राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस
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विवरण | 'राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस' पर सरकार तथा गैर सरकारी संगठन के लोग कानूनी दिवस से संबंधित कार्यों और शिविरों के आयोजन कराते हैं। |
देश | भारत |
तिथि | 9 नवंबर |
शुरुआत | 1995 |
उद्देश्य | देश के कमजोर व निर्धन वर्ग को निशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध कराना। |
अन्य जानकारी | इस दिवस पर देश भर में लोगों को समानतापूर्वक कानूनी सेवा प्रदान करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। |
राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस (अंग्रेज़ी: National Legal Services Day) भारत में प्रत्येक वर्ष 9 नवम्बर को मनाया जाता है। इस दिन देश के कई स्थानों पर कानूनी साक्षरता शिविरों और कार्यों की विविधता देखने को मिलती है। इस दिन सरकार तथा गैर सरकारी संगठन के लोग कानूनी दिवस से संबंधित कार्यों और शिविरों के आयोजन कराते हैं।
उद्देश्य
9 नवंबर का दिन कानूनी सेवा दिवस के लिये चुना गया था। इसे सबसे पहले पूरे भारत में उच्चतम न्यायालय ने भारत के लोगों के कमजोर और गरीब समूह को सहायता प्रदान करने के लिये शुरू किया था। इसका उद्देश्य सभी नागरिकों तक कानूनी सहायता सुनिश्चित करना है तथा समाज के कमजोर वर्गों को निशुल्क व कुशल कानूनी सहायता उपलब्ध करवाना है। इस दिवस के द्वारा समाज के वंचित व कमजोर वर्ग को कानूनी सहायता के सम्बन्ध में उनके अधिकार के बारे में जागरूक भी किया जाता है।
इस दिवस पर देश भर में लोगों को समानतापूर्वक कानूनी सेवा प्रदान करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर कानूनी साक्षरता के लिए कैंप तथा समारोहों का आयोजन किया जाता है, इसके द्वारा कमजोर वर्ग के लिए निशुल्क कानूनी सेवा के के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य भी किया जाता है।[1]
महत्त्वपूर्ण तथ्य
इस दिवस की शुरुआत भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 में देश के कमजोर व निर्धन वर्ग को निशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं, दिव्यांग जन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा मानव तस्करी के शिकार इत्यादि विभिन्न वर्गों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 09 नवम्बर : राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस क्यों मनाया जाता है (हिंदी) indiaolddays.com। अभिगमन तिथि: 20 फरवरी, 2020।