"संहिता": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''संहिता''' अर्थात 'सम्यक' अथवा पूर्वापर रूप में संगृह...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 23: पंक्ति 23:
ब्रह्मणश्च शिवस्यापि प्रह्लादस्य तथैव च।
ब्रह्मणश्च शिवस्यापि प्रह्लादस्य तथैव च।
गौतमस्य कुमारस्य संहिता: परिकीर्तिता:॥</poem></blockquote>
गौतमस्य कुमारस्य संहिता: परिकीर्तिता:॥</poem></blockquote>




पंक्ति 31: पंक्ति 30:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{साहित्यिक शब्दावली}}
{{संस्कृत साहित्य}}{{साहित्यिक शब्दावली}}
[[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्राचीन संस्कृति]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]]
[[Category:वैदिक साहित्य]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:श्रुति_ग्रन्थ]][[Category:वेद]][[Category:प्राचीन संस्कृति]]
__INDEX__
__INDEX__

13:01, 30 अप्रैल 2013 का अवतरण

संहिता अर्थात 'सम्यक' अथवा पूर्वापर रूप में संगृहीत साहित्यिक अथवा आचार-नियम सम्बन्धी सामग्री। संगृहीत और सुसम्पादित वैदिक साहित्य को इसीलिए 'संहिता' कहा जाता है।

  • वैदिक साहित्य संहिता की संख्या चार है-
  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

एवं पुराणासंस्थानं चतुर्लक्षमुदाहृतम।
अष्टादश पुराणानामेवमेव विदुर्बुधा:॥
एवचोपपुराणानामष्टादश प्रकीर्तिता:।
इतिहासो भारतचा वाल्मीकं काव्यमेव च॥
पचकं पंचरात्राणां कृष्णमाहात्म्यमुत्तमम।
वासिष्ठं नारदीयंच कापित गौतमीयकम॥
परं सनत्कुमारीयं पंचरात्रं पंचकम।
पंचकं संहितानांच कृष्णभक्तिसमंविताम॥
ब्रह्मणश्च शिवस्यापि प्रह्लादस्य तथैव च।
गौतमस्य कुमारस्य संहिता: परिकीर्तिता:॥


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

[4]

  1. अध्याय 1
  2. शिवमाहात्म्य खण्ड, अध्याय 1
  3. (अध्याय 132)
  4. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 646 |

संबंधित लेख

श्रुतियाँ