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*महाराजा सवाई रामसिंह ने ही 6 फ़रवरी, सन 1876 में [[ब्रिटेन]] के महाराजा एडवर्ड सप्तम प्रिन्स आफ वैल्स के रूप में [[भारत]] आने के समय यादगार के रूप में अल्बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्भ किया। | *महाराजा सवाई रामसिंह ने ही 6 फ़रवरी, सन 1876 में [[ब्रिटेन]] के महाराजा एडवर्ड सप्तम प्रिन्स आफ वैल्स के रूप में [[भारत]] आने के समय यादगार के रूप में अल्बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्भ किया। | ||
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*भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। [[भारतीय शैली|भारतीय]] व [[फारसी शैली]] में बनी इस भव्य इमारत में इस समय [[संग्रहालय]] संचालित किया जा रहा है। | *भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। [[भारतीय शैली|भारतीय]] व [[फारसी शैली]] में बनी इस भव्य इमारत में इस समय [[संग्रहालय]] संचालित किया जा रहा है। | ||
*अल्बर्ट हाल देश की एकमात्र ऐसी इमारत है, जिसमें कई देशों की स्थापत्य शैली का समावेश देखने को मिलता है। | *अल्बर्ट हाल देश की एकमात्र ऐसी इमारत है, जिसमें कई देशों की स्थापत्य शैली का समावेश देखने को मिलता है। |
11:26, 11 जनवरी 2011 का अवतरण
- शहर के सर्वाधिक सुन्दर उद्यान रामनिवास बाग़ में यह भवन निर्मित किया गया है।
- रामनिवास बाग़ का निर्माण महाराजा सवाई रामसिंह ने अकाल राहत कार्यो के अन्तर्गत 4 लाख रू. की राशि व्यय कर करवाया था।
- महाराजा सवाई रामसिंह ने ही 6 फ़रवरी, सन 1876 में ब्रिटेन के महाराजा एडवर्ड सप्तम प्रिन्स आफ वैल्स के रूप में भारत आने के समय यादगार के रूप में अल्बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्भ किया।
- वर्तमान में इस भवन को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है।
- भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। भारतीय व फारसी शैली में बनी इस भव्य इमारत में इस समय संग्रहालय संचालित किया जा रहा है।
- अल्बर्ट हाल देश की एकमात्र ऐसी इमारत है, जिसमें कई देशों की स्थापत्य शैली का समावेश देखने को मिलता है।
- इमारत के वास्तुकार कर्नल एस. जैकब ने दुनिया के संग्रहालयों की जानकारी लेकर बनवाया था।
- इस भवन में प्रवेश करते हुए एक हाल है जिसमें जयपुर के राजाओं के चित्र व राजचिन्ह हैं।
- चारों तरफ भारतीय व विदेशी कला के नमूनों की प्रतिकृतियाँ व भित्ति चित्र हैं।
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