कृष्णन शशिकिरण
कृष्णन शशिकिरण
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पूरा नाम | कृष्णन शशिकिरण |
जन्म | 7 जनवरी, 1981 |
जन्म भूमि | मद्रास, (वर्तमान चेन्नई) |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | शतरंज |
प्रसिद्धि | शतरंज खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
विशेष | कृष्णन शशिकिरण वर्ष 2000 में शतरंज ग्रैंड मास्टर बने। वह महाराष्ट्र के सांगली में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में जीतकर ग्रैंड मास्टर बने थे। |
अन्य जानकारी | फिडे रेटिंग में भारत के ही ख्याति प्राप्त विश्वनाथन आनंद तथा पी. हरिकृष्णा के बाद कृष्णन शशिकिरण तीसरे स्थान पर हैं। |
अद्यतन | 03:08, 05 नवम्बर-2016 (IST) |
कृष्णन शशिकिरण (अंग्रेज़ी: Krishnan Sasikiran, जन्म- 7 जनवरी, 1981, मद्रास) भारत के जाने माने शतरंज खिलाड़ी हैं। वे फिडे रेटिंग में भारत के ही ख्याति प्राप्त विश्वनाथन आनंद तथा पी. हरिकृष्णा के बाद तीसरे स्थान पर हैं। वह वर्ष 2000 में ‘इंटरनेशनल शतरंज ग्रैडंमास्टर’ बने।
परिचय
कृष्णन शशिकिरण का जन्म 7 जनवरी सन 1981 को मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में हुआ था। शशिकिरण ने अनेक अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीत कर ख्याति अर्जित की है। वह एक अति उदीयमान खिलाड़ी हैं। यूं तो शतरंज के खेल में भारत के खिलाड़ियों ने इतनी कम उम्र में अपनी पहचान बनाई है कि वे ‘अति प्रतिभाशाली बालक’ (चाइल्ड प्राडिजी) के रूप में जाने जाते रहे हैं। लेकिन शशिकिरण ने इस लिहाज से शतरंज में शुरुआत थोड़ी देर से की। वह 12 वर्ष की आयु में इस खेल में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कम समय में अत्यन्त प्रतिष्ठापूर्ण मुकाबले तेज़ीसे जीत कर अपनी पहचान बनाई है।[1]
सफलताएँ
महाराष्ट्र के सांगली में हुई राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप (2000) में शशिकिरण ने अन्तरराष्ट्रीय शतरंज ग्रैंडमास्टर का खिताब जीता। वर्ष 2000 में ही उन्होंने चेन्नई में पेंटामीडिया केटेगरी XI जी.एम. टूर्नामेंट जीत लिया। फिर वर्ष 2001 तथा 2002 में उन्होंने इंग्लैंड में ‘हेस्टिंग्स इन्टरनेशनल चेस कांग्रेस’ में विजय प्राप्त की। सफलता का स्वाद चखते हुए शशिकिरण आगे बढ़ते रहे। 2003 में उन्होंने चौथी एशियाई व्यक्तिगत चैंपियनशिप जीती। इसी वर्ष उन्होंने कोपेनहेगन में ‘पालिटिकेन कप’ भी जीता। 2005 में डेन्मार्क (कोपेहेगन) में ‘सिजमैन टूर्नामेंट’ में प्रथम स्थान के लिए शशिकिरण व जेन टिम्मन के बीच टाई रहा।
मई, 2007 में एमटेल मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में कृष्णन शशिकिरण, हरिकृष्णन को आखिरी राउंड में बुल्गारिया के वेसेलिन तोपालोव ने हरा दिया और शशिकिरण को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। वह पेनल्टी मेट दौर तक सबसे आगे थे, लेकिन तोपालोव की बेहतर रणनीति के आगे शशिकिरण हार गए।
उपलब्धियां
- कृष्णन शशिकिरण वर्ष 2000 में शतरंज ग्रैंड मास्टर बने। वह महाराष्ट्र के सांगली में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में जीतकर ग्रैंड मास्टर बने।[1]
- 2000 में चेन्नई में ”पेंटामीडिया कैटेगरी जी.एम. टूर्नामेंट” XI में विजेता बने।
- 2001 तथा 2002 में इंग्लैंड में ”हेस्टिंग्स इन्टरनेशनल चेस कांग्रेस” प्रतियोगिता जीती।
- 2003 में चौथी एशियाई व्यक्तिगत चैंपियनशिप जीती।
- 2003 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में ”पालिटिकेन कप” जीता।
- 2005 में कोपेनहेगन में ”सिजमैन टूर्नामेंट” में जन टिम्मन से प्रथम स्थान लिए खेल टाई रहा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 कृष्णन शशिकिरण का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2016।