जीएसटी दिवस
जीएसटी दिवस
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विवरण | 'जीएसटी दिवस' भारत में हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है। |
जीएसटी पूर्ण रूप | माल एवं सेवा कर Goods And Services Tax |
लागू तिथि | 1 जुलाई, 2017 |
तीन टैक्स | जीएसटी के अंतर्गत तीन टैक्स लगते हैं- सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी। |
अन्य जानकारी | वर्तमान में जीएसटी के चार टैक्स स्लैब हैं- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी। जीएसटी कानूनों का एक मुख्य उद्देश्य करों के व्यापक प्रभाव को खत्म करना था। |
अद्यतन | 12:35, 22 जुलाई 2023 (IST)
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जीएसटी दिवस (अंग्रेज़ी: GST Day) प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है। पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई, 2017 को देश में लागू हुआ था। नई व्यसवस्था लागू होने की खुशी में ही हर साल 1 जुलाई को जीएसटी दिवस के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले एक जुलाई, 2018 को जीएसटी लागू होने की पहली वर्षगांठ पर इसे मनाया गया था। आजादी के बाद जीएसटी को सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जाता है। इससे देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। जीएसटी लागू करने का मकसद देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ विचार को मूर्तरूप देना था। जीएसटी लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, क्रय कर, एक्साइज ड्यूटी और अन्य कई टैक्स समाप्त हो गए। इनकी जगह जीएसटी ने ले ली। हालांकि, अभी भी शराब, पेट्रोलियम पदार्थ और स्टाम्प ड्यूटी को जीएसटी से मुक्त रखा गया है और इन पर पुरानी टैक्स व्यवस्था ही लागू होती है।
क्या है जीएसटी
जीएसटी का पूर्ण रूप है- 'Goods And Services Tax'. हिन्दी में इसका अर्थ होता है- 'माल एवं सेवा कर'। इसे, वस्तुओं की खरीदारी करने पर या सेवाओं का इस्तेमाल करने पर चुकाना पड़ता है। जुलाई 2017 के पहले मौजूद कई तरह के टैक्सों (एक्ससाइज ड्यूटी, वैट, ऐंट्री टैक्स, सर्विस टैक्स आदि) को हटाकर उनकी जगह पर सिर्फ एक टैक्स जीएसटी के नाम से लागू हो गया है। 1 जुलाई, 2017 से इसे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू कर दिया गया है।
ऐसे शुरू हुआ सफर
देश में पुरानी कर व्यवस्था की जगह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लाने का विचार वर्ष 2000 में आया था। तब एक समिति का गठन जीएसटी कानून का मसौदा तैयार करने के लिए किया गया। 2004 में समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसके दो साल बाद 2006 में अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने वर्ष 2010 से जीएसटी को देश में लागू करने की घोषणा की, लेकिन यह 2010 में लागू नहीं हो पाया, क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इसके कई प्रावधानों को लेकर मतभेद था।[1]
देश में नई कर व्यवस्था को लागू होने में 17 साल लग गए। जीएसटी को 2016 में राज्यसभा और लोकसभा ने पास कर दिया। जीएसटी को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के रूप में अधिनियमित किया गया। 1 जुलाई, 2017 को इसे देश में लागू कर दिया गया। जीएसटी देश में सही ढंग से लागू करने के लिए एक जीएसटी परिषद का गठन किया गया। परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्य मंत्री (रेवेन्यू) और राज्यों के वित्त मंत्रियों को जगह दी गई।
मुख्य तथ्य
- जीएसटी के अंतर्गत तीन टैक्स लगते हैं- सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी।
- सीजीएसटी का कलेक्शन केंद्र सरकार करती है। यह इंट्रा स्टेट सेल्स पर लागू होती है। वहीं एसजीएसटी राज्य सरकारें वसूलती हैं। वहीं इंटर स्टेट सेल पर केंद्र सरकार आईजीएसटी संग्रह करती है।
- वर्तमान में जीएसटी के चार टैक्स स्लैब हैं- 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी।
- जीएसटी कानूनों का एक मुख्य उद्देश्य करों के व्यापक प्रभाव को खत्म करना था। जीएसटी से पहले, करदाता एक टैक्स के टैक्स क्रेडिट को दूसरे के खिलाफ सेट नहीं कर सकते थे।
- जीएसटी का उद्देश भारत में कराधान की प्रक्रिया को सरल करके टैक्सपेयर के बेस को बढ़ाना भी है।
- जीएसटी से व्यापार के डिजिटाइजेशन को भी बढ़ावा मिला है। ऐसा जीएसटी के तहत ज्यादातर टैक्स फाइलिंग के ऑनलाइन होने से हुआ है।
- जीएसटी से देश के खजाने को भी बहुत लाभ हुआ है और इससे कर संग्रहण बढ़ा है।
- मई 2022 में सरकार को जीएसटी से 1,40,885 करोड़ रुपये मिले। ऐसा चौथी बार हुआ है कि जीएसटी रेवेन्यू 1।4 लाख करोड़ से ज्यादा रहा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आज ही के दिन लागू हुआ था जीएसटी, कैसे आया इसका विचार (हिंदी) news18.com। अभिगमन तिथि: 22 जुलाई, 2023।
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