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*'[[रामचरितमानस]]' के अनुसार इसी के कहने पर [[राम]] के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-  
 
*'[[रामचरितमानस]]' के अनुसार इसी के कहने पर [[राम]] के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-  
#[[भरत दशरथ पुत्र|भरत]] को राज्यपद और  
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#[[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] को राज्यपद और  
 
#राम को 14 वर्ष का वनवास।  
 
#राम को 14 वर्ष का वनवास।  
 
*अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।  
 
*अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।  

12:59, 30 जुलाई 2010 का अवतरण

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  • यह दशरथ की रानी कैकेयी की प्रिय दासी थी।
  • 'रामचरितमानस' के अनुसार इसी के कहने पर राम के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-
  1. भरत को राज्यपद और
  2. राम को 14 वर्ष का वनवास।
  • अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।


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