"सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया": अवतरणों में अंतर
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'''सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया''' ([[अंग्रेजी]]: ''Central Bank of India'') [[भारत]] में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक है जिसकी स्थापना [[स्वदेशी आन्दोलन]] से प्रभावित होकर एक पारसी बैंकर सर सोराबजी पोचखानवाला द्वारा [[1911]] में की गयी थी। इसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबन्धन स्थापना के समय भारतीयों के हाथ में था। | |||
==स्थापना== | |||
[[भारत]] में सन [[1911]] में स्थापित 'सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया' पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक था जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबंधन भारतीयों के हाथ में था। बैंक के संस्थापक 'सर सोराबजी पोचखानावाला' ने इस बैंक की स्थापना करते हुए अपने स्वप्न को साकार किया। स्वदेशी बैंक के पहले अध्यक्ष '[[फिरोजशाह मेहता|सर फिरोजशाह मेहता]]' थे। वास्तव में सर सोराबजी पोचखानावाला इस बैंक की स्थापना से इतने गौरवान्वित हुए कि उन्होंने सेन्ट्रल बैंक को राष्ट्र की संपत्ति और देश की संपदा घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि 'सेन्ट्रल बैंक जनता के विश्वास पर टिका है और यह जनता का अपना बैंक है।' | |||
==महत्त्वपूर्ण कार्य== | ==महत्त्वपूर्ण कार्य== | ||
पिछले 99 वर्षों के इतिहास में बैंक ने कई उतार चढाव देखें और अनगिनत चुनौतियों का सामना किया। बैंक ने प्रत्येक आशंका को सफलतापूर्वक व्यावसायिक अवसर में बदल दिया और बैकिंग उद्योग करके अपने समकक्षों से उत्कृष्ट रहा। सेन्ट्रल बैंक | पिछले 99 वर्षों के इतिहास में बैंक ने कई उतार चढाव देखें और अनगिनत चुनौतियों का सामना किया। बैंक ने प्रत्येक आशंका को सफलतापूर्वक व्यावसायिक अवसर में बदल दिया और बैकिंग उद्योग करके अपने समकक्षों से उत्कृष्ट रहा। सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ने कई अभिनव और अनुपम बैंकिंग गतिविधियों का शुभारंभ किया। ऐसी ही कुछ सेवाओं का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है- | ||
*[[1921]] समाज के सभी वर्गो में बचत/क़िफ़ायत की आदत डालने के लिए घरेलू बचत सुरक्षित जमा योजना का प्रारंभ किया। | *[[1921]] समाज के सभी वर्गो में बचत/क़िफ़ायत की आदत डालने के लिए घरेलू बचत सुरक्षित जमा योजना का प्रारंभ किया। | ||
*[[1924]] बैंक की महिला ग्राहकों को सेवा प्रदान करने लिए विशिष्ट महिला विभाग की स्थापना की। | *[[1924]] बैंक की महिला ग्राहकों को सेवा प्रदान करने लिए विशिष्ट महिला विभाग की स्थापना की। | ||
*[[1926]] सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा और रुपया यात्रा चेक प्रारम्भ किया। | *[[1926]] सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा और रुपया यात्रा चेक प्रारम्भ किया। | ||
*[[1929]] निष्पादक एवं न्यासी विभाग की स्थापना की। | *[[1929]] निष्पादक एवं न्यासी विभाग की स्थापना की। | ||
*[[1932]] जमाराशि बीमा सुविधा योजना प्रारम्भ की। | *[[1932]] जमाराशि बीमा सुविधा योजना प्रारम्भ की। | ||
*[[1962]] आवर्ती जमा योजना प्रारम्भ की। | *[[1962]] आवर्ती जमा योजना प्रारम्भ की। | ||
==बैंक का राष्ट्रीयकरण== | ==बैंक का राष्ट्रीयकरण== | ||
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*[[1976]] मर्चेंट बैंकिंग कक्ष की स्थापना की गयी। | *[[1976]] मर्चेंट बैंकिंग कक्ष की स्थापना की गयी। | ||
*[[1980]] बैंक के क्रेडिट कार्ड सेंट्रल-कार्ड का प्रारंभ किया। | *[[1980]] बैंक के क्रेडिट कार्ड सेंट्रल-कार्ड का प्रारंभ किया। | ||
*[[1986]] प्लैटिनम जुबली मनी बैंक जमा योजना को प्रारम्भ किया। | *[[1986]] प्लैटिनम जुबली मनी बैंक जमा योजना को प्रारम्भ किया। | ||
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*[[1994]] बाहरी चेकों की शीघ्र वसूली के लिए त्वरित चेक वसूली सेवा(क्यू. सी. सी.)सेवा आरंभ की गयी। | *[[1994]] बाहरी चेकों की शीघ्र वसूली के लिए त्वरित चेक वसूली सेवा(क्यू. सी. सी.)सेवा आरंभ की गयी। | ||
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[[भारतीय रिज़र्व बैंक]] और भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरुप [[कृषि]] तथा [[लघु उद्योग]] जैसे प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ मध्यम एवं बडे उद्योगों को प्रोत्साहित करने में सेन्ट्रल बैंक लगातार सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। शिक्षित युवाओं में रोज़गार को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक ने कई स्वरोज़गार योजनाएं आरंभ की है। | |||
==विस्तृत नेटवर्क== | ==विस्तृत नेटवर्क== | ||
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में से सेन्ट्रल बैंक | सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में से सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को वास्तविक अर्थों में 'अखिल भारतीय बैंक' कहा जा सकता है क्योंकि 29 में से 27 राज्यों में तथा 7 में से 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में इसकी शाखाओं का विस्तृत नेटवर्क है। देश के एक छोर से दूसरे छोर तक स्थित अपनी 3563 शाखाओं 195 विस्तार पटलों के विस्तृत नेटवर्क के कारण सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में सेन्ट्रल बैंक का एक अपना विशिष्ट स्थान है। | ||
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सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया
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विवरण | सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक है जिसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है और जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबन्धन स्थापना के समय भारतीयों के हाथ में था। |
स्थापना | 21 दिसम्बर, सन् 1911 |
प्रकार | सार्वजनिक बैंकिंग कम्पनी |
उद्योग | आर्थिक, वाणिज्यिक बैंक |
मुख्यालय | मुम्बई, महाराष्ट्र |
संस्थापक | सर सोराबजी पोचखानवाला |
पहले अध्यक्ष | फिरोजशाह मेहता |
अन्य जानकारी | सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में से सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को वास्तविक अर्थों में 'अखिल भारतीय बैंक' कहा जा सकता है क्योंकि 29 में से 27 राज्यों में तथा 7 में से 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में इसकी शाखाओं का विस्तृत नेटवर्क है। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 13:46, 18 मार्च 2015 (IST)
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सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (अंग्रेजी: Central Bank of India) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक है जिसकी स्थापना स्वदेशी आन्दोलन से प्रभावित होकर एक पारसी बैंकर सर सोराबजी पोचखानवाला द्वारा 1911 में की गयी थी। इसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबन्धन स्थापना के समय भारतीयों के हाथ में था।
स्थापना
भारत में सन 1911 में स्थापित 'सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया' पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक था जिसका पूर्ण स्वामित्व और प्रबंधन भारतीयों के हाथ में था। बैंक के संस्थापक 'सर सोराबजी पोचखानावाला' ने इस बैंक की स्थापना करते हुए अपने स्वप्न को साकार किया। स्वदेशी बैंक के पहले अध्यक्ष 'सर फिरोजशाह मेहता' थे। वास्तव में सर सोराबजी पोचखानावाला इस बैंक की स्थापना से इतने गौरवान्वित हुए कि उन्होंने सेन्ट्रल बैंक को राष्ट्र की संपत्ति और देश की संपदा घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि 'सेन्ट्रल बैंक जनता के विश्वास पर टिका है और यह जनता का अपना बैंक है।'
महत्त्वपूर्ण कार्य
पिछले 99 वर्षों के इतिहास में बैंक ने कई उतार चढाव देखें और अनगिनत चुनौतियों का सामना किया। बैंक ने प्रत्येक आशंका को सफलतापूर्वक व्यावसायिक अवसर में बदल दिया और बैकिंग उद्योग करके अपने समकक्षों से उत्कृष्ट रहा। सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ने कई अभिनव और अनुपम बैंकिंग गतिविधियों का शुभारंभ किया। ऐसी ही कुछ सेवाओं का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है-
- 1921 समाज के सभी वर्गो में बचत/क़िफ़ायत की आदत डालने के लिए घरेलू बचत सुरक्षित जमा योजना का प्रारंभ किया।
- 1924 बैंक की महिला ग्राहकों को सेवा प्रदान करने लिए विशिष्ट महिला विभाग की स्थापना की।
- 1926 सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा और रुपया यात्रा चेक प्रारम्भ किया।
- 1929 निष्पादक एवं न्यासी विभाग की स्थापना की।
- 1932 जमाराशि बीमा सुविधा योजना प्रारम्भ की।
- 1962 आवर्ती जमा योजना प्रारम्भ की।
बैंक का राष्ट्रीयकरण
वर्ष 1969 में बैंक का राष्ट्रीयकरण होने के बाद सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ने विभिन्न बैंकिंग सेवाएं आरंभ करना जारी रखा।
- 1976 मर्चेंट बैंकिंग कक्ष की स्थापना की गयी।
- 1980 बैंक के क्रेडिट कार्ड सेंट्रल-कार्ड का प्रारंभ किया।
- 1986 प्लैटिनम जुबली मनी बैंक जमा योजना को प्रारम्भ किया।
- 1989 आवासीय सहायक कंपनी 'सेन्ट बैंक होम फायनेंस लि.' का शुभारंभ किया।
- 1994 बाहरी चेकों की शीघ्र वसूली के लिए त्वरित चेक वसूली सेवा(क्यू. सी. सी.)सेवा आरंभ की गयी।
उद्योगों को प्रोत्साहन
भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरुप कृषि तथा लघु उद्योग जैसे प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ मध्यम एवं बडे उद्योगों को प्रोत्साहित करने में सेन्ट्रल बैंक लगातार सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। शिक्षित युवाओं में रोज़गार को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक ने कई स्वरोज़गार योजनाएं आरंभ की है।
विस्तृत नेटवर्क
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में से सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को वास्तविक अर्थों में 'अखिल भारतीय बैंक' कहा जा सकता है क्योंकि 29 में से 27 राज्यों में तथा 7 में से 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में इसकी शाखाओं का विस्तृत नेटवर्क है। देश के एक छोर से दूसरे छोर तक स्थित अपनी 3563 शाखाओं 195 विस्तार पटलों के विस्तृत नेटवर्क के कारण सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में सेन्ट्रल बैंक का एक अपना विशिष्ट स्थान है।
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