पराक्रम दिवस

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विवरण 'आज़ाद हिंद फौज' के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से प्रतिवर्ष 'पराक्रम दिवस' मनाया जायेगा।
तिथि 23 जनवरी
शुरुआत 23 जनवरी, 2021 से
महापुरुष सुभाष चंद्र बोस
संबंधित लेख सुभाष चंद्र बोस, आज़ाद हिंद फौज
अन्य जानकारी भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है, जो 23 जनवरी, 2021 से शुरू होगा।

पराक्रम दिवस प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को मनाया जायेगा। 'आज़ाद हिंद फौज' के संस्थापक और भारत की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह बड़ा एलान किया है कि अब हर साल 23 जनवरी यानी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया जायेगा।

शुरुआत

भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है, जो 23 जनवरी, 2021 से शुरू होगा। कार्यक्रमों को तय करने और स्मरणोत्सव के निरीक्षण और मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। राष्ट्र के प्रति नेताजी की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और स्मरण करने के लिए, भारत सरकार ने उनके जन्मदिन 23 जनवरी को हर साल 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, ताकि देश के लोगों को विपत्ति में धैर्य के साथ काम करने, जैसा नेताजी ने किया था, की प्रेरणा दी जा सके और देशभक्ति की भावना का संचार किया जा सके।

कमेटी का गठन

संस्कृति मंत्रालय ने हाल ही में नेताजी की 125वीं जयंती के आयोजन को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की थी। इसमें राजनेताओं के अलावा लेखक, इतिहासकार सहित आज़ाद हिंद फौज से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों को भी शामिल किया गया था। इनमें जो प्रमुख नाम हें, उनमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस आइएनए ट्रस्ट के अध्यक्ष बिग्रेडियर आरएस चिकारा, इतिहासकार और लेखिका पूरबी राय, भारतीय किक्रेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, संगीतकार ए. आर. रहमान, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, अभिनेत्री काजोल आदि शामिल हैं।[1]

नेताजी के परिवार के सदस्यों में उनकी बेटी अनिता बोस, भतीजे अर्धेंदु बोस, प्रपौत्र चंद कुमार बोस आदि को इस कमेटी में शामिल किया गया है। नेताजी की यादों से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन कोलकाता, दिल्ली सहित नेताजी और आज़ाद हिंद फौज से जुड़े देश-विदेश के अन्य स्थलों पर किया जाएगा। आज़ाद हिंद फौज के 75वें स्थापना दिवस को भी मोदी सरकार ने भव्य तरीके से मनाया था, जिसमें खुद प्रधानमंत्री शामिल हुए थे। साथ ही केंद्र सरकार ने नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलों को भी सार्वजनिक किया था, जिसकी मांग उनके प्रशंसकों और परिजनों की ओर से काफी समय से की जा रही थी।


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टीका टिप्पणी और सन्दर्भ

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