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13:26, 21 मार्च 2011 का अवतरण

  • शक राजाओं के समय में पटरानी को अग्रमहिषी की उपाधि से विभूषित किया जाता था।

कौशल्या

कौशल्या दशरथ की अग्रमहिषी एवं राम जैसे आदर्श पुत्र की माता हैं। उनका सर्वप्रथम उल्लेख वाल्मीकि रामायण में पुत्र-प्रेम की आकांक्षिणी के रूप में मिलता है। वाल्मीकि की परम्परा में रचित काव्यों और नाटकों में कौशल्या सर्वत्र अग्रमहिषी के रूप ही चित्रित हैं, केवल आनन्द-रामायण में दशरथ एवं कौशल्या के विवाह का वर्णन विस्तार से हुआ है।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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