"विश्व हिन्दी सम्मेलन 1976": अवतरणों में अंतर

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#एक अंतरराष्‍ट्रीय हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो [[भाषा]] के माध्यम से ऐसे समुचित वातावरण का निर्माण कर सके, जिसमें मानव विश्‍व का नागरिक बना रहे और आध्यात्म की महान शक्ति एक नए समन्वित सामंजस्य का रूप धारण कर सके।
#एक अंतरराष्‍ट्रीय हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो [[भाषा]] के माध्यम से ऐसे समुचित वातावरण का निर्माण कर सके, जिसमें मानव विश्‍व का नागरिक बना रहे और आध्यात्म की महान् शक्ति एक नए समन्वित सामंजस्य का रूप धारण कर सके।
#हिन्दी को संयुक्‍त राष्ट्र संघ में एक हिन्दीआधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए।
#हिन्दी को संयुक्‍त राष्ट्र संघ में एक हिन्दीआधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए।



11:03, 1 अगस्त 2017 का अवतरण

दूसरा विश्व हिन्दी सम्मेलन वर्ष 1976 में मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में 28 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन के आयोजक राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष, मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. सर शिवसागर रामगुलाम थे।

  • इस सम्मेलन में भारत के तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन मंत्री डॉ. कर्ण सिंह के नेतृत्व में 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने भाग लिया था।
  • भारत के अतिरिक्त इस सम्मेलन में 17 देशों के 181 प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

पारित प्रस्ताव

  1. मॉरीशस में एक विश्व हिन्दी केंद्र की स्थापना की जाए जो सारे विश्व में हिन्दी की गतिविधियों का समन्वय कर सके।
  2. एक अंतरराष्‍ट्रीय हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो भाषा के माध्यम से ऐसे समुचित वातावरण का निर्माण कर सके, जिसमें मानव विश्‍व का नागरिक बना रहे और आध्यात्म की महान् शक्ति एक नए समन्वित सामंजस्य का रूप धारण कर सके।
  3. हिन्दी को संयुक्‍त राष्ट्र संघ में एक हिन्दीआधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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