"गीता 8:2": अवतरणों में अंतर
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मधुसूदन = हे मधुसूदन ; अत्र = | मधुसूदन = हे मधुसूदन ; अत्र = यहाँ ; अधियज्ञ: = अधियज्ञ ; क: = कौन है (और वह) ; अस्मिन् = इस ; देहे = शरीर में ; कथम् = कैसे है ; च = और ; नियतात्मभि: = युक्त चित्त वाले पुरुषों द्वारा ; प्रयाणकाले = अन्त समय में (आप) ; कथम् = किस प्रकार ; ज्ञेय: असि = जानने में आते हो ; | ||
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14:42, 20 अप्रैल 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-8 श्लोक-2 / Gita Chapter-8 Verse-2
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