अनिल चौहान
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जन्म | 18 मई, 1961 |
जन्म भूमि | गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
पति/पत्नी | अनुपमा चौहान |
पद | चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़- 30 सितम्बर, 2022 से पदस्थ |
रैंक | लेफ्टिनेंट जनरल |
यूनिट | 11वीं गोरखा राइफल्स |
विद्यालय | आई.एम.ए., देहरादून राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला |
सम्मान | परम विशिष्ट सेवा पदक उत्तम युद्ध सेवा पदक |
नागरिकता | भारतीय |
पूर्वाधिकारी | बिपिन रावत |
सेवा नं. | IC-39492A |
अद्यतन | 13:16, 29 सितम्बर 2022 (IST)
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लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (अंग्रेज़ी: Lieutenant General Anil Chauhan, जन्म- 18 मई, 1961, गढ़वाल, उत्तराखण्ड) भारत के दूसरे 'चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़' हैं। मोदी सरकार ने पूर्वी कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का अगला सीडीएस नियुक्ति किया है। पिछले साल दिसंबर 2021 में जनरल बिपिन रावत के शहीद होने के बाद से सीडीएस का पद खाली था। जनरल बिपिन रावत की जगह अब सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सेना की ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपने 40 साल के शानदार कॅरियर के बाद 31 मई, 2021 को सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हुए थे। वह सीडीएस के साथ-साथ सैन्य मामलों के विभाग में सेक्रेटरी की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
परिचय
अनिल चौहान को आतंकवाद निरोधी अभियानों में महारत हासिल है। उनकी बारामूला समेत जम्मू-कश्मीर के कई जगहों पर तैनाती रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सैन्य सलाहकार रह चुके हैं। 18 मई, 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नए सीडीएस हैं। उन्हें 1981 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।[1]
कॅरियर
लगभग 40 वर्षों के कॅरियर में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियां हासिल की। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव रहा है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में उन्हें महारथ हासिल है।
बारामूला में तैनाती
आई.एम.ए. देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने उत्तरी कमान के बारामुला सेक्टर में मेजर जनरल के पद पर भी इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली है। बाद में पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और फिर सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। 31 मई, 2021 को सेवा से सेवानिवृत्त होने तक वह इसी पद पर बने रहे।
दूसरे सीडीएस
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। एक हवाई दुर्घटना में उनकी मौत के बाद देश का यह अहम पद खाली चल रहा था। केंद्र सरकार द्वारा इस पद के लिए अनिल चौहान की नियुक्ति भी उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है। अनिल चौहान का पैतृक आवास पौड़ी गढ़वाल में आता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है।[1]
सम्मान
सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को कई सम्मान मिले हैं-
अनिल चौहान ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 कौन हैं बिपिन रावत की जगह लेने वाले अनिल चौहान (हिंदी) livehindustan.com। अभिगमन तिथि: 29 सितंबर, 2021।
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