खलीलुल्ला ख़ाँ

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खलीलुल्ला ख़ाँ उस फौज का एक सिपहसालार था, जिसको लेकर बादशाह शाहजहाँ का सबसे बड़ा पुत्र शाहज़ादा दारा शिकोह अपने तीसरे और चौथे भाई औरंगज़ेब और मुराद से 1658 ई. में आगरा से 8 मील पूर्व सामूगढ़ में लड़ा था।

  • खलीलुल्ला ख़ाँ की विश्वासघातपूर्ण सलाह पर ही शाहज़ादा दारा लड़ाई के नाजुक दौर में उस हाथी पर से उतर गया, जिस पर वह लड़ाई से पूर्व सवार था।
  • हाथी पर से उतर जाने के बाद दारा शिकोह एक घोड़े पर सवार हो गया था।
  • हाथी की पीठ पर ख़ाली हौदा देखकर दारा के सिपाहियों ने समझा कि वह युद्ध में मारा गया और सारे सिपाही युद्ध भूमि से भाग खड़े हुए।
  • खलीलुल्ला ख़ाँ की धोखेबाजी से दारा यह युद्ध तो हारा ही, इसके साथ ही दिल्ली का ताज भी उसके हाथ से निकल गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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