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|600–1200 ई. | |600–1200 ई. | ||
|[[मौखरि वंश]] के शासक [[यशोवर्मन]] की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, [[बंगाल]] में गौड़, खंग, [[वर्मन वंश|वर्मन]], [[पाल वंश|पाल]] तथा [[सेन वंश]], [[उज्जैन]] में [[गुर्जर]]-[[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार]], [[कन्नौज]] में | |[[मौखरि वंश]] के शासक [[यशोवर्मन]] की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, [[बंगाल]] में गौड़, खंग, [[वर्मन वंश|वर्मन]], [[पाल वंश|पाल]] तथा [[सेन वंश]], [[उज्जैन]] में [[गुर्जर]]-[[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार]], [[कन्नौज]] में प्रतिहार, [[उड़ीसा]] में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी [[गंग वंश]], [[असम]] में [[भास्कर वर्मा]], [[गुजरात]] में [[चालुक्य वंश|चालुक्य]], धारा में [[परमार वंश|परमार]], [[नर्मदा]]-[[त्रिपुरी]] तथा [[उत्तर प्रदेश]] में [[कलचुरी वंश|कलचुरी]], [[राजस्थान]] में चाहमान ([[चौहान वंश|चौहान]]), [[बुंदेलखण्ड]] में [[चंदेल वंश|चंदेल]], [[कन्नौज]] में [[गहड़वाल वंश|गहड़वाल]], [[कश्मीर]] में [[कार्कोट वंश|कार्कोट]], [[उत्पल वंश|उत्पल]] तथा [[लोहार वंश|लोहार]], [[अफ़ग़ानिस्तान]]- [[पंजाब]] में [[हिन्दू शाही वंश]]। | ||
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|606–647 ई. | |606–647 ई. | ||
|हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री [[ह्वेन त्सांग]] का भारत आगमन (630-44), [[बाणभट्ट]] ने 'हर्षचरित' की रचना की। | |[[हर्षवर्धन|हर्ष]] (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री [[ह्वेन त्सांग]] का भारत आगमन (630-44), [[बाणभट्ट]] ने '[[हर्षचरित]]' की रचना की। | ||
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|630–970 ई. | |630–970 ई. | ||
|पूर्वी दक्कन में वेंगी के पूर्वी चालुक्यों का शासनकाल। (दक्षिण भारत) | |पूर्वी दक्कन में वेंगी के पूर्वी [[चालुक्य|चालुक्यों]] का शासनकाल। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|636–637 ई. | |636–637 ई. | ||
|ख़लीफ़ा उमर के समय में अरबों का भारत पर पहला अभिलिखित हमला। (दक्षिण भारत) | |ख़लीफ़ा उमर के समय में अरबों का [[भारत]] पर पहला अभिलिखित हमला। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|643 ई. | |643 ई. | ||
|चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] की [[चीन]] वापसी। (दक्षिण भारत) | |चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] की [[चीन]] वापसी। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|647 ई. | |647 ई. | ||
|[[तिब्बत]] से [[कन्नौज]] आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला। [[हर्षवर्धन]] की मृत्यु, [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] पर हमला। (दक्षिण भारत) | |[[तिब्बत]] से [[कन्नौज]] आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला। [[हर्षवर्धन]] की मृत्यु, [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] पर हमला। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|674 ई. | |674 ई. | ||
|विक्रमादित्य प्रथम चालुक्य और परमेश्वर वर्मा प्रथम [[पल्लव]] शासक बने। (दक्षिण भारत) | |[[विक्रमादित्य प्रथम]] चालुक्य और परमेश्वर वर्मा प्रथम [[पल्लव]] शासक बने। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|675–685 ई. | |675–685 ई. | ||
|तीसरे चीन यात्री इत्सिंग का [[नालन्दा]] आवास। (दक्षिण भारत) | |तीसरे चीन यात्री [[इत्सिंग]] का [[नालन्दा]] आवास। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|700 ई. | |700 ई. | ||
|[[कन्नौज]] में यशोवर्मन ([[मौखरी वंश]]) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार [[भवभूति]] तथा प्राकृत [[कवि]] वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण। | |[[कन्नौज]] में [[यशोवर्मन]] ([[मौखरी वंश]]) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार [[भवभूति]] तथा प्राकृत [[कवि]] वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण। | ||
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|700–900 ई. | |700–900 ई. | ||
|[[दक्षिण भारत]] में [[आलवार|आलवारों]] ([[वैष्णव]]) का भक्ति आंदोलन, भक्ति संग्रह 'प्रबंधम्' की रचना। | |[[दक्षिण भारत]] में [[आलवार|आलवारों]] ([[वैष्णव]]) का [[भक्ति आंदोलन]], भक्ति संग्रह 'प्रबंधम्' की रचना। | ||
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|712 ई. | |712 ई. | ||
|[[मुहम्मद बिन क़ासिम]] के नेतृत्व में भारत पर प्रथम [[अरब देश|अरब]] आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन। (पश्चिम भारत), मुहम्मद बिन क़ासिम का सिन्ध पर आक्रमण, देवलगढ़ विजय, निरुन की लड़ाई में [[हिन्दू]] राजा दाहिर की मृत्यु, क़ासिम की ब्राह्मणाबाद पर विजय। | |[[मुहम्मद बिन क़ासिम]] के नेतृत्व में [[भारत]] पर प्रथम [[अरब देश|अरब]] आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन। ([[पश्चिम भारत]]), मुहम्मद बिन क़ासिम का [[सिन्ध]] पर आक्रमण, देवलगढ़ विजय, निरुन की लड़ाई में [[हिन्दू]] राजा दाहिर की मृत्यु, क़ासिम की ब्राह्मणाबाद पर विजय। | ||
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|[[कन्नौज]] में मौखरी शासक यशोवर्मन सिंहासनरुढ़। | |[[कन्नौज]] में [[मौखरी वंश|मौखरी]] शासक [[यशोवर्मन]] सिंहासनरुढ़। | ||
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|[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक [[मिहिरभोज]] या भोज का शासन। ([[पश्चिम भारत]]) | |[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक [[मिहिरभोज]] या [[भोज]] का शासन। ([[पश्चिम भारत]]) | ||
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|986–87 ई. | |986–87 ई. | ||
|खुरासनी शासक अलप्तगीन के ग़ुलाम सुबुक्तगीन का [[काबुल]]-[[कंधार]] में हिन्दूशाही शासक जयपाल पर प्रथम आक्रमण, जयपाल पराजित। | |खुरासनी शासक अलप्तगीन के ग़ुलाम सुबुक्तगीन का [[काबुल]]-[[कंधार]] में हिन्दूशाही शासक [[जयपाल]] पर प्रथम आक्रमण, जयपाल पराजित। | ||
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|1026 ई. | |1026 ई. | ||
|अन्तिम हिन्दूशाही शासक भीमपाल की मृत्यु, [[काबुल]]-कंधार के | |अन्तिम [[हिन्दूशाही वंश|हिन्दूशाही]] शासक भीमपाल की मृत्यु, [[काबुल]]-कंधार के [[हिन्दू शाही वंश]] का अन्त। | ||
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|1027 ई. | |1027 ई. | ||
|[[जाट|जाटों]] को कुचलने के लिए महमूद का [[भारत]] ([[गुजरात]]- | |[[जाट|जाटों]] को कुचलने के लिए [[महमूद गज़नवी|महमूद]] का [[भारत]] ([[गुजरात]]-[[सिन्ध]]) पर 17वाँ व अन्तिम आक्रमण। | ||
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|1052–64 ई. | |1052–64 ई. | ||
|राजेन्द्र द्वितीय का शासनकाल। ([[दक्षिण भारत]]) | |[[राजेन्द्र द्वितीय]] का शासनकाल। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1070–1120 ई. | |1070–1120 ई. | ||
|कुलोत्तुंग प्रथम का शासनकाल, [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र]] का चोल राज्य में विलेय (1076)। ([[दक्षिण भारत]]) | |[[कुलोत्तुंग प्रथम]] का शासनकाल, [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र]] का चोल राज्य में विलेय (1076)। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1120–1267 ई. | |1120–1267 ई. | ||
|परवर्ती चोल शासकों का काल। ([[दक्षिण भारत]]) | |परवर्ती [[चोल]] शासकों का काल। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1131 ई. | |1131 ई. | ||
|[[कर्नाटक]] में [[लिंगायत सम्प्रदाय]] के संस्थापक संत बासवेश्वर या बासव का जन्म। ([[दक्षिण भारत]]) | |[[कर्नाटक]] में [[लिंगायत सम्प्रदाय]] के संस्थापक [[बासवेश्वर|संत बासवेश्वर]] या बासव का जन्म। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1192 ई. | |1192 ई. | ||
|तराईन का दूसरा युद्ध, [[मोहम्मद गौरी]] के हाथों [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] की हार, गौरी का ग़ुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक भारत का सूबेदार नियुक्त, [[मेरठ]] एवं कौल ([[अलीगढ़]]) पर अधिकार। | |तराईन का दूसरा युद्ध, [[मोहम्मद गौरी]] के हाथों [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] की हार, गौरी का ग़ुलाम [[कुतुबुद्दीन ऐबक]] [[भारत]] का [[सूबेदार]] नियुक्त, [[मेरठ]] एवं कौल ([[अलीगढ़]]) पर अधिकार। | ||
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|1192–1193 ई. | |1192–1193 ई. | ||
|[[दिल्ली]] पर कुतुबुद्दीन ऐबक का आधिपत्य। | |[[दिल्ली]] पर [[कुतुबुद्दीन ऐबक]] का आधिपत्य। | ||
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|1197 ई. | |1197 ई. | ||
|द्वैतवादी सम्प्रदाय के आचार्य महादेव मध्वाचार्य का जन्म। | |द्वैतवादी सम्प्रदाय के आचार्य महादेव [[मध्वाचार्य]] का जन्म। | ||
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|1206 ई. | |1206 ई. | ||
|कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 'दिल्ली सल्तनत' की स्थापना; दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाले प्रथम वंश- 'इल्बरी वंश' की स्थापना; क़ुतुबमीनार का निर्माण आरम्भ। | |[[कुतुबुद्दीन ऐबक]] द्वारा '[[दिल्ली सल्तनत]]' की स्थापना; दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाले प्रथम वंश- 'इल्बरी वंश' की स्थापना; [[क़ुतुबमीनार]] का निर्माण आरम्भ। | ||
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|1210 ई. | |1210 ई. | ||
|ऐबक की मृत्यु, आरामशाह उत्तराधिकारी बना। | |ऐबक की मृत्यु, [[आरामशाह]] उत्तराधिकारी बना। | ||
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|1211–1236 ई. | |1211–1236 ई. | ||
|[[इल्तुतमिश]] का शासनकाल, रणथम्भौर विजय (1226)। | |[[इल्तुतमिश]] का शासनकाल, [[रणथम्भौर]] विजय (1226)। | ||
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|1221 ई. | |1221 ई. | ||
|भारत पर [[चंगेज़ ख़ाँ]] का हमला। | |[[भारत]] पर [[चंगेज़ ख़ाँ]] का हमला। | ||
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|1228 ई. | |1228 ई. | ||
|बग़दाद के ख़लीफ़ा से इल्तुतमिश को खिल्लत अर्थात् इस्लामी शासक के रूप में मान्यता। | |[[बग़दाद]] के ख़लीफ़ा से [[इल्तुतमिश]] को खिल्लत अर्थात् इस्लामी शासक के रूप में मान्यता। | ||
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|1229 ई. | |1229 ई. | ||
|प्रथम यूरोपीय यात्री मान्टे कैर्बनो (इटली) का भारत आगमन। | |प्रथम यूरोपीय यात्री मान्टे कैर्बनो ([[इटली]]) का [[भारत]] आगमन। | ||
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|1236 ई. | |1236 ई. | ||
|[[इल्तुतमिश]] के उत्तराधिकारी रूकनुद्दीन फ़िरोज की मृत्यु, रजिया सुल्तान गद्दी पर बैठी। | |[[इल्तुतमिश]] के उत्तराधिकारी रूकनुद्दीन फ़िरोज की मृत्यु, [[रजिया सुल्तान]] गद्दी पर बैठी। | ||
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|1239 ई. | |1239 ई. | ||
|मलिक अल्तुनिया का विद्रोह। | |[[मलिक अल्तुनिया]] का विद्रोह। | ||
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|1240 ई. | |1240 ई. | ||
|रजिया सुल्तान की हत्या। | |[[रजिया सुल्तान]] की हत्या। | ||
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|1241 ई. | |1241 ई. | ||
|भारत पर मंगोलों का प्रथम आक्रमण। | |[[भारत]] पर [[मंगोल|मंगोलों]] का प्रथम आक्रमण। | ||
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|1246 ई. | |1246 ई. | ||
|सुल्तान नसीरुद्दीन गद्दी पर आसीन, 1265 में उसकी मृत्यु। | |[[सुल्तान नसीरुद्दीन]] गद्दी पर आसीन, 1265 में उसकी मृत्यु। | ||
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|1266 ई. | |1266 ई. | ||
|ग़यासुद्दीन बलबल गद्दी पर बैठा। | |[[ग़यासुद्दीन बलबल]] गद्दी पर बैठा। | ||
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|1279 ई. | |1279 ई. | ||
|बंगाल में तुगरिल ख़ाँ का विद्रोह। | |[[बंगाल]] में [[तुगरिल ख़ाँ]] का विद्रोह। | ||
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|1295–1316 ई. | |1295–1316 ई. | ||
|[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, राज्य-विस्तार अभियान प्रारम्भ; [[गुजरात]] (1299), रणथम्भौर (1301), [[चित्तौड़]] (1303), [[मालवा]] (1305), मलिक काफ़ूर क नेतृत्व में दक्कन अभियान, 1320-1325-अलाउद्दीन की मृत्यु | |[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, राज्य-विस्तार अभियान प्रारम्भ; [[गुजरात]] (1299), [[रणथम्भौर]] (1301), [[चित्तौड़]] (1303), [[मालवा]] (1305), [[मलिक काफ़ूर]] क नेतृत्व में दक्कन अभियान, 1320-1325-अलाउद्दीन की मृत्यु | ||
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|1320–1325 ई. | |1320–1325 ई. | ||
|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ (गाज़ी मलिक) [[दिल्ली]] का सुल्तान बना, [[तुग़लक़ वंश]] की स्थापना, काकतीय तथा [[पाण्डव|पाण्ड्यों]] के राज्य का दिल्ली सल्तनत में विलय (1321-1323)। | |[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] (गाज़ी मलिक) [[दिल्ली]] का सुल्तान बना, [[तुग़लक़ वंश]] की स्थापना, [[काकतीय वंश|काकतीय]] तथा [[पाण्डव|पाण्ड्यों]] के राज्य का [[दिल्ली सल्तनत]] में विलय (1321-1323)। | ||
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|1326–1327 ई. | |1326–1327 ई. | ||
|[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा [[दिल्ली]] से [[दौलताबाद]] राजधानी का स्थानान्तरण। | |[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा [[दिल्ली]] से [[दौलताबाद]] [[राजधानी]] का स्थानान्तरण। | ||
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|1330 ई. | |1330 ई. | ||
|[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा प्रयोग के तौर पर सोने के स्थान पर ताँबे के सिक्के जारी किए गए। | |[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा प्रयोग के तौर पर [[सोना|सोने]] के स्थान पर [[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के जारी किए गए। | ||
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|1336 ई. | |1336 ई. | ||
|हरिहर एवं बुक्का द्वारा विजयनगर राज्य की स्थापना। | |हरिहर एवं बुक्का द्वारा [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] राज्य की स्थापना। | ||
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|1388–1414 ई. | |1388–1414 ई. | ||
|परवर्ती तुग़लक़ शासकों का शासनकाल। | |परवर्ती [[तुग़लक़ वंश|तुग़लक़]] शासकों का शासनकाल। | ||
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|1398 ई. | |1398 ई. | ||
|[[तैमूर लंग]] का भारत पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर अधिकार, भारत में अराजकता। | |[[तैमूर लंग]] का [[भारत]] पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर अधिकार, भारत में अराजकता। | ||
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|1399 ई. | |1399 ई. | ||
|दिल्ली सल्तनत का विघटन प्रारम्भ, सूबेदारों द्वारा स्वतंत्र राज्यों की स्थापना, दिल्ली-दोआब में इक़बाल ख़ाँ, [[गुजरात]] में जफ़र ख़ाँ, सिंध-मुल्तान में ख़िज़्र ख़ाँ, महोबा-काल्पी में महमूद ख़ाँ, [[कन्नौज]] अथवा [[बिहार]] में ख्वाजा जान, धारा (इन्दौर) में दिलावर ख़ाँ, समन में ग़ालिब ख़ाँ, बयाना में शख्स ख़ाँ तथा [[ग्वालियर]] में भीमदेव द्वारा स्वतंत्र राज्य स्थापित। | |[[दिल्ली सल्तनत]] का विघटन प्रारम्भ, [[सूबेदार|सूबेदारों]] द्वारा स्वतंत्र राज्यों की स्थापना, [[दिल्ली]]-दोआब में इक़बाल ख़ाँ, [[गुजरात]] में [[जफ़र ख़ाँ]], [[सिंध]]-[[मुल्तान]] में [[ख़िज़्र ख़ाँ]], [[महोबा]]-[[काल्पी]] में महमूद ख़ाँ, [[कन्नौज]] अथवा [[बिहार]] में ख्वाजा जान, धारा ([[इन्दौर]]) में दिलावर ख़ाँ, समन में ग़ालिब ख़ाँ, बयाना में शख्स ख़ाँ तथा [[ग्वालियर]] में भीमदेव द्वारा स्वतंत्र राज्य स्थापित। | ||
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|1411–42 ई. | |1411–42 ई. | ||
|अहमदशाह द्वारा [[अहमदाबाद]] की स्थापना एवं स्वतंत्रता की घोषणा। | |[[अहमदशाह बहमनी]] द्वारा [[अहमदाबाद]] की स्थापना एवं स्वतंत्रता की घोषणा। | ||
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|1412 ई. | |1412 ई. | ||
|अन्तिम तुग़लक़ शासक [[महमूद तुग़लक|महमूद]] की मृत्यु, तुग़लक़ वंश का पतन। | |अन्तिम तुग़लक़ शासक [[महमूद तुग़लक|महमूद]] की मृत्यु, [[तुग़लक़ वंश]] का पतन। | ||
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|1414 ई. | |1414 ई. | ||
|[[दिल्ली]] पर ख़िज़्र खाँ का अधिकार। | |[[दिल्ली]] पर [[ख़िज़्र खाँ]] का अधिकार। | ||
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|1420–1421 ई. | |1420–1421 ई. | ||
|[[इटली]] के यात्री निकोलो कोंटी की भारत यात्रा। | |[[इटली]] के यात्री निकोलो कोंटी की [[भारत]] यात्रा। | ||
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|1429 ई. | |1429 ई. | ||
|[[बहमनी राज्य]] की राजधानी गुलबर्गा से [[बीदर]] स्थानान्तरित। | |[[बहमनी राज्य]] की राजधानी [[गुलबर्गा]] से [[बीदर]] स्थानान्तरित। | ||
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|1430–69 ई. | |1430–69 ई. | ||
| | |[[मेवाड़]] में [[राणा कुम्भा]] का राज्यकाल। | ||
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|1447 ई. | |1447 ई. | ||
|[[बहलोल लोदी]] का [[दिल्ली]] पर अधिकार, लोदी वंश की स्थापना। | |[[बहलोल लोदी]] का [[दिल्ली]] पर अधिकार, [[लोदी वंश]] की स्थापना। | ||
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|164 | |164 | ||
|1450 ई. | |1450 ई. | ||
|गोरखनाथ की साखियों की रचना। | |[[गोरखनाथ]] की [[साखी|साखियों]] की रचना। | ||
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|1469 ई. | |1469 ई. | ||
|सिक्ख धर्म के संस्थापक [[नानक देव, गुरु|गुरुनानक देव]] का ननकाना ([[पंजाब]]) में जन्म। | |[[सिक्ख धर्म]] के संस्थापक [[नानक देव, गुरु|गुरुनानक देव]] का [[ननकाना]] ([[पंजाब]]) में जन्म। | ||
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|1470 ई. | |1470 ई. | ||
|रूसी यात्री निकितिन की भारत यात्रा। | |रूसी यात्री [[निकितिन]] की भारत यात्रा। | ||
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|1489 ई. | |1489 ई. | ||
|सिकन्दर लोदी गद्दी पर आसीन, [[बीजापुर]] स्वाधीन। | |[[सिकन्दर लोदी]] गद्दी पर आसीन, [[बीजापुर]] स्वाधीन। | ||
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|1498 ई. | |1498 ई. | ||
|पुर्तग़ाली नाविक [[वास्कोडिगामा]] भारत में, कालीकट पहुँचा। | |पुर्तग़ाली नाविक [[वास्कोडिगामा]] [[भारत]] में, [[कालीकट]] पहुँचा। | ||
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|1502 ई. | |1502 ई. | ||
|पुर्तग़ाल के राजा जॉन द्वितीय को पोप अलेक्जेंडर षष्टम का 'बुल' प्रदान किया गया, जिससे पुर्तग़ालियों को भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार तथा भारत में राज्य स्थापित करने का औपचारिक अधिकार मिला। | |[[पुर्तग़ाल]] के राजा जॉन द्वितीय को पोप अलेक्जेंडर षष्टम का 'बुल' प्रदान किया गया, जिससे पुर्तग़ालियों को [[भारत]] के साथ व्यापार करने का एकाधिकार तथा भारत में राज्य स्थापित करने का औपचारिक अधिकार मिला। | ||
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|1504 ई. | |1504 ई. | ||
|[[इटली]] के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा दक्षिण भारत की यात्रा, काबुल पर अधिकार कर [[बाबर]] का मुल्तान की ओर प्रस्थान। | |[[इटली]] के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा [[दक्षिण भारत]] की यात्रा, [[काबुल]] पर अधिकार कर [[बाबर]] का [[मुल्तान]] की ओर प्रस्थान। | ||
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|1507 ई. | |1507 ई. | ||
|[[गुजरात]] के शासक महमूद बेगड़ा का दीव ([[गोवा]]) में पुर्तग़ालियों के विरुद्ध अभियान। | |[[गुजरात]] के शासक महमूद बेगड़ा का दीव ([[गोवा]]) में [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] के विरुद्ध अभियान। | ||
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|1509 ई. | |1509 ई. | ||
|[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] में कृष्णदेवराय सिंहासनरूढ़, पुर्तग़ाली गवर्नर [[फ़्रांसिस्को-द-अल्मेडा]] भारत आया। | |[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] में [[कृष्णदेवराय]] सिंहासनरूढ़, पुर्तग़ाली गवर्नर [[फ़्रांसिस्को-द-अल्मेडा]] [[भारत]] आया। | ||
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|1509–1527 ई. | |1509–1527 ई. | ||
|मेवाड़ में राणा सांगा का राज्यकाल। | |[[मेवाड़]] में [[राणा सांगा]] का राज्यकाल। | ||
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|1517 ई. | |1517 ई. | ||
|सिकन्दर लोदी की मृत्यु के पश्चात् इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा। | |[[सिकन्दर लोदी]] की मृत्यु के पश्चात् [[इब्राहिम लोदी]] गद्दी पर बैठा। | ||
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|1519 ई. | |1519 ई. | ||
|[[बाबर]] का भारत आगमन। | |[[बाबर]] का [[भारत]] आगमन। | ||
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|1520 ई. | |1520 ई. | ||
|[[बाबर]] का भीरा, सियालकोट पर आक्रमण। | |[[बाबर]] का भीरा, [[सियालकोट]] पर आक्रमण। | ||
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|1522 ई. | |1522 ई. | ||
|[[बाबर]] का कंधार पर अधिकार। | |[[बाबर]] का [[कंधार]] पर अधिकार। | ||
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|1523 ई. | |1523 ई. | ||
|[[लाहौर]] और सरहिन्द पर [[बाबर]] का आक्रमण, लाहौर पर अधिकार (1524)। | |[[लाहौर]] और [[सरहिन्द]] पर [[बाबर]] का आक्रमण, लाहौर पर अधिकार (1524)। | ||
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|1526 ई. | |1526 ई. | ||
|([[21 अप्रैल]]) [[बाबर]] तथा इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध, इब्राहीम लोदी की पराजय तथा मृत्यु, [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़े के साथ ही मुग़ल साम्राज्य की स्थापना। | |([[21 अप्रैल]]) [[बाबर]] तथा [[इब्राहिम लोदी]] के मध्य [[पानीपत की पहली लड़ाई|पानीपत का प्रथम युद्ध]], इब्राहीम लोदी की पराजय तथा मृत्यु, [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़े के साथ ही मुग़ल साम्राज्य की स्थापना। | ||
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|1527 ई. | |1527 ई. | ||
|राणा संग्राम सिंह तथा [[बाबर]] के मध्य खांडवा का युद्ध ([[16 मार्च]]), संग्राम सिंह पराजित। | |[[राणा संग्राम सिंह]] तथा [[बाबर]] के मध्य खांडवा का युद्ध ([[16 मार्च]]), संग्राम सिंह पराजित। | ||
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|1528 ई. | |1528 ई. | ||
|राणा संग्राम सिंह की मृत्यु, [[बाबर]] ने सहयोग के बदले [[शेरशाह]] को [[सासाराम]] ([[बिहार]]) की पैतृक जाग़ीर वापस की। | |[[राणा संग्राम सिंह]] की मृत्यु, [[बाबर]] ने सहयोग के बदले [[शेरशाह]] को [[सासाराम]] ([[बिहार]]) की पैतृक जाग़ीर वापस की। | ||
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|1531 ई. | |1531 ई. | ||
|[[गुजरात]] के बहादुरशाह का मालवा तथा [[उज्जैन]] पर अधिकार। | |[[गुजरात]] के [[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|बहादुरशाह]] का [[मालवा]] तथा [[उज्जैन]] पर अधिकार। | ||
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|1532 ई. | |1532 ई. | ||
|रायसेन, चंदेरी एवं [[मंदसौर]] पर बहादुरशाह का अधिकार तथा [[चित्तौड़]] पर पहला हमला। | |[[रायसेन]], [[चंदेरी]] एवं [[मंदसौर]] पर बहादुरशाह का अधिकार तथा [[चित्तौड़]] पर पहला हमला। | ||
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|1533 ई. | |1533 ई. | ||
|बहादुरशाह ने [[चित्तौड़]] का घेरा उठाया, रणथम्भौर तथा [[अजमेर]] पर अधिकार, वैष्णव संत चैतन्य का निधन। | |[[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|बहादुरशाह]] ने [[चित्तौड़]] का घेरा उठाया, [[रणथम्भौर]] तथा [[अजमेर]] पर अधिकार, वैष्णव संत [[चैतन्य महाप्रभु|चैतन्य]] का निधन। | ||
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|1534 ई. | |1534 ई. | ||
|[[हुमायूँ]] का मालवा को प्रस्थान, [[शेरशाह]] ने सूरजगढ़ की लड़ाई में [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के शासक महमूद ख़ाँ को परास्त किया। | |[[हुमायूँ]] का [[मालवा]] को प्रस्थान, [[शेरशाह]] ने सूरजगढ़ की लड़ाई में [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के शासक महमूद ख़ाँ को परास्त किया। | ||
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|1535 ई. | |1535 ई. | ||
|पुर्तग़ालियों की सहायता से बहादुरशाह का [[चित्तौड़]] पर अधिकार, [[हुमायूँ]] से बहादुरशाह पराजित, हुमायूँ की [[गुजरात]] तथा मालवा पर विजय। | |पुर्तग़ालियों की सहायता से बहादुरशाह का [[चित्तौड़]] पर अधिकार, [[हुमायूँ]] से बहादुरशाह पराजित, हुमायूँ की [[गुजरात]] तथा [[मालवा]] पर विजय। | ||
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|1537 ई. | |1537 ई. | ||
|[[गुजरात]] के शासक बहादुरशाह की मृत्यु। | |[[गुजरात]] के शासक [[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|बहादुरशाह]] की मृत्यु। | ||
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|1538 ई. | |1538 ई. | ||
|[[शेरशाह]] के हाथों [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का शासक महमूदशह परास्त, [[हुमायूँ]] का बंगाल पर आक्रमण, सिक्ख गुरु [[नानक देव, गुरु|नानक देव]] का निधन। | |[[शेरशाह]] के हाथों [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का शासक महमूदशह परास्त, [[हुमायूँ]] का [[बंगाल]] पर आक्रमण, सिक्ख गुरु [[नानक देव, गुरु|नानक देव]] का निधन। | ||
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|1539 ई. | |1539 ई. | ||
|चौसा के युद्ध में [[हुमायूँ]] [[शेरशाह]] से पराजित। | |[[चौसा का युद्ध|चौसा के युद्ध]] में [[हुमायूँ]] [[शेरशाह]] से पराजित। | ||
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|1542 ई. | |1542 ई. | ||
|[[मारवाड़]] के राजा मालदेव के आमंत्रण पर [[हुमायूँ]] [[जोधपुर]] पहुँचा, अमरकोट में ([[15 अक्टूबर]]) [[अकबर]] का जन्म। | |[[मारवाड़]] के राजा मालदेव के आमंत्रण पर [[हुमायूँ]] [[जोधपुर]] पहुँचा, [[अमरकोट]] में ([[15 अक्टूबर]]) [[अकबर]] का जन्म। | ||
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|1556 ई. | |1556 ई. | ||
|[[हुमायूँ]] की मृत्यु ([[24 जनवरी]]), बैरम ख़ाँ के संरक्षण में [[अकबर]] [[मुग़ल]] सम्राट बना, पानीपत के दूसरे युद्ध ([[5 नवम्बर]]) में अकबर के द्वारा आदिलशाह का दीवान हेमू पराजित, पुर्तग़ाल से पहला प्रेस भारत पहुँचा, जिसे जेसुइट पादरी [[गोवा]] लेकर आए थे। | |[[हुमायूँ]] की मृत्यु ([[24 जनवरी]]), [[बैरम ख़ाँ]] के संरक्षण में [[अकबर]] [[मुग़ल]] सम्राट बना, [[पानीपत की दूसरी लड़ाई|पानीपत के दूसरे युद्ध]] ([[5 नवम्बर]]) में अकबर के द्वारा आदिलशाह का दीवान [[हेमू]] पराजित, पुर्तग़ाल से पहला प्रेस [[भारत]] पहुँचा, जिसे जेसुइट पादरी [[गोवा]] लेकर आए थे। | ||
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|1557 ई. | |1557 ई. | ||
|ख़िज़्र ख़ाँ के साथ लड़ाई में आदिलशाह मारा गया, सिकन्दर सूर को हराकर मानकोट के क़िले पर [[अकबर]] का अधिकार। | |[[ख़िज़्र ख़ाँ]] के साथ लड़ाई में आदिलशाह मारा गया, सिकन्दर सूर को हराकर मानकोट के क़िले पर [[अकबर]] का अधिकार। | ||
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|1560 ई. | |1560 ई. | ||
|[[अकबर]] के द्वारा बैरम ख़ाँ का निष्कासन। | |[[अकबर]] के द्वारा [[बैरम ख़ाँ]] का निष्कासन। | ||
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|1561 ई. | |1561 ई. | ||
|[[अकबर]] की मालवा पर विजय। | |[[अकबर]] की [[मालवा]] पर विजय। | ||
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|1562 ई. | |1562 ई. | ||
|आमेर की राजकुमारी (राजा [[भारमल]] की पुत्री) से [[अकबर]] का विवाह, युद्ध-बंन्दियों को दास बनाने की प्रथा का उन्मूलन। | |[[आमेर]] की राजकुमारी (राजा [[भारमल]] की पुत्री) से [[अकबर]] का विवाह, युद्ध-बंन्दियों को दास बनाने की प्रथा का उन्मूलन। | ||
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|1564 ई. | |1564 ई. | ||
|[[अकबर]] द्वारा [[जज़िया]] कर की उगाही बन्द, रानी दुर्गावती को परास्त कर गोंडवाना [[मुग़ल]] राज्य में सम्मिलित, रानी द्वारा आत्महत्या। | |[[अकबर]] द्वारा [[जज़िया]] कर की उगाही बन्द, [[दुर्गावती|रानी दुर्गावती]] को परास्त कर गोंडवाना [[मुग़ल]] राज्य में सम्मिलित, रानी द्वारा आत्महत्या। | ||
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|1565 ई. | |1565 ई. | ||
|[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक रामराय और बहमनी सुल्तानों के बीच तालिकोटा का युद्ध, विजयनगर पराजित। | |[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक रामराय और बहमनी सुल्तानों के बीच [[तालीकोटा का युद्ध|तालिकोटा का युद्ध]], विजयनगर पराजित। | ||
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|1567 ई. | |1567 ई. | ||
|राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक श्री हरिवंश का देवबन्द ([[सहारनपुर]]) में जन्म। | |[[राधावल्लभ सम्प्रदाय]] के प्रवर्तक श्री हरिवंश का देवबन्द ([[सहारनपुर]]) में जन्म। | ||
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|1569 | |1569 | ||
|रणथम्भौर और कालिंजर पर अकबर का अधिकार, युवराज [[सलीम]] ([[जहाँगीर]]) का जन्म। | |[[रणथम्भौर]] और [[कालिंजर]] पर अकबर का अधिकार, युवराज [[सलीम]] ([[जहाँगीर]]) का जन्म। | ||
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|1571 ई. | |1571 ई. | ||
|[[अकबर]] द्वारा [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण तथा राजधानी बनाने का निर्णय। | |[[अकबर]] द्वारा [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण तथा [[राजधानी]] बनाने का निर्णय। | ||
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|1572 ई. | |1572 ई. | ||
|[[राणा उदयसिंह]] की मृत्यु, जालौर के राजा और मेवाड़ सेनापतियों के द्वारा [[राणा प्रताप]] को गद्दी पर बैठाया गया। | |[[राणा उदयसिंह]] की मृत्यु, [[जालौर]] के राजा और [[मेवाड़]] सेनापतियों के द्वारा [[राणा प्रताप]] को गद्दी पर बैठाया गया। | ||
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|1573 ई. | |1573 ई. | ||
|[[कबीर]] का निधन, [[गुजरात]] पर अकबर का आधिपत्य। | |[[कबीर]] का निधन, [[गुजरात]] पर [[अकबर]] का आधिपत्य। | ||
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|1576 ई. | |1576 ई. | ||
|हल्दीघाटी का युद्ध, [[अकबर]] द्वारा [[राणा प्रताप]] पराजित, अकबर का [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] पर अधिकार, दाऊद ख़ाँ की मृत्यु। | |[[हल्दीघाटी का युद्ध]], [[अकबर]] द्वारा [[राणा प्रताप]] पराजित, अकबर का [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] पर अधिकार, दाऊद ख़ाँ की मृत्यु। | ||
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|1578 ई. | |1578 ई. | ||
|भारतीय भाषा की पहली पुस्तक "डुट्रिना क्रिस्टा' ([[तमिल भाषा]] में) मुद्रित व प्रकाशित, इस पुस्तक के लिए टाइप जुआबों गुंजाल्बेज नाम के स्पेनी लुहार ने क्किलोन ([[केरल]]) में ढाले थे। (दक्षिण भारत) | |भारतीय भाषा की पहली पुस्तक "डुट्रिना क्रिस्टा' ([[तमिल भाषा]] में) मुद्रित व प्रकाशित, इस पुस्तक के लिए टाइप जुआबों गुंजाल्बेज नाम के स्पेनी लुहार ने क्किलोन ([[केरल]]) में ढाले थे। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1611–1656 | |1611–1656 | ||
| आदिलशाह [[बीजापुर]] की गद्दी पर आसीन। | | [[आदिलशाही वंश|आदिलशाह]] [[बीजापुर]] की गद्दी पर आसीन। | ||
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|1583 ई. | |1583 ई. | ||
|पहले पाँच अंग्रेज़ व्यापारी (जॉन न्यूबरी, रिचर्ड स्टेपर, राल्फ़, जेम्स स्टोरी तथा विलियम लीड्स) [[अकबर]] के नाम महारानी एलिजाबेथ का पत्र लेकर भारत पहुँचे, अकबर से इनकी मुलाक़ात नहीं हो पाई लेकिन लीड्स को अकबर के यहाँ झवेरी की नौकरी मिल गई, फिंच आठ साल तक भारत-[[बर्मा]] की यात्रा करने के बाद 26 अप्रैल, 1591 को लन्दन पहुँचा, फिंच के विवरण से ही अंग्रेज़ व्यापारियों की भारत से व्यापार करने की लालसा बलवती हुई। | |पहले पाँच [[अंग्रेज़]] व्यापारी (जॉन न्यूबरी, रिचर्ड स्टेपर, राल्फ़, जेम्स स्टोरी तथा विलियम लीड्स) [[अकबर]] के नाम महारानी [[एलिजाबेथ]] का पत्र लेकर [[भारत]] पहुँचे, अकबर से इनकी मुलाक़ात नहीं हो पाई लेकिन लीड्स को अकबर के यहाँ झवेरी की नौकरी मिल गई, फिंच आठ साल तक भारत-[[बर्मा]] की यात्रा करने के बाद 26 अप्रैल, 1591 को [[लन्दन]] पहुँचा, फिंच के विवरण से ही अंग्रेज़ व्यापारियों की भारत से व्यापार करने की लालसा बलवती हुई। | ||
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|1590–1592 ई. | |1590–1592 ई. | ||
|[[अकबर]] की सिंध पर विजय। | |[[अकबर]] की [[सिंध]] पर विजय। | ||
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|1591 ई. | |1591 ई. | ||
| | | [[फ़ैज़ी]] को [[मुग़ल]] राजदूत बनाकर दक्कन के राज्यों में भेजा गया। | ||
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|1595 ई. | |1595 ई. | ||
|[[अकबर]] की कंधार विजय, बलूचिस्तान मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित। | |[[अकबर]] की [[कंधार]] विजय, [[बलूचिस्तान]] [[मुग़ल साम्राज्य]] में सम्मिलित। | ||
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|1600 ई. | |1600 ई. | ||
|[[अहमदनगर]] का पतन, लन्दन में महारानी एलिजाबेथ द्वारा अपने भाई जार्ज, अर्ल ऑफ़ कम्बरलैंड तथा सर जॉन हॉर्ट की ईस्ट इंडिया कम्पनी (द गवर्नर एंड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन टु द ईस्ट इंडीज) को भारत से व्यापार करने के लिए अधिकार पत्र प्रदान किया गया। | |[[अहमदनगर]] का पतन, [[लन्दन]] में महारानी एलिजाबेथ द्वारा अपने भाई जार्ज, अर्ल ऑफ़ कम्बरलैंड तथा सर जॉन हॉर्ट की [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] (द गवर्नर एंड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन टु द ईस्ट इंडीज) को [[भारत]] से व्यापार करने के लिए अधिकार पत्र प्रदान किया गया। | ||
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|1601 ई. | |1601 ई. | ||
|[[अकबर]] का असीरगढ़ पर अधिकार। | |[[अकबर]] का [[असीरगढ़]] पर अधिकार। | ||
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|1602 ई. | |1602 ई. | ||
|अबुल | |[[अबुल फ़ज़ल]] की मृत्यु, डच यूनिवर्सल यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना, 13 वर्षों में ही हालैण्ड के [[एशिया]] व्यापार में असाधारण वृद्धि। | ||
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|1606 ई. | |1606 ई. | ||
|शहजादा ख़ुसरो का विद्रोह, [[जहाँगीर]] के आदेशानुसार पाँचवें सिक्ख गुरु | |शहजादा ख़ुसरो का विद्रोह, [[जहाँगीर]] के आदेशानुसार पाँचवें सिक्ख [[गुरु अर्जुन देव]] को प्राणदण्ड, ईरानियों द्वारा कंधार का घेराव, [[जहाँगीर]] की [[मेवाड़]] पर चढ़ाई। | ||
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|247 | |247 | ||
|1607 ई. | |1607 ई. | ||
|[[मुग़ल|मुग़लों]] के द्वारा कंधार मुक्त। | |[[मुग़ल|मुग़लों]] के द्वारा [[कंधार]] मुक्त। | ||
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|248 | |248 | ||
|1608 ई. | |1608 ई. | ||
|[[अहमद नगर]] पर मलिक अम्बर का पुनः अधिकार, [[इंग्लैण्ड]] के राजा जेम्स प्रथम का पत्र लेकर विलियम हाकिंस [[जहाँगीर]] के दरबार में भारत आया तथा तीन साल तक उसके दरबार में रहा, 1612 में वापस इंग्लैण्ड लौटकर भारत यात्रा का विवरण लिखा, संत तुकाराम का जन्म। | |[[अहमद नगर]] पर मलिक अम्बर का पुनः अधिकार, [[इंग्लैण्ड]] के राजा जेम्स प्रथम का पत्र लेकर विलियम हाकिंस [[जहाँगीर]] के दरबार में [[भारत]] आया तथा तीन साल तक उसके दरबार में रहा, 1612 में वापस इंग्लैण्ड लौटकर भारत यात्रा का विवरण लिखा, [[तुकाराम|संत तुकाराम]] का जन्म। | ||
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|1611 ई. | |1611 ई. | ||
|मसुलीपत्तम में अंग्रेज़ फैक्टरी स्थापित, [[जहाँगीर]] का नूरजहाँ से विवाह। | |मसुलीपत्तम में [[अंग्रेज़]] फैक्टरी स्थापित, [[जहाँगीर]] का [[नूरजहाँ]] से विवाह। | ||
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|251 | |251 | ||
|1611-1625 ई. | |1611-1625 ई. | ||
|[[गोलकुण्डा]] में सुल्तान मुहम्मद कुतुबशाह का शासनकाल। | |[[गोलकुण्डा]] में [[मुहम्मद कुतुबशाह|सुल्तान मुहम्मद कुतुबशाह]] का शासनकाल। | ||
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|1612 ई. | |1612 ई. | ||
|शाहजादा ख़ुर्रम ([[शाहजहाँ]]) का मुमताज़ महल से विवाह, बंगाल की राजधानी राजमहल से ढाका स्थानान्तरित। | |शाहजादा ख़ुर्रम ([[शाहजहाँ]]) का [[मुमताज़ महल]] से विवाह, बंगाल की राजधानी राजमहल से ढाका स्थानान्तरित। | ||
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|1614 ई. | |1614 ई. | ||
|मेवाड़ के राणा अमर सिंह से [[जहाँगीर]] की संधि। | |[[मेवाड़]] के [[राणा अमर सिंह]] से [[जहाँगीर]] की संधि। | ||
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|1615 ई. | |1615 ई. | ||
|मेवाड़ पर [[जहाँगीर]] का अधिकार, इंग्लैण्ड के शासक जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में सर टामस रो जहाँगीर के दरबार में आया। | |[[मेवाड़]] पर [[जहाँगीर]] का अधिकार, इंग्लैण्ड के शासक जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में सर टामस रो जहाँगीर के दरबार में आया। | ||
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|1622 ई. | |1622 ई. | ||
|कंधार पर फ़ारस का पुनः अधिकार, [[शाहजहाँ]] का विद्रोह, गोस्वामी [[तुलसीदास]] का जन्म। | |[[कंधार]] पर [[फ़ारस]] का पुनः अधिकार, [[शाहजहाँ]] का विद्रोह, गोस्वामी [[तुलसीदास]] का जन्म। | ||
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|1625-1674 ई. | |1625-1674 ई. | ||
|[[गोलकुण्डा]] की गद्दी पर सुल्तान अब्दुल्ला | |[[गोलकुण्डा]] की गद्दी पर सुल्तान अब्दुल्ला कुतुबशाह बैठा। | ||
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|1624 ई. | |1624 ई. | ||
|[[अहमदनगर]] के मलिक अम्बर के हाथों मुग़ल सेना पराजित। | |[[अहमदनगर]] के मलिक अम्बर के हाथों [[मुग़ल]] सेना पराजित। | ||
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|1626 ई. | |1626 ई. | ||
|महावत ख़ाँ का विद्रोह। | |[[महावत ख़ाँ]] का विद्रोह। | ||
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|1631 ई. | |1631 ई. | ||
|मुमताज़ महल की मृत्यु ([[7 जून]])। | |[[मुमताज़ महल]] की मृत्यु ([[7 जून]])। | ||
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|1632 ई. | |1632 ई. | ||
|[[बीजापुर]] पर [[मुग़ल]] आक्रमण, [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] के विरुद्ध सैन्य अभियन, हुगली में उनकी बस्ती नष्ट। | |[[बीजापुर]] पर [[मुग़ल]] आक्रमण, [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] के विरुद्ध सैन्य अभियन, [[हुगली ज़िला|हुगली]] में उनकी बस्ती नष्ट। | ||
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|1634 ई. | |1634 ई. | ||
|अंग्रेज़ों को बंगाल में व्यापार करने का फ़रमान मिला, महावत ख़ाँ की मृत्यु। | |अंग्रेज़ों को [[बंगाल]] में व्यापार करने का फ़रमान मिला, महावत ख़ाँ की मृत्यु। | ||
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|1636 ई. | |1636 ई. | ||
|[[बीजापुर]] और [[गोलकुण्डा]] से [[मुग़ल|मुग़लों]] की संधि, [[औरंगज़ेब]] दक्कन का सूबेदार नियुक्त। | |[[बीजापुर]] और [[गोलकुण्डा]] से [[मुग़ल|मुग़लों]] की संधि, [[औरंगज़ेब]] दक्कन का [[सूबेदार]] नियुक्त। | ||
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|1639 ई. | |1639 ई. | ||
|अंग्रेज़ों द्वारा मद्रास में सेंट जार्ज क़िले की आधारशिला रखी गई। (दक्षिण भारत) | |अंग्रेज़ों द्वारा मद्रास में सेंट जार्ज क़िले की आधारशिला रखी गई। ([[दक्षिण भारत]]) | ||
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|1646 ई. | |1646 ई. | ||
|बल्ख पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार, तोरण पर [[शिवाजी]] का अधिकार। | |[[बल्ख]] पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार, तोरण पर [[शिवाजी]] का अधिकार। | ||
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|1649 ई. | |1649 ई. | ||
|कंधार पर पर पुनः फ़ारस का अधिकार। | |[[कंधार]] पर पर पुनः फ़ारस का अधिकार। | ||
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|1650 ई. | |1650 ई. | ||
|मराठी संत तुकाराम का निधन। | |मराठी [[तुकाराम|संत तुकाराम]] का निधन। | ||
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|1673 ई. | |1673 ई. | ||
|[[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर तीसरा आक्रमण, हिन्दी कवि धनानंद का जन्म। | |[[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर तीसरा आक्रमण, [[हिन्दी]] कवि [[धनानंद]] का जन्म। | ||
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|1674 ई. | |1674 ई. | ||
|फ़्राँसीसी कप्तान फ़्राँसिस मार्टिन के द्वारा [[पांण्डिचेरी]] की स्थापना, [[शिवाजी]] द्वारा राज्याभिषेक (रायगढ़ में) तथा 'छत्रपति' की उपाधि धारण, 'स्वराज' की स्थापना। | |फ़्राँसीसी कप्तान फ़्राँसिस मार्टिन के द्वारा [[पांण्डिचेरी]] की स्थापना, [[शिवाजी]] द्वारा राज्याभिषेक ([[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]] में) तथा 'छत्रपति' की उपाधि धारण, 'स्वराज' की स्थापना। | ||
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|1680 ई. | |1680 ई. | ||
|[[शिवाजी]] की मृत्यु, शंभाजी पेशवा बना, अलंकारवादी हिन्दी कवि केशवदास का जन्म। | |[[शिवाजी]] की मृत्यु, शंभाजी पेशवा बना, अलंकारवादी हिन्दी कवि [[केशवदास]] का जन्म। | ||
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|1689 ई. | |1689 ई. | ||
|[[औरंगज़ेब]] द्वारा शंभाजी को प्राणदण्ड, [[राजाराम]] सत्तारूढ़, शाहू बन्दी बना। | |[[औरंगज़ेब]] द्वारा [[शंभाजी]] को प्राणदण्ड, [[राजाराम]] सत्तारूढ़, शाहू बन्दी बना। | ||
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|1700 ई. | |1700 ई. | ||
|शंभाजी के छोटे भाई [[राजाराम]] की मृत्यु, ताराबाई के संरक्षण में [[शिवाजी]] द्वितीय (राजाराम का पुत्र) गद्दी पर बैठा। | |शंभाजी के छोटे भाई [[राजाराम]] की मृत्यु, ताराबाई के संरक्षण में [[शिवाजी]] द्वितीय ([[राजाराम]] का पुत्र) गद्दी पर बैठा। | ||
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|1703 ई. | |1703 ई. | ||
|[[मराठा|मराठों]] का बरार पर आक्रमण। | |[[मराठा|मराठों]] का [[बरार]] पर आक्रमण। | ||
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|1708 ई. | |1708 ई. | ||
|शाहू का राज्याभिषेक छत्रपति के रूप में, बालाजी विश्वनाथ को 'सेनाकर्ते' की उपाधि, सिखों के अन्तिम [[गुरु गोविंद सिंह]] का निधन ( | |[[शाहू]] का राज्याभिषेक छत्रपति के रूप में, बालाजी विश्वनाथ को 'सेनाकर्ते' की उपाधि, सिखों के अन्तिम [[गुरु गोविंद सिंह]] का निधन ([[नांदेड़]] में)। | ||
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|1712 ई. | |1712 ई. | ||
|बहादुरशाह प्रथम की मृत्यु, जहाँदारशाह उत्तराधिकारी बना। | |[[बहादुरशाह प्रथम]] की मृत्यु, [[जहाँदारशाह]] उत्तराधिकारी बना। | ||
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|1713 ई. | |1713 ई. | ||
|जहाँदारशाह की हत्या, बंधुओं की मदद से फ़र्रुख़सियार सिंहासनारूढ़। | |[[जहाँदारशाह]] की हत्या, बंधुओं की मदद से फ़र्रुख़सियार सिंहासनारूढ़। | ||
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|1715 ई. | |1715 ई. | ||
|सिख नेता बन्दा बहादुर को प्राणदण्ड। | |सिख नेता [[बन्दा बहादुर]] को प्राणदण्ड। | ||
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|1720 ई. | |1720 ई. | ||
|बाजीराव प्रथम पेशवा बने, सैय्यद बन्धुओं का अन्त, [[मराठा|मराठों]] का उत्तरी अभियान प्रारम्भ। | |[[बाजीराव प्रथम]] पेशवा बने, सैय्यद बन्धुओं का अन्त, [[मराठा|मराठों]] का उत्तरी अभियान प्रारम्भ। | ||
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|1723 ई. | |1723 ई. | ||
|[[शिवाजी]] के गुरु समर्थ रामदास की मृत्यु, पेशवा का [[मालवा]] पर आक्रमण। | |[[शिवाजी]] के गुरु [[समर्थ रामदास]] की मृत्यु, पेशवा का [[मालवा]] पर आक्रमण। | ||
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|1724 ई. | |1724 ई. | ||
|सआदत ख़ाँ अवध का सूबेदार नियुक्त, दक्षिण में निज़ाम स्वतंत्र। | |[[सआदत अली|सआदत ख़ाँ]] अवध का सूबेदार नियुक्त, दक्षिण में निज़ाम स्वतंत्र। | ||
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|1738 ई. | |1738 ई. | ||
| | |[[तुलसीदास]] ([[रामचरितमानस]] के रचयिता) का निधन। | ||
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|1739–40 ई. | |1739–40 ई. | ||
|[[दिल्ली]] पर [[नादिरशाह]] का आक्रमण, कोहिनूर हीरा एवं तख़्तेताऊस नादिरशाह के क़ब्ज़े में, खुरासान में नादिरशाह की उसके ही सेनापतियों के द्वारा हत्या। | |[[दिल्ली]] पर [[नादिरशाह]] का आक्रमण, [[कोहिनूर हीरा]] एवं [[तख़्त-ए-ताऊस|तख़्तेताऊस]] नादिरशाह के क़ब्ज़े में, खुरासान में नादिरशाह की उसके ही सेनापतियों के द्वारा हत्या। | ||
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|1742 ई. | |1742 ई. | ||
|बंगाल पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण, [[डूप्ले]] [[पांण्डिचेरी]] का गवर्नर नियुक्त। | |[[बंगाल]] पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण, [[डूप्ले]] [[पांण्डिचेरी]] का गवर्नर नियुक्त। | ||
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|1745 ई. | |1745 ई. | ||
|रूहेलखण्ड रुहिल्लों के अधिकार में। | |[[रूहेलखण्ड]] रुहिल्लों के अधिकार में। | ||
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|1747 ई. | |1747 ई. | ||
|[[अहमदशाह अब्दाली]] का भारत पर आक्रमण। | |[[अहमदशाह अब्दाली]] का [[भारत]] पर आक्रमण। | ||
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|1749 ई. | |1749 ई. | ||
|[[यूरोप]] में ब्रिटिश और फ़्राँसीसियों के बीच 'एक्स-ला-शापेल' की सन्धि, भारत में अंग्रेज़ी और फ़्राँसीसी कम्पनियों में भी युद्ध विराम, फ़्राँसीसियों द्वारा [[चेन्नई]] अंग्रेज़ों को वापस, शाहू की मृत्यु तथा रामराज का छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक। | |[[यूरोप]] में ब्रिटिश और फ़्राँसीसियों के बीच 'एक्स-ला-शापेल' की सन्धि, [[भारत]] में अंग्रेज़ी और फ़्राँसीसी कम्पनियों में भी युद्ध विराम, फ़्राँसीसियों द्वारा [[चेन्नई]] अंग्रेज़ों को वापस, शाहू की मृत्यु तथा रामराज का छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक। | ||
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|1751 ई. | |1751 ई. | ||
|अरकाट के क़िले पर राबर्ट | |अरकाट के क़िले पर [[राबर्ट क्लाइव]] का अधिकार, जिससे फ़्राँसीसी त्रिचरापल्ली से हटे, मुजफ़्फ़रजंग की मृत्यु, सलावत जंग निज़ाम बना, अलीवर्दी ख़ाँ की [[मराठा|मराठों]] से सन्धि। | ||
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|1757 ई. | |1757 ई. | ||
|प्लासी की लड़ाई ([[23 जून]]) में अंग्रेज़ों द्वारा सिराजुद्दौला पराजित, मीरजाफ़र नवाब बनाया गया ([[28 जून]]), अंग्रेज़ों का [[कलकत्ता]] पर पुनः अधिकार, सिराजुद्दौला को मृत्युदण्ड ([[2 जुलाई]]), अंग्रेज़ों का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित। | |[[प्लासी का युद्ध|प्लासी की लड़ाई]] ([[23 जून]]) में अंग्रेज़ों द्वारा सिराजुद्दौला पराजित, मीरजाफ़र नवाब बनाया गया ([[28 जून]]), अंग्रेज़ों का [[कलकत्ता]] पर पुनः अधिकार, [[सिराजुद्दौला]] को मृत्युदण्ड ([[2 जुलाई]]), अंग्रेज़ों का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित। | ||
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|1758 ई. | |1758 ई. | ||
|फ़्राँसीसी गवर्नर लाली का भारत आगमन, अंग्रेज़ों के विरुद्ध अभियान आरम्भ, फोर्ट सेंट डेविड पर क़ब्ज़ा, [[पंजाब]] पर [[मराठा|मराठों]] का अधिकार। | |फ़्राँसीसी गवर्नर लाली का [[भारत]] आगमन, अंग्रेज़ों के विरुद्ध अभियान आरम्भ, फोर्ट सेंट डेविड पर क़ब्ज़ा, [[पंजाब]] पर [[मराठा|मराठों]] का अधिकार। | ||
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|1760 ई. | |1760 ई. | ||
|वांडीवास के युद्ध में अंग्रेज़ों के हाथों फ़्राँसीसी पराजित, क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, मीर क़ासिम बंगाल का नवाब बना। | |वांडीवास के युद्ध में अंग्रेज़ों के हाथों फ़्राँसीसी पराजित, क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, [[मीर क़ासिम]] बंगाल का नवाब बना। | ||
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|1763 ई. | |1763 ई. | ||
|अंग्रेज़ों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] फ़्राँसीसियों को वापस, बंगाल एवं [[बिहार]] पर मीर क़ासिम का अधिकार समाप्त, मीर क़ासिम निष्कासित, मीरजाफ़र पुनः नबाब बना, रघुनाथ राव का सत्ता पर क़ब्ज़ा, माधवराव बन्दी। | |अंग्रेज़ों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] फ़्राँसीसियों को वापस, [[बंगाल]] एवं [[बिहार]] पर मीर क़ासिम का अधिकार समाप्त, मीर क़ासिम निष्कासित, मीरजाफ़र पुनः नबाब बना, रघुनाथ राव का सत्ता पर क़ब्ज़ा, माधवराव बन्दी। | ||
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|1764 ई. | |1764 ई. | ||
|बक्सर का युद्ध, शाह आलम, शुजाउद्दौला तथा क़ासिम की संयुक्त सेनायें अंग्रेज़ों से पराजित। | |[[बक्सर का युद्ध]], शाह आलम, [[शुजाउद्दौला]] तथा क़ासिम की संयुक्त सेनायें अंग्रेज़ों से पराजित। | ||
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|1765 ई. | |1765 ई. | ||
|क्लाइब द्वारा दूसरी बार पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर वापस आया, शुजाउद्दौला शाहआलम तथा [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के मध्य [[इलाहाबाद]] की सन्धि, शाहआलम ने [[बिहार]], बंगाल तथा [[उड़ीसा]] की दीवानी कम्पनी को सौंपी, मीरजाफ़र की मृत्यु। | |क्लाइब द्वारा दूसरी बार पुनः [[बंगाल]] का गवर्नर बनकर वापस आया, शुजाउद्दौला शाहआलम तथा [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के मध्य [[इलाहाबाद]] की सन्धि, शाहआलम ने [[बिहार]], बंगाल तथा [[उड़ीसा]] की दीवानी कम्पनी को सौंपी, मीरजाफ़र की मृत्यु। | ||
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09:48, 1 अप्रैल 2013 का अवतरण
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