थालमकली केरल की प्राचीन लोक कला है। इस कला को 'थालीकाक्काली' नाम से भी जाना जाता है।
- यह केरल की एक ऐसी कला है, जिसमें सबसे ज्यादा शारीरिक क्षमता का प्रयोग होता है। यह यहां की संस्कृति में सबसे ज्यादा प्रचलित है।
- मालप्पुरम ज़िले में इस कला का सबसे ज्यादा चलन है।
- ऐसा कहा जाता है कि इस कला के इतना लोकप्रिय होने की वजह 'थालीकेट्टू' (बनावटी शादी कराने का एक तरह का रिवाज है, जिसमें लड़कियां जब अपनी युवावस्था में कदम रखती हैं) त्योहार के दौरान होने वाली प्रस्तुतियां हैं।
- थालीकेट्टू में प्रस्तुति देने वाले गोल घेरा बनाकर खड़े होकर एक सुर में गाते हैं। इसके बाद वे अपने दोनों हाथों में तश्तरियां लेकर उलझाव पैदा करने वाले ढंग से गोल-गोल घूमते हैं।
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