रसिया की छत्री शिलालेख
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रसिया की छत्री शिलालेख 61 श्लोको में चित्तौड़गढ़ स्थित रसिया की छतरी में लगा हुआ मिला है। यह लेख वेद शर्मा द्वारा रचा गया है। इसके उत्कीर्णकर्ता सज्जन हैं।
- इस शिलालेख की एक शिला बची है, जो चित्तौड़ के पीछे के द्वार पर लगी हुई है।
- इसमें बप्पा से नरवर्मा तक, गुहिल वंशीय मेवाड़ शासकों की उपलब्धियों का वर्णन मिलता है।
- इस शिलालेख के कुछ अंश 13वीं सदी के जनजीवन पर प्रकाश डालते हैं। नागदा और देलवाड़ा के गांवों का वर्णन मिलता है। दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान के पहाड़ी भाग की वनस्पति का चित्रण मिलता है।[1]
- रसिया की छत्री शिलालेख से आदिवासियों के आभूषण, वैदिक यज्ञ परंपरा और शिक्षा के स्तर की समुचित जानकारी का वर्णन मिलता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) govtexamsuccess.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।