बारनावापारा वन्य जीवन अभयारण्य
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बारनावापारा वन्य जीवन अभयारण्य छत्तीसगढ़ का एक उत्कृष्ट और महत्त्वपूर्ण वन्य जीवन अभयारण्य है। इस अभयारण्य की स्थापना 1976 में 'वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम-1972' के तहत की गई थी। यह अभयारण्य अपेक्षाकृत छोटा है, जो केवल 245 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।
- बारनावापारा की स्थलाकृति चपटी है और यहाँ 265-400 मीटर के बीच ऊँचाई वाली पहाड़ी तराईयाँ स्थित हैं।
- यह अभयारण्य अपनी हरी भरी वनस्पति और अनोखे वन्य जीवन के कारण जाना जाता है।
- अभयारण्य में मुख्य रूप से उष्णकटिबंधिय सूखे पतझड़ी वन हैं, जिसमें टीक, साल, बांस और तर्मीनेलिया के पेड़ प्रमुख हैं।
- बारनावापारा अभयारण्य में पाए जाने वाले अन्य प्रमुख वृक्षों में सेमल, महुआ, बेर और तेंदु शामिल हैं।
- यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वन्य जंतु हैं- बाघ, स्लॉथ बीयर, उड़ने वाली गिलहरी, भेडिए, चार सींग वाले एंटीलॉप, चीते, चिंकारा, ब्लैक बक, जंगली बिल्ली, बार्किंग डीयर, साही, बंदर, बायसन, पट्टीदार हाइना, जंगली कुत्ते, चीतल, सांभर, नीलगाय, गौर, मुंट जेक, जंगली सुअर, कोबरा और अजगर आदि।
- इस वन्य जीव अभयारण्य में बड़ी संख्या में पक्षी भी पाए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख तोते, बुलबुल, सफ़ेद रम्पयुक्त गिद्ध, हरे आवादावात, लेसर केस्ट्रेल, पी फाउल, कठफोड़वा, रेकिट टेल वाले ड्रोंगो, अगरेट, हेरॉन्स आदि हैं।
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