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आज का दिन - 20 नवम्बर 2024 (भारतीय समयानुसार)
- राष्ट्रीय शाके 1946, 29 गते 05, मार्गशीर्ष, बुधवार
- विक्रम सम्वत् 2081, मार्गशीर्ष, कृष्ण पक्ष, पंचमी, बुधवार, पुनर्वसु
- इस्लामी हिजरी 1446, 17, जमादी-उल-अव्वल, बुध, ज़िराअ
- बबीता फोगाट (जन्म), टीपू सुल्तान (जन्म), मिलखा सिंह (जन्म), अहमद नदीम क़ासमी (जन्म), फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (मृत्यु), प्रियरंजन दासमुंशी (मृत्यु), श्याम बहादुर वर्मा (मृत्यु), निर्मला ठाकुर (मृत्यु), एम. एन. कौल (मृत्यु)
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भारतकोश हलचल
मासिक शिवरात्रि (29 नवम्बर) • प्रदोष व्रत (28 नवम्बर) • विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस (26 नवम्बर) • राष्ट्रीय संविधान दिवस (26 नवम्बर) • राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस (26 नवम्बर) • उत्पन्ना एकादशी (26 नवम्बर) • कालाष्टमी (23 नवम्बर) • विश्व दूरदर्शन दिवस (21 नवम्बर) • संकष्टी चतुर्थी (19 नवम्बर) • राष्ट्रीय एकता दिवस (19 नवम्बर) • अन्तरराष्ट्रीय छात्र दिवस (17 नवम्बर) • वृश्चिक संक्रांति (16 नवम्बर) • राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवम्बर) • मणिकर्णिका स्नान (15 नवम्बर) • झारखण्ड राज्य गठन दिवस (15 नवम्बर) • देव दीपावली (15 नवम्बर) • गुरु नानक जयंती (15 नवम्बर) • कार्तिक पूर्णिमा (15 नवम्बर) • बाल दिवस (14 नवम्बर) • विश्व मधुमेह दिवस (14 नवम्बर) • प्रदोष व्रत (13 नवम्बर) • देवोत्थान एकादशी (12 नवम्बर) • तुलसी विवाह (12 नवम्बर) • कंस वध मेला, मथुरा (11 नवम्बर) • भीष्म पंचक प्रारम्भ (11 नवम्बर) • राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (11 नवम्बर) • अक्षय नवमी (10 नवम्बर) • जुगल जोड़ी परिक्रमा, मथुरा (10 नवम्बर) • गोपाष्टमी (09 नवम्बर) • राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस (09 नवम्बर) • उत्तराखण्ड राज्य गठन दिवस (09 नवम्बर) • कार्तिक छठ (07 नवम्बर)• छठपूजा (07 नवम्बर) • शिशु सुरक्षा दिवस (07 नवम्बर)
जन्म
हरे कृष्ण मेहताब (21 नवम्बर) • यदुनाथ सिंह (21 नवम्बर) • उज्ज्वला मजूमदार (21 नवम्बर) • केसरी सिंह बारहट (21 नवम्बर) • आनंदीबेन पटेल (21 नवम्बर) • लोकनाथ मिश्रा (21 नवम्बर) • नरेशचंद्र सिंह (21 नवम्बर) • नवीन मलिक (21 नवम्बर) • मिलखा सिंह (20 नवम्बर) • बबीता फोगाट (20 नवम्बर) • टीपू सुल्तान (20 नवम्बर) • अहमद नदीम क़ासमी (20 नवम्बर)
मृत्यु
चंद्रशेखर वेंकट रामन (21 नवम्बर) • क्रांतिकारी सत्येंद्रनाथ बोस (21 नवम्बर) • गुरमीत बावा (21 नवम्बर) • अविनाशलिंगम चेट्टियार (21 नवम्बर) • कल्याण मल लोढ़ा (21 नवम्बर) • श्याम बहादुर वर्मा (20 नवम्बर) • प्रियरंजन दासमुंशी (20 नवम्बर) • फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (20 नवम्बर) • निर्मला ठाकुर (20 नवम्बर) • एम. एन. कौल (20 नवम्बर)
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
जो सफलता का मंच है वह बीसवीं सीढ़ी चढ़ कर मिलेगा और इस मंच पर हम उन्नीस सीढ़ी चढ़ने के बाद भी नहीं पहुँच सकते क्योंकि बीसवीं तो ज़रूरी ही है। अब एक बात यह भी होती है कि उन्नीसवीं सीढ़ी से नीचे देखते हैं तो लगता है कि हमने कितनी सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं और न जाने कितनी और भी चढ़नी पड़ेंगी। इसलिए हताश हो जाना स्वाभाविक ही होता है। जबकि हम मात्र एक सीढ़ी नीचे ही होते हैं। ये आख़िरी सीढ़ी कोई भी कभी भी हो सकती है क्योंकि सफलता कभी आती हुई नहीं दिखती सिर्फ़ जाती हुई दिखती है। ...पूरा पढ़ें
पिछले सभी लेख → | शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र | शर्मदार की मौत |
एक आलेख
राष्ट्रपति अथवा राष्ट्र प्रमुख भारत के प्रथम नागरिक हैं, साथ ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख सेनापति भी हैं। राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे 'रायसीना हिल' के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान पर ब्रिटेन के संविधान का व्यापक प्रभाव है। ब्रिटेन के संविधान का अनुकरण करते हुए भारत में संविधान द्वारा संसदीय शासन की स्थापना की गयी है। राष्ट्रपति का चुनाव 'अप्रत्यक्ष निर्वाचन' के द्वारा किया जाता है। अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाएगा, जिसमें संसद (लोकसभा तथा राज्यसभा) तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होंगे। ... और पढ़ें
पिछले आलेख → | रसखान की भाषा | मौर्य काल |
एक पर्यटन स्थल
लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन है। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। ... और पढ़ें
पिछले पर्यटन स्थल → | चंडीगढ़ | लाल क़िला |
एक व्यक्तित्व
पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर भारत के प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। इनका सम्बन्ध ग्वालियर घराने से था। पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर का जितना प्रभावशाली व्यक्तित्व था उतना ही असरदार उनका संगीत भी था। एक बार महात्मा गाँधी ने उनका गायन सुन कर टिप्पणी की थी- “पण्डित जी अपनी मात्र एक रचना से जन-समूह को इतना प्रभावित कर सकते हैं, जितना मैं अपने अनेक भाषणों से भी नहीं कर सकता।” पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर की कालजयी रचनाओं में एक महत्त्वपूर्ण रचना है, ‘वन्देमातरम्...’। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की यह अमर रचना, स्वतंत्र भारत के प्रथम सूर्योदय पर पण्डित जी के स्वरों से अलंकृत होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुई थी। आगे चल कर ‘वन्देमातरम्...’ गीत के आरम्भिक दो अन्तरों को भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्यता प्रदान की थी। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
ब्रज डिस्कवरी
ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।
भारतकोश ज्ञान का हिन्दी-महासागर
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एक रोग
डेंगू अथवा 'डेंगी' / 'डेंगू बुख़ार' / 'डेंगू फीवर' / 'डेंगू ज्वर' एक ख़तरनाक संक्रामक रोग है। डेंगू का प्रथम महामारी रूपेण हमला एशिया, अफ़्रीका, उत्तरी अमेरिका में एक साथ सन् 1780 के लगभग हुआ था। इस रोग को 1779 में पहचाना तथा नाम दिया गया था। आम भाषा में इस बीमारी को "हड्डी तोड़ बुख़ार" कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ही प्रतिवर्ष '10 अगस्त' को 'डेंगू निरोधक दिवस' मनाया जाता है। डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई तथा एडीज एल्बोपेक्टस। जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुख़ार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है। ...और पढ़ें
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महत्त्वपूर्ण आकर्षण
कुछ लेख
सरोजिनी नायडू • पतंग • भूकंप • शक्तिपीठ • वल्लभाचार्य • आधुनिक काल • कृष्ण जन्मभूमि • कुम्भ मेला • लिपि • बौद्ध दर्शन |
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