"कर्कोटक जाति": अवतरणों में अंतर
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'कारस्करान् माहिष्कान् कुरंडान् केरलांस्तथा कर्कोटकान् वीरकांश्च दुर्धर्मांश्च विवर्यजेत्।'<ref>[[कर्ण पर्व महाभारत]] 44, 43</ref> अर्थात् कारस्कर, माहिषक, कुरंड, [[केरल]], कर्कोटक और वीरक दूषित धर्म वाले हैं, इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए। कर्कोटक नामक नाग जाति का उल्लेख [[महाभारत]] की [[नल]] [[दमयंती]] की कथा में है। यह जाति संभवत: [[विंध्याचल]] के घने जंगलों में रहती थी। उन्हीं के निवास स्थान के प्रदेश का नाम कर्कोटक माना जा सकता है। | 'कारस्करान् माहिष्कान् कुरंडान् केरलांस्तथा कर्कोटकान् वीरकांश्च दुर्धर्मांश्च विवर्यजेत्।'<ref>[[कर्ण पर्व महाभारत]] 44, 43</ref> अर्थात् कारस्कर, माहिषक, [[कुरंड]], [[केरल]], कर्कोटक और वीरक दूषित धर्म वाले हैं, इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए। कर्कोटक नामक नाग जाति का उल्लेख [[महाभारत]] की [[नल]] [[दमयंती]] की कथा में है। यह जाति संभवत: [[विंध्याचल]] के घने जंगलों में रहती थी। उन्हीं के निवास स्थान के प्रदेश का नाम कर्कोटक माना जा सकता है। | ||
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13:54, 8 अगस्त 2012 का अवतरण
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'कारस्करान् माहिष्कान् कुरंडान् केरलांस्तथा कर्कोटकान् वीरकांश्च दुर्धर्मांश्च विवर्यजेत्।'[1] अर्थात् कारस्कर, माहिषक, कुरंड, केरल, कर्कोटक और वीरक दूषित धर्म वाले हैं, इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए। कर्कोटक नामक नाग जाति का उल्लेख महाभारत की नल दमयंती की कथा में है। यह जाति संभवत: विंध्याचल के घने जंगलों में रहती थी। उन्हीं के निवास स्थान के प्रदेश का नाम कर्कोटक माना जा सकता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कर्ण पर्व महाभारत 44, 43