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जोधपुर शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में [[मारवाड़]] की प्राचीन राजधानी [[मंडौर जोधपुर राजस्थान|मंडौर]] के चौथी शताब्दी के अवशेष विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्‍य वित्तिय राजधानी था, जहाँ [[राठौड़ वंश]] ने शासन किया था। जोधपुर [[थार मरुस्‍थल]] के दाहिने छोर पर स्थित है।
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==स्थापना==
 
==स्थापना==
जोधपुर की स्थापना एक राजपूत [[राव जोधा]] (1438-89 ई.) ने 1459 में की थी और यह भूतपूर्व जोधपुर रियासत की राजधानी था। मंडोर से हटाकर नयी राजधानी यहाँ बसायी गयी थी। नयी राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाटुंक पहाड़ी पर एक दुर्ग भी बनाया गया था, जो आज भी जोधपुर के किले के नाम से प्रसिद्ध है।  
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जोधपुर की स्थापना एक [[राजपूत]] [[राव जोधा]] (1438-89 ई.) ने 1459 में की थी और यह भूतपूर्व जोधपुर रियासत की राजधानी था। मंडोर से हटाकर नयी राजधानी यहाँ बसायी गयी थी। नयी राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाटुंक पहाड़ी पर एक दुर्ग भी बनाया गया था, जो आज भी जोधपुर के किले के नाम से प्रसिद्ध है।  
  
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
जोधपुर पर 1565 ई. में [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार हो गया। जोधपुर राज्य के राव चन्द्रसेन ने 1570 ई. में अकबर से भेंट की लेकिन अकबर ने उसके प्रतिद्वन्द्वी भाई मोटा राजा उदयसिंह को जोधपुर राज्य का अधीन शासक मान लिया। चन्द्रसेन निराश लौट गया और जीवनपर्यंत विरोध करता रहा। 1961 में मुग़ल बादशाह [[अकबर]] के आक्रमण के बाद इसने मुग़लों का प्रभुत्व स्वीकार कर लिया। 1679 में मुग़ल बादशाह [[औरंगज़ेब]] ने मारवाड़ पर हमला करके इसे लूटा और यहाँ के निवासियों को [[इस्लाम धर्म]] स्वीकार करने को मज़बूर किया, लेकिन जोधपुर, [[जयपुर]] और [[उदयपुर]] की रियासतों ने गठबंधन बनाकर मुसलमानों के नियंत्रण को रोके रखा। इसके बाद जयपुर और जोधपुर के राजकुमारों को उदयपुर परिवार के साथ वैवाहिक सम्बन्ध करने का अधिकार (जो मुग़लों के साथ मित्रता के कारण समाप्त हो गया था) इस शर्त पर फिर से प्राप्त हो गया कि उदयपुर की राजकुमारियों से उत्पन्न बच्चे पहले उत्तराधिकारी होंगे। [[चित्र:Phool-Mahal-Jodhpur-2.jpg|thumb|250px|left|फूलमहल, [[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], जोधपुर <br /> Phool Mahal, Mehrangarh Fort, Jodhpur]] लेकिन इस शर्त से उत्पन्न झगड़ों के कारण अन्ततः यहाँ मराठों का प्रभुत्व क़ायम हो गया। औरंगजेब के समय जोधपुर का शासक जसवंतसिंह की मृत्यु (1678 ई.) के पश्चात औरंगजेब और जोधपुर राज्य के मध्य लम्बे समय तक संघर्ष चलता रहा। यह संघर्ष जोधपुर की गद्दी पर अजीतसिंह (जसवंतसिंह के पुत्र ) के अधिकार को लेकर हुआ। संघर्ष का अंत औरंगजेब की मृत्यु (1707 ई.) के पश्चात मुग़ल सम्राट फर्रुखशिखर के समय ही हो सका। 1818 में जोधपुर ब्रिटिश सत्ता के अंतर्गत आ गया। 1949 में यह राजस्थान राज्य में शामिल हो गया।  
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जोधपुर पर 1565 ई. में [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार हो गया। जोधपुर राज्य के राव चन्द्रसेन ने 1570 ई. में [[अकबर]] से भेंट की लेकिन अकबर ने उसके प्रतिद्वन्द्वी भाई मोटा [[राजा उदयसिंह]] को जोधपुर राज्य का अधीन शासक मान लिया। चन्द्रसेन निराश लौट गया और जीवनपर्यंत विरोध करता रहा। 1961 में मुग़ल बादशाह [[अकबर]] के आक्रमण के बाद इसने मुग़लों का प्रभुत्व स्वीकार कर लिया। 1679 में मुग़ल बादशाह [[औरंगज़ेब]] ने मारवाड़ पर हमला करके इसे लूटा और यहाँ के निवासियों को [[इस्लाम धर्म]] स्वीकार करने को मज़बूर किया, लेकिन जोधपुर, [[जयपुर]] और [[उदयपुर]] की रियासतों ने गठबंधन बनाकर [[मुसलमान|मुसलमानों]] के नियंत्रण को रोके रखा। इसके बाद जयपुर और जोधपुर के राजकुमारों को उदयपुर [[परिवार]] के साथ वैवाहिक सम्बन्ध करने का अधिकार (जो मुग़लों के साथ मित्रता के कारण समाप्त हो गया था) इस शर्त पर फिर से प्राप्त हो गया कि उदयपुर की राजकुमारियों से उत्पन्न बच्चे पहले उत्तराधिकारी होंगे। [[चित्र:Phool-Mahal-Jodhpur-2.jpg|thumb|250px|left|फूलमहल, [[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], जोधपुर ]] लेकिन इस शर्त से उत्पन्न झगड़ों के कारण अन्ततः यहाँ [[मराठा|मराठों]] का प्रभुत्व क़ायम हो गया। औरंगजेब के समय जोधपुर का शासक जसवंतसिंह की मृत्यु (1678 ई.) के पश्चात औरंगजेब और जोधपुर राज्य के मध्य लम्बे समय तक संघर्ष चलता रहा। यह संघर्ष जोधपुर की गद्दी पर अजीतसिंह (जसवंतसिंह के पुत्र ) के अधिकार को लेकर हुआ। संघर्ष का अंत औरंगजेब की मृत्यु (1707 ई.) के पश्चात मुग़ल सम्राट फर्रुखशिखर के समय ही हो सका। 1818 में जोधपुर ब्रिटिश सत्ता के अंतर्गत आ गया। 1949 में यह राजस्थान राज्य में शामिल हो गया।  
  
 
==कृषि और खनिज==
 
==कृषि और खनिज==
यह शहर कृषि उपज, ऊन, मवेशी, नमक और चमड़े का विपणन केन्द्र है।  
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यह शहर [[कृषि]] उपज, ऊन, मवेशी, [[नमक]] और चमड़े का विपणन केन्द्र है।  
 
==उद्योग और व्यापार==
 
==उद्योग और व्यापार==
यहाँ इंजीनियरिंग और रेल की कार्यशालाएँ हैं व साथ ही सूती वस्त्र, पीतल तथा लोहे के बर्तन, साइकिल, स्याही और पोलो के उपकरणों का निर्माण होता है। जोधपुर अपने हस्तशिल्प उत्पादों के लिए प्रख्यात है, जिसमें हाथीदाँत का सामान, काँच की चूड़ियाँ, छुरी—काँटा, रंगे हुए वस्त्र, लाख की वस्तुएँ, नमदे, चमड़े का सामान, संगमरमर के पत्थर का काम और क़ालीनों की बुनाई प्रमुख है।  
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यहाँ इंजीनियरिंग और रेल की कार्यशालाएँ हैं व साथ ही सूती वस्त्र, पीतल तथा [[लोहा|लोहे]] के बर्तन, साइकिल, स्याही और पोलो के उपकरणों का निर्माण होता है। जोधपुर अपने हस्तशिल्प उत्पादों के लिए प्रख्यात है, जिसमें हाथीदाँत का सामान, काँच की [[चूड़ी|चूड़ियाँ]], छुरी—काँटा, [[रंगे]] हुए [[वस्त्र]], लाख की वस्तुएँ, नमदे, चमड़े का सामान, संगमरमर के पत्थर का काम और क़ालीनों की बुनाई प्रमुख है।  
 
==उच्च न्यायालय==
 
==उच्च न्यायालय==
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राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में राज्य का उच्च न्यायालय स्थित है।  
 
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में राज्य का उच्च न्यायालय स्थित है।  
 
==शिक्षण संस्थान==
 
==शिक्षण संस्थान==
 
यहाँ अन्य संस्थानों के साथ-साथ:-  
 
यहाँ अन्य संस्थानों के साथ-साथ:-  
*जोधपुर विश्वविद्यालय,
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*एम.बी.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज
[[चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-14.jpg|thumb|250px|left|[[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]], जोधपुर <br /> Mehrangarh Fort, Jodhpur]]
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*डाक्टर एस.एन. मेडिकल कॉलेज,
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*डाक्टर एस.एन. मेडिकल कॉलेज
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*जे.डी. मेमोरियल फ़ैकल्टी आफ़ फ़ार्मेसी
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*गवर्नमेंट पालीटेक्निक कॉलेज  
*जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (1962 में स्थापित) स्थित है।
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*जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (1962 में स्थापित)
  
 
==पर्यटन==
 
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भारत में राजस्‍थान को मरुस्‍थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ क़िला मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।
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भारत में राजस्‍थान को मरुस्‍थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित [[मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर|मेहरानगढ़ क़िला]] मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।
  
 
==खानपान==
 
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यहाँ ख़ासतौर पर दूध निर्मित खाद्य पदार्थों का ज्‍यादा प्रयोग होता है। जैसे मावा का लड्डू, क्रीम युक्‍त लस्‍सी, मावा कचौड़ी, और दूध फिरनी आदि।
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यहाँ ख़ासतौर पर [[दूध]] निर्मित खाद्य पदार्थों का ज्‍यादा प्रयोग होता है। जैसे मावा का लड्डू, क्रीम युक्‍त लस्‍सी, मावा कचौड़ी, और दूध फिरनी आदि।
 
==उत्‍सव==
 
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*जोधपुर में कुछ प्रमुख उत्सव है जो बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।  
 
*जोधपुर में कुछ प्रमुख उत्सव है जो बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।  
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11:55, 22 नवम्बर 2011 का अवतरण

जोधपुर
Mehrangarh-Fort-Jodhpur-2.jpg
विवरण जोधपुर शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है।
राज्य राजस्थान
ज़िला जोधपुर ज़िला
स्थापना सन 1459 ई. में एक राजपूत राव जोधा द्वारा स्थापित
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 26° 28' - पूर्व- 73° 2'
प्रसिद्धि क़िले, हवेलियाँ, मेले और अन्य उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा बस अड्डा जोधपुर
क्या देखें जोधपुर पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
क्या खायें मावा का लड्डू, क्रीम युक्‍त लस्‍सी, मावा कचौड़ी, और दूध फिरनी आदि।
क्या ख़रीदें हाथीदाँत का सामान, काँच की चूड़ियाँ, छुरी—काँटा, रंगे हुए वस्त्र, लाख की वस्तुएँ, नमदे, चमड़े का सामान आदि।
एस.टी.डी. कोड 0291
संबंधित लेख गूगल मानचित्र, जोधपुर हवाई अड्डा


जोधपुर जोधपुर पर्यटन जोधपुर ज़िला

जोधपुर शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडौर के चौथी शताब्दी के अवशेष विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्‍य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।

जोधपुर का एक दृश्य

स्थापना

जोधपुर की स्थापना एक राजपूत राव जोधा (1438-89 ई.) ने 1459 में की थी और यह भूतपूर्व जोधपुर रियासत की राजधानी था। मंडोर से हटाकर नयी राजधानी यहाँ बसायी गयी थी। नयी राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाटुंक पहाड़ी पर एक दुर्ग भी बनाया गया था, जो आज भी जोधपुर के किले के नाम से प्रसिद्ध है।

इतिहास

जोधपुर पर 1565 ई. में मुग़लों का अधिकार हो गया। जोधपुर राज्य के राव चन्द्रसेन ने 1570 ई. में अकबर से भेंट की लेकिन अकबर ने उसके प्रतिद्वन्द्वी भाई मोटा राजा उदयसिंह को जोधपुर राज्य का अधीन शासक मान लिया। चन्द्रसेन निराश लौट गया और जीवनपर्यंत विरोध करता रहा। 1961 में मुग़ल बादशाह अकबर के आक्रमण के बाद इसने मुग़लों का प्रभुत्व स्वीकार कर लिया। 1679 में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने मारवाड़ पर हमला करके इसे लूटा और यहाँ के निवासियों को इस्लाम धर्म स्वीकार करने को मज़बूर किया, लेकिन जोधपुर, जयपुर और उदयपुर की रियासतों ने गठबंधन बनाकर मुसलमानों के नियंत्रण को रोके रखा। इसके बाद जयपुर और जोधपुर के राजकुमारों को उदयपुर परिवार के साथ वैवाहिक सम्बन्ध करने का अधिकार (जो मुग़लों के साथ मित्रता के कारण समाप्त हो गया था) इस शर्त पर फिर से प्राप्त हो गया कि उदयपुर की राजकुमारियों से उत्पन्न बच्चे पहले उत्तराधिकारी होंगे।

फूलमहल, मेहरानगढ़ क़िला, जोधपुर

लेकिन इस शर्त से उत्पन्न झगड़ों के कारण अन्ततः यहाँ मराठों का प्रभुत्व क़ायम हो गया। औरंगजेब के समय जोधपुर का शासक जसवंतसिंह की मृत्यु (1678 ई.) के पश्चात औरंगजेब और जोधपुर राज्य के मध्य लम्बे समय तक संघर्ष चलता रहा। यह संघर्ष जोधपुर की गद्दी पर अजीतसिंह (जसवंतसिंह के पुत्र ) के अधिकार को लेकर हुआ। संघर्ष का अंत औरंगजेब की मृत्यु (1707 ई.) के पश्चात मुग़ल सम्राट फर्रुखशिखर के समय ही हो सका। 1818 में जोधपुर ब्रिटिश सत्ता के अंतर्गत आ गया। 1949 में यह राजस्थान राज्य में शामिल हो गया।

कृषि और खनिज

यह शहर कृषि उपज, ऊन, मवेशी, नमक और चमड़े का विपणन केन्द्र है।

उद्योग और व्यापार

यहाँ इंजीनियरिंग और रेल की कार्यशालाएँ हैं व साथ ही सूती वस्त्र, पीतल तथा लोहे के बर्तन, साइकिल, स्याही और पोलो के उपकरणों का निर्माण होता है। जोधपुर अपने हस्तशिल्प उत्पादों के लिए प्रख्यात है, जिसमें हाथीदाँत का सामान, काँच की चूड़ियाँ, छुरी—काँटा, रंगे हुए वस्त्र, लाख की वस्तुएँ, नमदे, चमड़े का सामान, संगमरमर के पत्थर का काम और क़ालीनों की बुनाई प्रमुख है।

उच्च न्यायालय

मेहरानगढ़ के क़िले में वाद्य यंत्र बजाता जोधपुर वासी

राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में राज्य का उच्च न्यायालय स्थित है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ अन्य संस्थानों के साथ-साथ:-

  • जोधपुर विश्वविद्यालय
  • एम.बी.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज
  • डाक्टर एस.एन. मेडिकल कॉलेज
  • जे.डी. मेमोरियल फ़ैकल्टी आफ़ फ़ार्मेसी
  • गवर्नमेंट पालीटेक्निक कॉलेज
  • जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (1962 में स्थापित)

पर्यटन

भारत में राजस्‍थान को मरुस्‍थलों का राजा कहा जाता है। यहाँ अनेक ऐसे स्‍थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्‍हीं में से एक है-जोधपुर। 15वीं शदी में निर्मित क़िला और महलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। पहाड़ी के शिखर और शहर के अंतिम छोर पर अवस्थित मेहरानगढ़ क़िला मध्‍यकालीन राजशाही का मानो प्रति‍बिंब है।

खानपान

यहाँ ख़ासतौर पर दूध निर्मित खाद्य पदार्थों का ज्‍यादा प्रयोग होता है। जैसे मावा का लड्डू, क्रीम युक्‍त लस्‍सी, मावा कचौड़ी, और दूध फिरनी आदि।

उत्‍सव

  • जोधपुर में कुछ प्रमुख उत्सव है जो बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
  • मारवाड़ उत्‍सव, नागौर का प्रसिद्ध पशु मेला, कागा में शीतलामाता का उत्‍सव और पीपर का गंगुआर मेला।

जनसंख्या

जोधपुर शहर की जनसंख्या 2001 8,46,408 है। और जोधपुर ज़िले की कुल जनसंख्या 28,80,777 है।


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