश]] के राजा को अपना सामन्त बनाया।
*तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और [[गंग वंश]] के राजा को अपना सामन्त बनाया।



09:15, 29 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • 880 ई. के लगभग विजयालय का पुत्र आदित्य चोल मण्डल का स्वामी बना।
  • उसने पल्लव राजा अपराजितवर्मा को परास्त कर 895 ई. के लगभग काञ्जी पर क़ब्ज़ा कर लिया, और सम्पूर्ण पल्लव राज्य को अपनी अधीनता में ले लिया।
  • पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति राष्ट्रकूटों के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।
  • तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और गंग वंश के राजा को अपना सामन्त बनाया।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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