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{{सूचना बक्सा पर्यटन
भोपाल शहर [[मध्य प्रदेश]] राज्य के मध्य भारत में स्थित है। भूतपूर्व रजवाड़े भोपाल का एक हिस्सा यह शहर मालवा पठार की उपजाऊ समतल भूमि पर स्थित है। भोपाल शहर का नाम [[राजा भोज]] द्वारा शहर की सीमाओं के अंदर निर्मित एक ताल, भोज ताल से लिया गया है। एक और मत यह है कि यह 'भोज पाल' या 'भोज के बांध' पर आधारित है। जिसने भोपाल शहर के ताल को उत्पन्न किया। भोपाल शहर 1722 से अस्तित्व में है, जब दोस्त मुहम्मद ने मौजूदा ताल की उत्तरी दिशा में [[फ़तेहगढ़ क़िला|फ़तेहगढ़ क़िले]] का निर्माण प्रारंभ किया। किसी भी अतिरेकी बहाव को नियंत्रित करने के लिए ऊपरी ताल (बड़ा तालाब) और निचला ताल एक जलसेतु से जुड़े हैं।
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|चित्र=Taj-Ull-Masjid.jpg
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|विवरण=भोपाल शहर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है। भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। 
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|राज्य=[[मध्य प्रदेश]]
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|निर्माता=
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|निर्माण काल=
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|स्थापना=सन 1722 
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|भौगोलिक स्थिति=उत्तर- 23° 27' - पूर्व -77° 4'   
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|मार्ग स्थिति=यह शहर सड़क द्वारा [[सांची]] से 66.7 किमी, [[इंदौर]] से 194 किमी, [[उज्जैन]] से 197 किमी, [[झांसी]] से 358 किमी, [[खजुराहो]] से 384 किमी, [[ग्वालियर]] से 402 किमी और [[दिल्ली]] से 713 किमी दूरी पर स्थित है।
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|प्रसिद्धि=भोपाल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनेक ऐतिहासिक स्‍मारकों के लिए भी प्रसिद्ध है।
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|कब जाएँ=[[नवम्बर]] से [[फ़रवरी]]
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|यातायात=ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मिनी बस
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|हवाई अड्डा=राजा भोज विमानतल, भोपाल
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|रेलवे स्टेशन=भोपाल जंक्शन, हबीबगंज
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|बस अड्डा=नादरा बस स्टैंड, हलालपुर बस स्टैंड, पुतलीघर बस स्टैंड, जवाहर चौक बस स्टैंड
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|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
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|क्या देखें=[[भोपाल पर्यटन]]
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|कहाँ ठहरें=होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
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|क्या खायें=
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|क्या ख़रीदें=लकड़ी से निर्मित सामान, चमड़े के बैग, [[जूट]] से बनी चीज़ें, [[काग़ज़]] और पेपरमेशी के बने खिलौने
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|एस.टी.डी. कोड=755
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|ए.टी.एम=लगभग सभी
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|सावधानी=
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|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Bhopal,+Madhya+Pradesh&sll=24.246965,91.010742&sspn=17.214899,28.256836&ie=UTF8&hq=&hnear=Bhopal,+Madhya+Pradesh&z=11 गूगल मानचित्र], [http://maps.google.co.in/maps?f=d&source=s_d&saddr=Bhopal+Junction+Railway+Station,+Bhopal,+Madhya+Pradesh&daddr=Bhopal+Airport,+Bhopal,+Madhya+Pradesh&geocode=FYgHYwEd7TudBCmH0qqfOmh8OTE30qT8vC9aIA%3BFQJOYwEdYxScBCnnYA1FqWd8OTHhHb95-LOqGw&hl=en&mra=pd&mrcr=0&sll=23.283255,77.367879&sspn=0.072218,0.154324&ie=UTF8&ll=23.272889,77.387867&spn=0.072224,0.154324&z=13 राजा भोज विमानतल]
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|संबंधित लेख=
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'''भोपाल''' शहर [[मध्य प्रदेश]] राज्य की राजधानी है। भोपाल मध्य प्रदेश राज्य के मध्य [[भारत]] में स्थित है। भूतपूर्व रजवाड़े भोपाल का एक हिस्सा यह शहर [[मालवा पठार]] की उपजाऊ समतल भूमि पर स्थित है। भोपाल शहर का नाम [[राजा भोज]] द्वारा शहर की सीमाओं के अंदर निर्मित एक ताल, भोज ताल से लिया गया है। एक और मत यह है कि यह 'भोज पाल' या 'भोज के बांध' पर आधारित है। जिसने भोपाल शहर के ताल को उत्पन्न किया। भोपाल शहर 1722 से अस्तित्व में है, जब दोस्त मुहम्मद ने मौजूदा ताल की उत्तरी दिशा में [[फ़तेहगढ़ क़िला, भोपाल|फ़तेहगढ़ क़िले]] का निर्माण प्रारंभ किया। किसी भी अतिरेकी बहाव को नियंत्रित करने के लिए ऊपरी ताल ([[बड़ा तालाब, भोपाल|बड़ा तालाब]]) और निचला ताल एक जलसेतु से जुड़े हैं।
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[[चित्र:Technocrats-Institute-Of-Technology-Bhopal.jpg|thumb|220px|left|टेक्नोक्रेटस इन्स्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, भोपाल]]
 
==स्थापना==
 
==स्थापना==
बादशाह [[अकबर]] ने रानी [[दुर्गावती]] के गोंडवाना राज्य से अलग करके जागीर बना दिया। कुछ काल तक यह एक नवाब के अधीन रहा था और उसके पश्चात् 1761 ई॰ के बाद वह अर्ध-स्वतंत्न हो गया। लेकिन 1817 ई॰ मे इसका शासक अंग्रेज़ो के साथ सहायक संधि करने के लिए बाध्य हुआ। 1948 ई॰ में भोपाल रियासत भारतीय गणराज्य में मिला ली गयी और संप्रति यह मध्य प्रदेश की राजधानी है।
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बादशाह [[अकबर]] ने रानी [[दुर्गावती]] के गोंडवाना राज्य से अलग करके जागीर बना दिया। कुछ काल तक यह एक नवाब के अधीन रहा था और उसके पश्चात् 1761 ई. के बाद वह अर्ध-स्वतंत्र हो गया। लेकिन 1817 ई. में इसका शासक अंग्रेज़ो के साथ सहायक संधि करने के लिए बाध्य हुआ। 1948 ई. में भोपाल रियासत भारतीय गणराज्य में मिला ली गयी और संप्रति यह मध्य प्रदेश की राजधानी है।
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
भोपाल ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम प्रदेश था। इसके शासक ब्रिटिश शासन के प्रति निष्ठावान बने रहे और मराठों के साथ कई युद्ध भी लड़े। 1818 में स्थापित भोपाल एजेंसी ब्रिटीश सेंट्रल इंडिया एजेंसी का एक उपखंड था, जो पूर्व सामंती प्रदेशों राजगढ़, नरसिंहगढ़ और दूसरी कई रियासतों को समाविष्ट किए हुए था। आज़ादी के बाद भी भोपाल भारत की एक पृथक रियासत बना रहा और 1949 में इसे भारत में मिला लिया गया। 1952 में नवाबों का निर्बाध शासन समाप्त हो गया और एक प्रधान आयुक्त का राज्य स्थापित किया गया। 1956 में यह मध्य प्रदेश राज्य के साथ मिल गया।  
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भोपाल ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम प्रदेश था। इसके शासक ब्रिटिश शासन के प्रति निष्ठावान बने रहे और मराठों के साथ कई युद्ध भी लड़े। 1818 में स्थापित भोपाल एजेंसी ब्रिटीश सेंट्रल इंडिया एजेंसी का एक उपखंड था, जो पूर्व सामंती प्रदेशों [[राजगढ़]], [[नरसिंहगढ़]] और दूसरी कई रियासतों को समाविष्ट किए हुए था। आज़ादी के बाद भी भोपाल भारत की एक पृथक् रियासत बना रहा और 1949 में इसे भारत में मिला लिया गया। 1952 में नवाबों का निर्बाध शासन समाप्त हो गया और एक प्रधान आयुक्त का राज्य स्थापित किया गया। 1956 में यह मध्य प्रदेश राज्य के साथ मिल गया।
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===भोपाल गैसकाण्ड===
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{{main|भोपाल गैस त्रासदी}}
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2 और 3 दिसंबर 1994 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के [[कीटनाशक]] संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) नाम की गैस सहित कई विषैली गैसों का 32 टन के आसपास रिसाव हुआ। मरने वालों की संख्या शुरू में 5000 के आसपास दर्ज की गयी थी। कई आंकड़ों के हिसाब से दो सप्ताह के भीतर 18000 मौतें हुईं और अनुमान है की गैस विषाक्तता से संबंधित रोगों से 8000 मौतें और हुईं। ग्रीनपीस संगठन ने अपने अनुमान में हताहतों की संख्या 20,000 के आसपास बताई। हर साल 3 दिसंबर को आधिकारक रूप से शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी भोपाल के समस्त सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। भोपाल गैसकांड को अक्सर दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना के रूप में पेश किया जाता है।
 
==यातायात और परिवहन==
 
==यातायात और परिवहन==
====<u>वायु मार्ग</u>====
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====वायु मार्ग====
भोपाल एयरपोर्ट ओल्‍ड सिटी से 12 किमी. की दूरी पर है। [[दिल्ली]], [[मुंबई]] और [[इंदौर]] से यहाँ के लिए इंडियन एयरलाइन्‍स की नियमित हवाई जहाज़ हैं। [[ग्वालियर]] से यहाँ के लिए सप्‍ताह में चार दिन हवाई जहाज़ हैं।
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राजा भोज विमानतल को भी भोपाल हवाई अड्डा भी कहा जाता है। यह ओल्‍ड सिटी से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। [[दिल्ली]], [[मुंबई]] और [[इंदौर]] से यहाँ के लिए इंडियन एयरलाइन्‍स की नियमित हवाई जहाज़ हैं। [[ग्वालियर]] से यहाँ के लिए सप्‍ताह में चार दिन हवाई जहाज़ हैं।
====<u>रेल मार्ग</u>====
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====रेल मार्ग====
भोपाल का रेलवे स्‍टेशन देश के विविध रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्‍टेशन दिल्‍ली - [[चैन्नई]] रूट पर पडता है। शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भोपाल को दिल्‍ली से सीधा जोड़ती है। साथ ही यह शहर मुम्‍बई, [[आगरा]], ग्‍वालियर, [[झांसी]], [[उज्जैन]] आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।
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भोपाल का रेलवे स्‍टेशन देश के विविध रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्‍टेशन दिल्‍ली - [[चैन्नई]] रूट पर पडता है। शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भोपाल को दिल्‍ली से सीधा जोड़ती है। साथ ही यह शहर मुम्‍बई, [[आगरा]], ग्वालियर, [[झांसी]], [[उज्जैन]] आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।
 
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[[चित्र:A-View-Of-Bhopal-4.jpg|left|thumb|400px|भोपाल का शानदार दृश्य]]
====<u>सडक मार्ग</u>====
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;भोपाल मेट्रो
[[सांची]], इंदौर, उज्‍जैन, [[खजुराहो]], [[पंचमढ़ी]], [[जबलपुर]] आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुँचा जा सकता है। मध्‍य प्रदेश और पड़ोसी राज्‍यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।
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'भोपाल मेट्रो' भोपाल शहर के लिए एक प्रस्तावित त्वरित यातायात परियोजना है। इस प्रणाली को तीन गलियारों में विभाजित किया गया है, जिसकी कुल लंबाई 28.5 किलोमीटर है।
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====सडक मार्ग====
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[[सांची]], इंदौर, उज्जैन, [[खजुराहो]], [[पंचमढ़ी]], [[जबलपुर]] आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुँचा जा सकता है। मध्‍य प्रदेश और पड़ोसी राज्‍यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।
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==बड़ा तालाब==
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{{main|बड़ा तालाब, भोपाल}}
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'बड़ा तालाब' [[मध्य प्रदेश]] की राजधानी भोपाल के मध्य में स्थित मानव निर्मित एक [[झील]] है। इस तालाब का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था। भोपाल की यह विशालकाय जल संरचना [[अंग्रेज़ी]] में 'अपर लेक' कहलाती है। इसी को [[हिन्दी]] में 'बड़ा तालाब' कहा जाता है। इसे [[एशिया]] की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी माना जाता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है।[[चित्र:Upper-Lake-Bhopal.jpg|thumb|left|400px|[[बड़ा तालाब, भोपाल]]]] भोपाल के 'बड़े तालाब' का निर्माण 11वीं सदी में '[[परमार वंश]]' के [[राजा भोज]] ने करवाया था। बेहद प्राचीन और जन-उपयोगी इस जलाशय का [[इतिहास]] अनेक खट्टे-मीठे अनुभवों से भरा हुआ है। तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किलोमीटर है, पर अतिक्रमण एवं सूखे के कारण यह क्षेत्र 8-9 किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है। भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक 'छोटा तालाब' भी यहाँ मौजूद है और यह दोनों जल क्षेत्र मिलकर एक विशाल 'भोज वेटलैण्ड' का निर्माण करते हैं, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणा पत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है।
  
 
==उद्योग और व्यापार==
 
==उद्योग और व्यापार==
भोपाल शहर ने व्यापार, वाणिज्य और उद्योग में तेज़ी से प्रगति की है। यह अनाज, तेल, किराना व लेखन-सामग्री का एक व्यापक थोक और खुदरा केंद्र है। लगभग एक-तिहाई जनता श्रमिकों के रूप में गिनी जाती है। नौ औद्योगिक, श्रेणियों में से श्रमिक मुख्यतः अन्य सेवाओं, व्यापार, वाणिज्य, ग़ैर घरेलू विनिर्माण, निर्माण और परिवहन व संचार में संलग्न हैं। भोपाल में मुख्य उद्योगों में कपास और आटा मिलें, वस्त्र बुनाई, चित्रकारी और ट्रांसफ़ॉर्मर,  स्विचगियर, कर्षण मोटर और दूसरे भारी विद्युत उपकरणों के अतिरिक्त दियासलाई, लाख और खेल सामग्री का निर्माण भी सम्मिलित है। बटुवा निर्माण, ज़री कसीदाकारी, काष्ठ और लौह फ़र्नीचर का उत्पादन, हलवाई और नानाबाई की दुकान व बीड़ी निर्माण लघु उद्योग में शामिल हैं।
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भोपाल शहर ने व्यापार, वाणिज्य और उद्योग में तेज़ी से प्रगति की है। यह अनाज, तेल, किराना व लेखन-सामग्री का एक व्यापक थोक और खुदरा केंद्र है। लगभग एक-तिहाई जनता श्रमिकों के रूप में गिनी जाती है। नौ औद्योगिक, श्रेणियों में से श्रमिक मुख्यतः अन्य सेवाओं, व्यापार, वाणिज्य, ग़ैर घरेलू विनिर्माण, निर्माण और परिवहन व संचार में संलग्न हैं। भोपाल में मुख्य उद्योगों में कपास और आटा मिलें, वस्त्र बुनाई, चित्रकारी और [[ट्रांसफार्मर]],  स्विचगियर, कर्षण मोटर और दूसरे भारी विद्युत उपकरणों के अतिरिक्त [[दियासलाई]], लाख और खेल सामग्री का निर्माण भी सम्मिलित है। बटुवा निर्माण, ज़री कसीदाकारी, काष्ठ और लौह फ़र्नीचर का उत्पादन, हलवाई और नानाबाई की दुकान व बीड़ी निर्माण [[लघु उद्योग]] में शामिल हैं।
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[[चित्र:Moti-Masjid.jpg|thumb|250px|[[मोती मस्जिद भोपाल|मोती मस्जिद]], भोपाल]]
 
==शिक्षण संस्थान==
 
==शिक्षण संस्थान==
साक्षरता दर 60 प्रतिशत है। शहर में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के कई सरकारी व निजी शैक्षिक संस्थान और स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं। 1903 में नगर पालिका के रूप में गठित भोपाल में कई अस्पताल हैं और यह भोपाल विध्वविद्यालय (1970 में स्थापित) का मुख्यालय है।  
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साक्षरता दर 60 प्रतिशत है। शहर में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के कई सरकारी व निजी शैक्षिक संस्थान और स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं। 1903 में नगर पालिका के रूप में गठित भोपाल में कई अस्पताल हैं और यह भोपाल विध्वविद्यालय ([[1970]] में स्थापित) का मुख्यालय है।  
 
==जनसंख्या==
 
==जनसंख्या==
भोपाल की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) कुल 14,33,675  है।  
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भोपाल की कुल जनसंख्या ([[2001]] की गणना के अनुसार) कुल 14,33,675  है।  
 
==पर्यटन==
 
==पर्यटन==
 
{{main|भोपाल पर्यटन}}
 
{{main|भोपाल पर्यटन}}
भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन भारत को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा मध्‍य कालीन नवाबों के वैभव की याद दिला देता है। भोपाल और आसपास के दर्शनीय स्थानों-
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भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन भारत को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा मध्‍य कालीन नवाबों के वैभव की याद दिला देता है।  
====<u>लक्ष्मीनारायण मंदिर</u>====
 
[[लक्ष्मीनारायण मंदिर भोपाल|लक्ष्मीनारायण मंदिर]] भोपाल में बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार के दोनों तरफ संगमरमर से बने मंदिरों में [[शिव]] और [[हनुमान]] की प्रतिमाएं प्रतिष्ठापित है।
 
====<u>मोती मस्जिद</u>====
 
[[मोती मस्जिद भोपाल|मोती मस्जिद]] को कदसिया बेगम की बेटी [[सिकंदर जहाँ बेगम]] ने 1860 ई. में बनवाया था। उनका घरेलू नाम मोती बीबी था और उन्हीं के नाम पर ही इस मस्जिद का नाम मोती मस्जिद रखा गया।
 
====<u>ताज-उल-मस्जिद</u>====
 
[[ताज-उल-मस्जिद भोपाल|ताज-उल-मस्जिद]] भोपाल की सबसे बड़ी मस्जिद है और ताज-उल-मस्जिद एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। ताज-उल-मस्जिद का अर्थ है 'मस्जिदों का ताज'।
 
====<u>शौकत महल</u>====
 
[[शौकत महल भोपाल|शौकत महल]] का निर्माण भोपाल राज्य की प्रथम महिला शासिका नवाब [[कुदसिया बेगम]] ने कराया था। शौकत महल इस्‍लामिक और यूरोपियन शैली का मिश्रित रूप है।
 
====<u>सदर मंजिल</u>====
 
[[सदर मंजिल भोपाल|सदर मंजिल]] शौकत महल के निकट बनी हुई है। वर्ष 1898 ई. में सदर मंजिल की शानदार इमारत का निर्माण तत्कालीन नवाब शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था।
 
====<u>गोहर महल</u>====
 
[[गोहर महल भोपाल|गोहर महल]] बड़े तालाब के किनारे व्ही.आई.पी. रोड पर स्थित है। शौकत महल के पास बड़ी झील के किनारे स्थित वास्तुकला का यह खूबसूरत नमूना कुदसिया बेगम के काल का है।
 
  
====<u>पुरातात्विक संग्रहालय</u>====
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{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
मध्य प्रदेश के [[विदिशा ज़िला|विदिशा ज़िले]] के सिरोंज में पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित करने के लिए स्थानीय संग्रहालय स्थापित किया गया है। बनगंगा रोड पर स्थित [[पुरातात्विक संग्रहालय भोपाल|पुरातात्विक संग्रहालय]] में मध्‍य प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों से कला के खूबसूरत नमूने और मूर्तियों को एकत्रित करके रखा गया है।
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==वीथिका==
====<u>भारत भवन</u>====
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{{Panorama
[[भारत भवन भोपाल|भारत भवन]], राष्‍ट्रीय प्रान्त मध्य प्रदेश में स्थित सबसे अनूठे राष्‍ट्रीय संस्‍थानों मे से है जोकि एक विविध कला संग्रहालय भी है| भारत भवन मुख्य रूप से यह प्रदर्शन कला और दृश्य कला का केंद्र है।
+
|image=चित्र:A-View-Of-Bhopal-1.jpg
====<u>भीमबेटका गुफ़ाएँ</u>====
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|height= 300
भोपाल से 46 किमी. दूर पर दक्षिण में [[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका की गुफ़ाएँ]] मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि भीमबेटका गुफ़ाओं का स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है और इसी से इसका नाम भीमबैठका भी पड़ा गया। भीमबेटका गुफाओं में बनी चित्रकारियाँ यहाँ रहने वाले पाषाणकालीन मनुष्यों के जीवन को दर्शाती है। भीमबेटका गुफ़ाएँ प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं और भीमबेटका गुफ़ाएँ मानव द्वारा बनाये गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए भी प्रसिद्ध है।
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|alt=भोपाल शहर का विहंगम दृश्य
==सम्बंधित लिंक==
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|caption=भोपाल शहर का एक दृश्य, [[मध्य प्रदेश]]
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
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}}
[[Category:मध्य_प्रदेश]]
+
<gallery>
[[Category:मध्य_प्रदेश_के_नगर]]
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal-2.jpg|ताजुल मस्जिद, भोपाल
[[Category:मध्य_प्रदेश_के_पर्यटन_स्थल]]
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चित्र:A-View-Of-Bhopal-2.jpg|भोपाल का एक दृश्य
[[Category:पर्यटन कोश]]
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal.jpg|मुख्य द्वार, [[ताजुल मस्जिद]], भोपाल
[[Category:प्रदेशों की राजधानियाँ]]
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal-1.jpg|ताजुल मस्जिद, भोपाल
[[Category:भोपाल]]
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal-5.jpg|ताजुल मस्जिद, भोपाल
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चित्र:Information-Board-Darul-Uloom-Masjid-Bhopal.jpg|मस्जिद के बाहर स्थित सूचनापट
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चित्र:Internal-View-Of-Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal.jpg|ताजुल मस्जिद का भीतरी दृश्य
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चित्र:Jain-Temple-Bhopal.jpg|जैन मन्दिर, भोपाल
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चित्र:A-View-Of-Bhopal-3.jpg|भोपाल का शानदार दृश्य
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चित्र:Betwa-River-Bhopal.jpg|[[बेतवा नदी]], भोपाल
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal-3.jpg|मस्जिद का गुम्बद तथा [[मीनार]]
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चित्र:Darul-Uloom-Tajul-Masjid-Bhopal-4.jpg|ताजुल मस्जिद, भोपाल
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चित्र:Betwa-River-1.jpg|[[बेतवा नदी]], भोपाल
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चित्र:Fatah-Gar-Fort-Bhopal.jpg|[[फ़तेहगढ़ क़िला, भोपाल|फ़तेहगढ़ क़िला]], भोपाल
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चित्र:Line-Of-Cancer-Bhopal.jpg|[[कर्क रेखा]] के गुजरने के स्थान को दर्शाता बोर्ड, भोपाल
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</gallery>
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==संबंधित लेख==
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{{मध्य प्रदेश के नगर}}{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}}{{प्रदेशों की राजधानी}}{{भारत गणराज्य}}
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[[Category:मध्य_प्रदेश]][[Category:मध्य_प्रदेश_के_नगर]][[Category:मध्य_प्रदेश_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:प्रदेशों की राजधानियाँ]][[Category:भोपाल]]
 
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13:32, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

भोपाल
Taj-Ull-Masjid.jpg
विवरण भोपाल शहर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है। भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
राज्य मध्य प्रदेश
ज़िला भोपाल ज़िला
स्थापना सन 1722
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 23° 27' - पूर्व -77° 4'
मार्ग स्थिति यह शहर सड़क द्वारा सांची से 66.7 किमी, इंदौर से 194 किमी, उज्जैन से 197 किमी, झांसी से 358 किमी, खजुराहो से 384 किमी, ग्वालियर से 402 किमी और दिल्ली से 713 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि भोपाल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनेक ऐतिहासिक स्‍मारकों के लिए भी प्रसिद्ध है।
कब जाएँ नवम्बर से फ़रवरी
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा राजा भोज विमानतल, भोपाल
रेलवे स्टेशन भोपाल जंक्शन, हबीबगंज
बस अड्डा नादरा बस स्टैंड, हलालपुर बस स्टैंड, पुतलीघर बस स्टैंड, जवाहर चौक बस स्टैंड
यातायात ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मिनी बस
क्या देखें भोपाल पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
क्या ख़रीदें लकड़ी से निर्मित सामान, चमड़े के बैग, जूट से बनी चीज़ें, काग़ज़ और पेपरमेशी के बने खिलौने
एस.टी.डी. कोड 755
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र, राजा भोज विमानतल

भोपाल शहर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है। भोपाल मध्य प्रदेश राज्य के मध्य भारत में स्थित है। भूतपूर्व रजवाड़े भोपाल का एक हिस्सा यह शहर मालवा पठार की उपजाऊ समतल भूमि पर स्थित है। भोपाल शहर का नाम राजा भोज द्वारा शहर की सीमाओं के अंदर निर्मित एक ताल, भोज ताल से लिया गया है। एक और मत यह है कि यह 'भोज पाल' या 'भोज के बांध' पर आधारित है। जिसने भोपाल शहर के ताल को उत्पन्न किया। भोपाल शहर 1722 से अस्तित्व में है, जब दोस्त मुहम्मद ने मौजूदा ताल की उत्तरी दिशा में फ़तेहगढ़ क़िले का निर्माण प्रारंभ किया। किसी भी अतिरेकी बहाव को नियंत्रित करने के लिए ऊपरी ताल (बड़ा तालाब) और निचला ताल एक जलसेतु से जुड़े हैं।

टेक्नोक्रेटस इन्स्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, भोपाल

स्थापना

बादशाह अकबर ने रानी दुर्गावती के गोंडवाना राज्य से अलग करके जागीर बना दिया। कुछ काल तक यह एक नवाब के अधीन रहा था और उसके पश्चात् 1761 ई. के बाद वह अर्ध-स्वतंत्र हो गया। लेकिन 1817 ई. में इसका शासक अंग्रेज़ो के साथ सहायक संधि करने के लिए बाध्य हुआ। 1948 ई. में भोपाल रियासत भारतीय गणराज्य में मिला ली गयी और संप्रति यह मध्य प्रदेश की राजधानी है।

इतिहास

भोपाल ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम प्रदेश था। इसके शासक ब्रिटिश शासन के प्रति निष्ठावान बने रहे और मराठों के साथ कई युद्ध भी लड़े। 1818 में स्थापित भोपाल एजेंसी ब्रिटीश सेंट्रल इंडिया एजेंसी का एक उपखंड था, जो पूर्व सामंती प्रदेशों राजगढ़, नरसिंहगढ़ और दूसरी कई रियासतों को समाविष्ट किए हुए था। आज़ादी के बाद भी भोपाल भारत की एक पृथक् रियासत बना रहा और 1949 में इसे भारत में मिला लिया गया। 1952 में नवाबों का निर्बाध शासन समाप्त हो गया और एक प्रधान आयुक्त का राज्य स्थापित किया गया। 1956 में यह मध्य प्रदेश राज्य के साथ मिल गया।

भोपाल गैसकाण्ड

2 और 3 दिसंबर 1994 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) नाम की गैस सहित कई विषैली गैसों का 32 टन के आसपास रिसाव हुआ। मरने वालों की संख्या शुरू में 5000 के आसपास दर्ज की गयी थी। कई आंकड़ों के हिसाब से दो सप्ताह के भीतर 18000 मौतें हुईं और अनुमान है की गैस विषाक्तता से संबंधित रोगों से 8000 मौतें और हुईं। ग्रीनपीस संगठन ने अपने अनुमान में हताहतों की संख्या 20,000 के आसपास बताई। हर साल 3 दिसंबर को आधिकारक रूप से शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी भोपाल के समस्त सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। भोपाल गैसकांड को अक्सर दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना के रूप में पेश किया जाता है।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

राजा भोज विमानतल को भी भोपाल हवाई अड्डा भी कहा जाता है। यह ओल्‍ड सिटी से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली, मुंबई और इंदौर से यहाँ के लिए इंडियन एयरलाइन्‍स की नियमित हवाई जहाज़ हैं। ग्वालियर से यहाँ के लिए सप्‍ताह में चार दिन हवाई जहाज़ हैं।

रेल मार्ग

भोपाल का रेलवे स्‍टेशन देश के विविध रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्‍टेशन दिल्‍ली - चैन्नई रूट पर पडता है। शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भोपाल को दिल्‍ली से सीधा जोड़ती है। साथ ही यह शहर मुम्‍बई, आगरा, ग्वालियर, झांसी, उज्जैन आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।

भोपाल का शानदार दृश्य
भोपाल मेट्रो

'भोपाल मेट्रो' भोपाल शहर के लिए एक प्रस्तावित त्वरित यातायात परियोजना है। इस प्रणाली को तीन गलियारों में विभाजित किया गया है, जिसकी कुल लंबाई 28.5 किलोमीटर है।

सडक मार्ग

सांची, इंदौर, उज्जैन, खजुराहो, पंचमढ़ी, जबलपुर आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुँचा जा सकता है। मध्‍य प्रदेश और पड़ोसी राज्‍यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।

बड़ा तालाब

'बड़ा तालाब' मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मध्य में स्थित मानव निर्मित एक झील है। इस तालाब का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था। भोपाल की यह विशालकाय जल संरचना अंग्रेज़ी में 'अपर लेक' कहलाती है। इसी को हिन्दी में 'बड़ा तालाब' कहा जाता है। इसे एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी माना जाता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है।

भोपाल के 'बड़े तालाब' का निर्माण 11वीं सदी में 'परमार वंश' के राजा भोज ने करवाया था। बेहद प्राचीन और जन-उपयोगी इस जलाशय का इतिहास अनेक खट्टे-मीठे अनुभवों से भरा हुआ है। तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किलोमीटर है, पर अतिक्रमण एवं सूखे के कारण यह क्षेत्र 8-9 किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है। भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक 'छोटा तालाब' भी यहाँ मौजूद है और यह दोनों जल क्षेत्र मिलकर एक विशाल 'भोज वेटलैण्ड' का निर्माण करते हैं, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणा पत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है।

उद्योग और व्यापार

भोपाल शहर ने व्यापार, वाणिज्य और उद्योग में तेज़ी से प्रगति की है। यह अनाज, तेल, किराना व लेखन-सामग्री का एक व्यापक थोक और खुदरा केंद्र है। लगभग एक-तिहाई जनता श्रमिकों के रूप में गिनी जाती है। नौ औद्योगिक, श्रेणियों में से श्रमिक मुख्यतः अन्य सेवाओं, व्यापार, वाणिज्य, ग़ैर घरेलू विनिर्माण, निर्माण और परिवहन व संचार में संलग्न हैं। भोपाल में मुख्य उद्योगों में कपास और आटा मिलें, वस्त्र बुनाई, चित्रकारी और ट्रांसफार्मर, स्विचगियर, कर्षण मोटर और दूसरे भारी विद्युत उपकरणों के अतिरिक्त दियासलाई, लाख और खेल सामग्री का निर्माण भी सम्मिलित है। बटुवा निर्माण, ज़री कसीदाकारी, काष्ठ और लौह फ़र्नीचर का उत्पादन, हलवाई और नानाबाई की दुकान व बीड़ी निर्माण लघु उद्योग में शामिल हैं।

शिक्षण संस्थान

साक्षरता दर 60 प्रतिशत है। शहर में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के कई सरकारी व निजी शैक्षिक संस्थान और स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं। 1903 में नगर पालिका के रूप में गठित भोपाल में कई अस्पताल हैं और यह भोपाल विध्वविद्यालय (1970 में स्थापित) का मुख्यालय है।

जनसंख्या

भोपाल की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) कुल 14,33,675 है।

पर्यटन

भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन भारत को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा मध्‍य कालीन नवाबों के वैभव की याद दिला देता है।


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वीथिका

भोपाल शहर का विहंगम दृश्य
भोपाल शहर का एक दृश्य, मध्य प्रदेश

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