मटकी नृत्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:33, 17 अक्टूबर 2012 का अवतरण (''''मटकी नृत्य''' मालवा, मध्य प्रदेश का परम्परागत [[नृ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

मटकी नृत्य मालवा, मध्य प्रदेश का परम्परागत नृत्य है। विभिन्न अवसरों पर मालवा के गाँव की महिलाएँ मटकी नृत्य करती हैं। ढोल या ढोलक की एक ख़ास लय, जो मटकी के नाम से जानी जाती है, उसकी थाप पर महिलाएँ नृत्य करती हैं।

  • मटकी नृत्य के प्रारम्भ में पहले एक ही महिला नाचती है, जिसे 'झेला' कहा जाता है।
  • महिलाएँ अपनी परम्परागत मालवी वेशभूषा में चेहरे पर घूंघट डाले हुए नृत्य करती हैं।
  • पहले नाचने वाली महिला गीत की कड़ी उठाती है, फिर आस-पास की महिलाएँ भी समूह में इस कड़ी को दोहराती हैं।
  • नृत्य में हाथ और पैरों सुन्दर संचालन दर्शनीय होता है।
  • ढोल और मटकी इस नृत्य की मुख्य ताल है। ढोल किमची और डण्डे से बजाया जाता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मध्य प्रदेश के लोक नृत्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 16 अक्टूबर, 2012।

संबंधित लेख