सांमोली का शिलालेख
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
सांमोली का शिलालेख, भोमट, उदयपुर (646 ई.)
- यह शिलालेख गुहिल वंश के शासक शिलादित्य के समय का है। यह शिलालेख शिलादित्य के समय की आर्थिक व राजनीतिक जानकारी देता है।
- डॉ. ओझा ने इसको अजमेर संग्रहालय में रखवा दिया था।
- इस शिलालेख की भाषा संस्कृत तथा लिपि कुटिल है।
- गुहिलादित्य के समय के इस शिलालेख में लिखा गया है कि 'वह शत्रुओं को जीतने वाला, देव ब्राह्मण और गुरुजनों को आनन्द देने वाला और अपने कुलरूपी आकाश का चन्द्रमा राजा शिलादित्य पृथ्वी पर विजयी हो रहा है।'
- इस लेख के अनुसार इसी समय जावर में तांबे व जस्ते की खानों का काम शुरू हुआ तथा जेंतक मेहतर ने अरण्यवासिनी देवी का मन्दिर बनवाया था, जिसे जावर माता का मन्दिर भी कहते हैं।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ राजस्थान के प्रमुख शिलालेख (हिंदी) gkabhi.in। अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2021।