जैसोर आलसी भालू अभयारण्य
जैसोर आलसी भालू अभयारण्य गुजरात के पालनपुर से 45 किलोमीटर दूर वनास्कंथा ज़िला में स्थित है। यह अभयारण्य दुर्लभ पेड़ों और जंतुओं का आश्रय स्थल है। वृक्षों से आच्छादित यह प्रदेश मरुभूमिकरण की प्रक्रिया को रोकते हुए थार रेगिस्तान के फैलाव को कम करता है। मानसून पूर्व से लेकर जाड़े तक का समय इस अभ्यारण्य के घूमने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
परिस्थितिकी तंत्र
मई, 1978 में यह वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया गया था। 180.66 वर्ग किलोमीटर का यह क्षेत्र जेस्सोर पहाड़ी और आसपास के इलाकों से जुड़ा हुआ है, जो विभिन्न प्रजातियों के दुर्लभ पेड़ों और जंतुओं का आश्रय स्थल है। अभ्यारण्य का जंगल अरावली पर्वतमाला के परिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र बफर के रूप में कार्य करता है और रेगिस्तान के परिस्थितिकी तंत्र से पर्णपाती तंत्र को अलग करता है। वृक्षों से आच्छादित यह प्रदेश मरुभूमिकरण की प्रक्रिया को रोकते हुए थार रेगिस्तान के विस्तार को कम करने में विशेष भूमिका निभाता है।
जीव जंतु
अरावली पर्वतमाला की घुमावदार चोटियों में स्थित जेस्सोर पहाड़ी गुजरात की दूसरी सबसे ऊँची चोटी हैं। यह अभ्यारण्य आलसी भालुओं के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ के कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानवरों में से तेंदुए, रीसस मकाक, भारतीय सीविट बिल्ली, साही, लोमड़ी, धारीदार बिज्जू, जंगली सूअर आदि प्रमुख हैं।
पक्षियों की विविधता
यह अभयारण्य जल पक्षियों से लेकर भूमि पर रहने वाले पक्षियों की विविधता के लिए एक उपयुक्त आवास प्रदान करता है। आई. यु. सी. एन. की गणना के अनुसार यह क्षेत्र अनेकों प्रकार के दुर्लभ पक्षियों का आश्रय स्थल है। सरीसृप जंतुओं में विभिन्न प्रकार के सांप, कछुए और गिरगिट पाए जाते हैं। सबसे दुर्लभ भारतीय अजगर 'मुनी जी की कुटिया' के आस पास देखा गया था।
कब जाएँ
मानसून के पूर्व से लेकर जाड़े तक का समय इस अभ्यारण्य को घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
कैसे पहुँचें
यहाँ के निकटतम रेलवे स्टेशनों में पालनपुर (45 किलोमीटर) और इक्बल्गढ़ (8 किलोमीटर) दूर हैं। निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद, जो कि 178 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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