रफ़ीउद्दाराजात
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रफ़ीउद्दाराजात
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पूरा नाम | अबुल बरकत शम्स-उद-दीन मुहम्मद रफ़ी-उल-दाराजत पादशाह गाज़ी शहंशाह-ए-बहर्रुबार |
अन्य नाम | रफ़ी उद-दाराजात, रफ़ी उद-दर्जत |
जन्म | 1 दिसम्बर, 1699 |
मृत्यु तिथि | 13 जून, 1719 |
मृत्यु स्थान | आगरा |
पिता/माता | पिता- रफ़ी-उस-शान, माता- रज़ियत-उन-निसा-बेगम |
पति/पत्नी | इनायत बानु बेगम |
धार्मिक मान्यता | सुन्नी (इस्लाम) |
पूर्वाधिकारी | फ़र्रुख़सियर |
राजघराना | तैमूरी |
वंश | मुग़ल वंश |
रफ़ी उद-दाराजात अथवा रफ़ीउद्दाराजात अथवा रफ़ी उद-दर्जत (अंग्रेज़ी: Rafi ud-Darajat, जन्म- 1 दिसम्बर, 1699; मृत्यु- 13 जून, 1719, आगरा) दसवाँ मुग़ल बादशाह था। वह रफ़ी उस-शहान का पुत्र तथा अज़ीमुश्शान का भाई था। फ़र्रुख़सियर के बाद 28 फ़रवरी, 1719 को सैयद बंधुओं के द्वारा उसे बादशाह घोषित किया गया था।
- बादशाह रफ़ी उद-दाराजात बहुत ही अल्प समय (28 फ़रवरी से 4 जून, 1719 ई.) तक ही शासन कर सका।
- सैय्यद बन्धुओं ने फ़र्रुख़सियर के विरुद्ध षड़यन्त्र रचकर 28 अप्रैल, 1719 को गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी।
- मुग़ल साम्राज्य के इतिहास में किसी अमीर द्वारा किसी मुग़ल बादशाह की हत्या का यह पहला उदाहरण था।
- इसके बाद सैय्यद बन्धुओं ने रफ़ी उद-दाराजात को सिंहासन पर बैठाया।
- रफ़ी उद-दाराजात सबसे कम समय तक शासन करने वाला मुग़ल बादशाह था।
- इसके काल की उल्लेखनीय घटना 'नेकसियर' का विद्रोह था।
- नेकसियर को विरोधियों ने सम्राट घोषित कर आगरा की गद्दी पर बैठा दिया था।
- नेकसियर अकबर द्वितीय का पुत्र था।
- रफ़ी उद-दाराजात की मृत्यु क्षय रोग के कारण हुई।
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