"जैसलमेर पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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[[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए इस दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन [[जैन]] मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है, जिसमें प्राचीन [[संस्कृत]] तथा [[प्राकृत]] पांडुलिपियाँ रखी हुई हैं। | [[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए इस दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन [[जैन]] मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है, जिसमें प्राचीन [[संस्कृत]] तथा [[प्राकृत]] पांडुलिपियाँ रखी हुई हैं। | ||
इसके आसपास का क्षेत्र, जो पहले एक रियासत था, लगभग पूरी तरह रेतीला बंजर इलाक़ा है और [[थार मरुस्थल]] का एक हिस्सा है। यहाँ की एकमात्र काकनी नदी काफ़ी बड़े इलाके में फैल कर भिज झील का निर्माण करती है। | इसके आसपास का क्षेत्र, जो पहले एक रियासत था, लगभग पूरी तरह रेतीला बंजर इलाक़ा है और [[थार मरुस्थल]] का एक हिस्सा है। यहाँ की एकमात्र [[काकनी नदी]] काफ़ी बड़े इलाके में फैल कर भिज झील का निर्माण करती है। | ||
जैसलमेर, ज़िले का प्रमुख नगर हैं जो नक़्क़ाशीदार हवेलियों, गलियों, प्राचीन जैन मंदिरों, मेलों और उत्सवों के लिये प्रसिद्ध हैं। निकट ही 'सम' गाँव में रेत के टीलों का पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्त्व हैं। यहाँ का [[सोनार क़िला जैसलमेर|सोनार क़िला]] राजस्थान के श्रेष्ठ धान्वन दुर्गों में माना जाता हैं। | जैसलमेर, ज़िले का प्रमुख नगर हैं जो नक़्क़ाशीदार हवेलियों, गलियों, प्राचीन जैन मंदिरों, मेलों और उत्सवों के लिये प्रसिद्ध हैं। निकट ही 'सम' गाँव में रेत के टीलों का पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्त्व हैं। यहाँ का [[सोनार क़िला जैसलमेर|सोनार क़िला]] राजस्थान के श्रेष्ठ धान्वन दुर्गों में माना जाता हैं। | ||
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*यहाँ पुराने खंडहरों के बीच केवल एक प्राचीन जैन मंदिर ही काल-कवलित होने से बचा है। यह केवल एक सहस्त्र वर्ष प्राचीन है। | *यहाँ पुराने खंडहरों के बीच केवल एक प्राचीन जैन मंदिर ही काल-कवलित होने से बचा है। यह केवल एक सहस्त्र वर्ष प्राचीन है। | ||
*जैसलमेर के शासक '''महारावल''' कहलाते थे। | *जैसलमेर के शासक '''महारावल''' कहलाते थे। | ||
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10:02, 30 दिसम्बर 2012 का अवतरण
जैसलमेर राजस्थान का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए इस दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन जैन मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है, जिसमें प्राचीन संस्कृत तथा प्राकृत पांडुलिपियाँ रखी हुई हैं। इसके आसपास का क्षेत्र, जो पहले एक रियासत था, लगभग पूरी तरह रेतीला बंजर इलाक़ा है और थार मरुस्थल का एक हिस्सा है। यहाँ की एकमात्र काकनी नदी काफ़ी बड़े इलाके में फैल कर भिज झील का निर्माण करती है।
जैसलमेर, ज़िले का प्रमुख नगर हैं जो नक़्क़ाशीदार हवेलियों, गलियों, प्राचीन जैन मंदिरों, मेलों और उत्सवों के लिये प्रसिद्ध हैं। निकट ही 'सम' गाँव में रेत के टीलों का पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्त्व हैं। यहाँ का सोनार क़िला राजस्थान के श्रेष्ठ धान्वन दुर्गों में माना जाता हैं।
पर्यटन स्थल
- जैसलमेर क़िला
- सोनार क़िला
- कलात्मक हवेलियाँ
- गडसीसर जलाशय एवं टीला की पोल
- बादल विलास
- जवाहर विलास
- अमरसागर
- बड़ाबाग
- मूल सागर
- गजरूप सागर
- लौद्रवा
- सम के टीले
- पोकरण
- रामदेवरा
- तनोट
- मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान
- आंकल वुड फॉसिल पार्क
प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक
- जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का क़िला है। यह 1155 ई. में निर्मित हुआ था। यह स्थापत्य का सुंदर नमूना है। इसमें बारह सौ घर हैं।
- 15वीं शती में निर्मित जैन मंदिरों के तोरणों, स्तंभों, प्रवेशद्वारों आदि पर जो बारीक नक़्क़ाशी व शिल्प प्रदर्शित है उन्हें देखकर दाँतो तले उँगली दबानी पड़ती है। कहा जाता है कि जावा, बाली आदि प्राचीन हिन्दू व बौद्ध उपनिवेशों के स्मारकों में जो भारतीय वास्तु व मूर्तिकला प्रदर्शित है उससे जैसलमेर के जैन मंदिरों की कला का अनोखा साम्य है।
- क़िले में लक्ष्मीनाथ जी का मंदिर अपने भव्य सौंदर्य के लिए प्रख्यात है।
- नगर से चार मील दूर अमरसागर के मंदिर में मकराना के संगमरमर की बनी हुई जालियाँ हैं।
- जैसलमेर की पुरानी राजधानी 'लोद्रवापुर' थी।
- यहाँ पुराने खंडहरों के बीच केवल एक प्राचीन जैन मंदिर ही काल-कवलित होने से बचा है। यह केवल एक सहस्त्र वर्ष प्राचीन है।
- जैसलमेर के शासक महारावल कहलाते थे।
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