ओसिया शिलालेख

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ओसिया शिलालेख

  • इस शिलालेख से यह जानकारी मिलती है कि तत्कालीन समाज चार प्रमुख वर्ण- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में विभाजित था।
  • इस शिलालेख का समय 956 ई. है।[1]
  • ओसिया जोधपुर से 65 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह देशी विदेशी पर्यटकों को मन्दिरों एवं स्मारकों की स्थापत्य कला के कारण आकर्षित करता है। ओसिया में एक तरफ मन्दिरों का समूह तथा दूसरी तरफ रेगिस्तान है।
  • इस प्राचीन नगर-क्षैत्र की यात्रा के दौरान बीच-बीच में पड़ते हुए रेगिस्तानी विस्तार व छोटे-छोटे गांव अतीत के लहराते हुए भू-भागों में ले जाते हैं।
  • ओसियां में माँ सच्चियाय का भव्य मंदिर बना हुआ है। जैन मंदिर, सूर्य मंदिर के साथ अन्य मन्दिर बने हुए हैं।
  • मंदिरों की शैली के कारण इसे "राजस्थान का भुवनेश्वर" भी कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अभिलेख (हिंदी) samanyagyanedu.in। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।

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