"आदित्य (चोल वंश)": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो ("आदित्य (चोल वंश)" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (बेमियादी) [move=sysop] (बेमियादी)))
No edit summary
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
*पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति [[राष्ट्रकूट साम्राज्य|राष्ट्रकूटों]] के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।  
*पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति [[राष्ट्रकूट साम्राज्य|राष्ट्रकूटों]] के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।  
*तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और [[गंग वंश]] के राजा को अपना सामन्त बनाया।
*तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और [[गंग वंश]] के राजा को अपना सामन्त बनाया।


{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
पंक्ति 18: पंक्ति 16:
{{चोल राजवंश}}
{{चोल राजवंश}}
{{भारत के राजवंश}}
{{भारत के राजवंश}}
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:इतिहास_कोश]]
[[Category:इतिहास_कोश]]
[[Category:चोल साम्राज्य]]
[[Category:चोल साम्राज्य]]
[[Category:भारत के राजवंश]]
__INDEX__
__INDEX__

05:53, 14 अक्टूबर 2010 का अवतरण

  • 880 ई. के लगभग विजयालय का पुत्र आदित्य चोल मण्डल का स्वामी बना।
  • उसने पल्लव राजा अपराजितवर्मा को परास्त कर 895 ई. के लगभग काञ्जी पर क़ब्ज़ा कर लिया, और सम्पूर्ण पल्लव राज्य को अपनी अधीनता में ले लिया।
  • पल्लवों की पराजय के कारण आदित्य के चोल राज्य की उत्तरी सीमा दक्षिणापथपति राष्ट्रकूटों के राज्य की सीमा के साथ आ लगी।
  • तलकाड के गंग राज्य पर आक्रमण कर आदित्य ने उसे भी जीत लिया, और गंग वंश के राजा को अपना सामन्त बनाया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख