समिधेश्वर मंदिर का शिलालेख
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समिधेश्वर मंदिर का शिलालेख (अंग्रेज़ी: Samadhisvar Temple Inscriptions) चित्तौड़, राजस्थान में है। इसमें मोकल द्वारा निर्मित विष्णु मंदिर निर्माण का उल्लेख मिलता है।
- इस लेख में यह भी लिखा मिलता है कि महाराजा लक्ष्मण सिंह ने झोटिंग भट्ट जैसे विद्वानों को आश्रय दिया था।
- यह सिसोदिया एवं परमार वंश की जानकारी का साक्ष्य है जो चित्तौड़ दुर्ग में है।[1]
- मध्यकालीन भारत की स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है चित्तौड़ का समिधेश्वर मंदिर। इसका निर्माण मालवा के प्रसिद्ध परमार शासक राजाभोज ने 11वीं सदी में करवाया था।
- भोज के विरुद त्रिभुवन नारायण पर इसे त्रिभवन नारायण का मंदिर तथा भोजजगती भी कहा जाता था।
- गुजरात के सोलंकी राजा कुमारपाल 1150 ई. में अजमेर के शासक अर्नेराज (आनोजी) चौहान को परास्त करने के बाद चित्तौड़ को देखने आया था। उसने इस मंदिर में पूजा अर्चना की थी तथा इस मंदिर को एक गाँव भी भेट किया था। वहाँ अपना शिलालेख भी लगाया।
- महाराणा मोकल ने 1428 ई. में इसका जीर्णोद्धार करवाया, जिससे सम्बंधित शिलालेख मंडप की पश्चिमी दीवार पर खुदा हुवा है, जिसके कारण इसे मोकल जी का मंदिर भी कहते हैं।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) govtexamsuccess.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।
- ↑ समिधेश्वर मन्दिर - चित्तौडगढ (हिंदी) sharadvyasato.blogspot.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।