महावीर सिंह फोगाट
महावीर सिंह फोगाट
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पूरा नाम | महावीर सिंह फोगाट |
अन्य नाम | महावीर फोगाट |
जन्म भूमि | भिवानी ज़िला, हरियाणा |
पति/पत्नी | दया कौर |
संतान | गीता, बबीता, रितु, संगीता और दुष्यंत |
कर्म भूमि | हरियाणा |
खेल-क्षेत्र | कुश्ती |
पुरस्कार-उपाधि | द्रोणाचार्य पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | गीता फोगाट, बबीता फोगाट, कुश्ती, कुश्ती का इतिहास, कुश्ती की पद्धतियाँ |
अन्य जानकारी | महावीर सिंह फोगाट की पुत्री गीता फोगाट एक भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान हैं जिन्होंने पहली बार भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। |
अद्यतन | 16:46, 4 फ़रवरी 2017 (IST) |
महावीर सिंह फोगाट (अंग्रेज़ी: Mahavir Singh Phogat, जन्म- भिवानी ज़िला, हरियाणा) प्रसिद्ध रेसलर व ओलंपिक में कोच के साथ द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी हैं। आमिर ख़ान की फ़िल्म 'दंगल' की कहानी हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगाट की जिंदगी पर आधारित है। ये प्रसिद्ध रेसलिंग कोच गीता फोगाट के पिता हैं।[1]
जन्म एवं परिचय
महावीर सिंह फोगाट का जन्म हरियाणा में भिवानी ज़िले के छोटे से गाँव बलाली के हिन्दू-जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने बचपन से बहुत सी रूढ़िवादी व दकियानूसी बातों को अपने आसपास देखा था, उस समय वहां के लोग घर में बेटी होने पर उन्हें तुरंत मार देते थे। लेकिन वे खुद खुले विचारों वाले इन्सान थे। महावीर जी की विवाह दया कौर से हुआ था जिनसे उन्हें 2 बेटी- गीता फोगाट व बबिता फोगाट हैं। महावीर जी ने कम उम्र से ही रेसलिंग की शुरुआत कर दी थी, ये प्रसिद्ध रेसलिंग कोच गीता फोगाट के पिता हैं। इन्होंने 2010 में हुए कॉमनवेल्थ खेल में महिला केटेगरी में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाया था। गीता पहली महिला रेसलर हैं, जो ओलंपिक के लिए चुनीं गई। महावीर सिंह फोगाट की दूसरी बेटी बबिता कुमारी भी 2014 के कॉमनवेल्थ खेल में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
संघर्ष पूर्ण जीवन
महावीर सिंह का जीवन बहुत संघर्ष से भरा हुआ रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यही वजह है कि उनके जीवन से बहुत लोग प्रेरणा लेते हैं। महावीर सिंह के जीवन पर आधारित आमिर खान ने फ़िल्म भी बनाई है। महावीर सिंह रेसलर तो थे, लेकिन उनको उस हिसाब से लोकप्रियता नहीं मिली। उन्होंने अपने इस अधूरे सपने को अपनी बेटियों के द्वारा पूरा करना चाहा। साल 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के ओलंपिक में पदक जीतने के बाद महावीर ने अपनी बेटियों को रेसलर बनाने की ठानी। घर वाले बेटियों को कुश्ती सिखाने के खिलाफ थे। महावीर जी ने अपनी बेटियों को रेसलिंग का प्रशिक्षण देना शुरू किया, वे चाहते थे उनकी बेटियां सफल रेसलर बनें और उनका व देश का नाम रोशन करें। इस निर्णय की वजह से महावीर जी को पूरे गाँव के गुस्से का शिकार होना पड़ा। यहाँ तक कि उनके गाँव वालों ने उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया। 'दंगल' फ़िल्म में पहलवान महावीर सिंह फोगाट की सच्ची और प्रेरणादायी कहानी बताई गई है कि वे कैसे समाज की परवाह किये बिना अपनी बेटियों को भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए कुश्ती में प्रशिक्षण देते हैं।
गाँव वालों का कहना था कि महावीर एक अच्छे पिता नहीं है, जिस उम्र में उन्हें अपनी लड़कियों की शादी करनी चाहिए, उस उम्र में ये उन्हें रेसलर बना रहे हैं, लड़कियों को हमेशा पर्दे में रहना चाहिए व घर संभालना चाहिए। इन सब बातों के परे महावीर ये सोचते थे कि अगर भारत देश की प्रधानमंत्री एक महिला हो सकती है, तो एक महिला एक रेसलर भी बन सकती है। महावीर जी ने 3 लोगों को ऐसा प्रशिक्षण दिया, जिसके बाद वे लोग स्वर्ण पदक के विजेता बने। आज महावीर सिंह फोगाट का नाम भले ही दुनिया के हर कोने में गूंज रहा हो पर उनके के लिए यह सब आसान नहीं था। महावीर सिंह फोगाट के लिए सब कुछ जैसे पहली बार था।
सम्मान
महावीर सिंह फोगाट भारतीय कुश्ती संगठन द्वारा द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित किए गए थे। वे प्रसिद्ध रेसलर व ओलंपिक में कोच के साथ द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी हैं। महावीर सिंह फोगाट अपने राज्य के कुश्ती चैंपियन के अलावा वे भारतीय कुश्ती टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। महावीर फोगाट दिल्ली के मशहूर चांदगी राम अखाड़ा की शान रह चुके हैं।
सफलता
महावीर जी की बेटी गीता फोगाट (55 किलो वर्ग) में भारत की ओर से स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान हैं। उन्होंने यह कारनामा कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में किया। उसके बाद साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में बबीता फोगाट ने स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा गीता भारत की ओर से ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली पहली महिला पहलवान भी रह चुकी हैं। आज की तारीख में फोगाट बहने किंवदंती बन चुकी हैं और इसका श्रेय महावीर फोगाट की निष्ठा और दूरदृष्टि को भी जाता है।
फ़िल्म 'दंगल'
दंगल फ़िल्म पहलवान महावीर सिंह फोगाट की जिंदगी पर आधारित है और आमिर खान ने महावीर सिंह की भूमिका दंगल फ़िल्म में निभाई है। इस फ़िल्म में दिखाया गया है कि किस तरह महावीर सिंह अपनी बेटियों गीता और बबीता को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाकर उन्हें रेसलिंग का चैंपियन बनाते हैं।
लेखन कार्य
आमिर ने फोगाट फैमिली के लिए मुंबई में स्पेशल स्क्रीनिंग रखी थी। दोनों बहनें पिता के साथ यहां आई। द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर यहां 'दंगल' से पहले अपनी किताब 'अखाड़ा' को रिलीज करने पहुंचे थे।
अन्य जानकारी
महावीर जी ने अपनी बेटियों के अलावा भाई की बेटियों को भी प्रशिक्षण दिया। ऐसा नहीं है कि महावीर फोगाट सिर्फ अपनी बेटियों को ही दंगल में उतारते रहे। गीता फोगाट और बबीता फोगाट की चचेरी बहन विनेश फोगाट भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहलवान हैं। महावीर जी की बेटियाँ कहती हैं कि "फ़िल्म का ये गाना तो सच है, लेकिन हम जो भी हैं इसी हानिकारक बापू की ही बदौलत है। जो भी बने हैं इन्हीं के दम पर बने हैं।" महावीर फोगाट आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, उन्होंने अपनी खुद की चार बेटियों के साथ परिवार की पांच लड़कियों को इंटरनेशनल रेसलर बनाया है। इसमें से तीन तो ओलंपियन है। गीता, बबीता और विनेश फोगाट जिन दावों के दम पर दुनिया को हिला रही हैं वो महावीर फोगाट की ही देन हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महावीर सिंह फोगाट (हिंदी) bharatdiscovery.org। अभिगमन तिथि: 28 जनवरी, 2017।
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