कदीमी हमाम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:58, 25 अक्टूबर 2012 का अवतरण (''''कदीमी हमाम''' भोपाल, मध्य प्रदेश में है। इस हमाम क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कदीमी हमाम भोपाल, मध्य प्रदेश में है। इस हमाम का निर्माण गौड़ शासकों के शासन काल में किया गया था। यह हमाम नगर में बड़े तालाब के किनारे वर्धमान पार्क के समीप स्थित है। नवाबी दौर में नवाब परिवार और शाही मेहमानों की सेवा के लिये हमाम का संचालन नवाब के ख़ास हज्जाम हम्मू ख़लीफ़ा को सौंपा गया था। कदीमी हमाम दीवाली से होली तक खुला रहता था।

वास्तुशिल्प

कदीमी हमाम में प्रवेश के पहले एक कक्ष है, जिसमें सर्दी में भी सामान्य वातावरण बना रहता है। इस कक्ष से लगा हुआ 12 फ़ुट लम्बा, चौड़ा और ऊँचा एक कमरा है, जिसका वातावरण सामान्य से अधिक और नमीं से भरपूर रहता है। इस कमरे से लगी दो छोटी गैलरी हैं, जिनमें शीतलता रहती है। इन गैलरी से लगे कमरे में फर्श से उठती भाप शरीर को ऊष्मा से तर कर देती है। वाष्प युक्त कक्ष की वास्तुशिल्प की विशेषता यह है कि पानी के दो खुले हौजों में से एक शीतल रहता है। इस कमरे के फर्श के भीतर तांबे की तीन इंच मोटी परत बिछी हुई है। गर्म हौज के नीचे धातु का तवा है। इस कमरे के ऊपर छत में मोटे कांच का रोशनदान है। कमरे की नालियों से ताजी हवा आने की व्यवस्था है। इस कक्ष के नीचे एक भट्टी बनी हुई है, जहाँ हमाम के दूसरी ओर लकड़ियाँ भर कर जला दी जाती हैं, जिनमें दहक से भाप का कमरा आर्द्र व गर्म हो जाता है और गैलरियाँ ठंडी हो जाती हैं।

यह हमाम आज भी चालू स्थिति में है। इस हमाम का लाभ भोपाल शहर के नागरिक उठा रहे हैं। सन 1924 तक इस हमाम में आम जनता का प्रवेश वर्जित था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख