"कुणाल (अशोक का पुत्र)": अवतरणों में अंतर

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*यह धर्मविवर्धन के माता थी।  
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*यही '''धर्मविवर्धन''' आगे '''कुणाल''' नाम से विख्यात हुआ।
*यही '''धर्मविवर्धन''' आगे '''कुणाल''' नाम से विख्यात हुआ।
*[[फाहियान]] <ref>लेग्गे का अनुवाद, पृ. 31</ref> ने धर्मविवर्धन नाम के [[अशोक]] के एक [[पुत्र]] का भी उल्लेख किया है, जो [[गंधार]] का '''वाइसराय''' था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दिव्यावदान के अनुसार अशोक ने अपनी रानी पद्मावती में उत्पन्न अपने नवजात पुत्र को धर्मविवर्धन नाम दिया था। पर जैसा उसके साथ गये मंत्रियों ने कहा था शिशु की आँखें हिमालय के कुणाल पक्षी की तरह थीं। इसलिए अशोक ने उसे कुणाल कहना शुरू कर दिया था। दिव्यावदान, अध्याय 27,
  2. लेग्गे का अनुवाद, पृ. 31

मुखर्जी, राधाकुमुद अशोक (हिंदी)। नई दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास, 8।

बाहरी कड़ियाँ

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