"चाक्षुष मनु": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) (''''चाक्षुष मनु''' हिन्दू मान्यताओं तथा पौराणिक महा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''चाक्षुष मनु''' [[हिन्दू]] मान्यताओं तथा पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]] के अनुसार [[मनु|14 मनु]] में से छठवें [[मनु]] थे। ये चक्षु के पुत्र थे और इन्हीं के | '''चाक्षुष मनु''' [[हिन्दू]] मान्यताओं तथा पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]] के अनुसार [[मनु|14 मनु]] में से छठवें [[मनु]] थे। ये चक्षु के पुत्र थे और इन्हीं के पश्चात् [[वैवस्वत मनु]] हुए थे<ref>ब्रह्मा. 2.36.3, 66, 107,202; 37.19, 46; 3.2.1;60.1 </ref>। | ||
*भागवत के अनुसार यह [[विश्वकर्मा]] के पुत्र थे। आकृति इनकी माता और नड्वला इनकी पत्नी का नाम था। | *भागवत के अनुसार यह [[विश्वकर्मा]] के पुत्र थे। आकृति इनकी माता और नड्वला इनकी पत्नी का नाम था। | ||
*[[पुरु]], कृत्स्न, अमृत, द्युमान, सत्यवान, धृत, अग्निष्टोम, अतिरात्र, [[प्रद्युम्न]], और [[उलूक]] नाम के इनके ग्यारह पुत्र थे। | *[[पुरु]], कृत्स्न, अमृत, द्युमान, सत्यवान, धृत, अग्निष्टोम, अतिरात्र, [[प्रद्युम्न]], और [[उलूक]] नाम के इनके ग्यारह पुत्र थे। | ||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{पौराणिक चरित्र}} | {{ऋषि मुनि2}}{{पौराणिक चरित्र}} | ||
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:महाभारत]][[Category:महाभारत के चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]] | [[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:महाभारत]][[Category:महाभारत के चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:47, 23 जून 2017 के समय का अवतरण
चाक्षुष मनु हिन्दू मान्यताओं तथा पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार 14 मनु में से छठवें मनु थे। ये चक्षु के पुत्र थे और इन्हीं के पश्चात् वैवस्वत मनु हुए थे[1]।
- भागवत के अनुसार यह विश्वकर्मा के पुत्र थे। आकृति इनकी माता और नड्वला इनकी पत्नी का नाम था।
- पुरु, कृत्स्न, अमृत, द्युमान, सत्यवान, धृत, अग्निष्टोम, अतिरात्र, प्रद्युम्न, और उलूक नाम के इनके ग्यारह पुत्र थे।
- मत्स्यपुराणानुसार इनके पुत्रों के नाम में कुछ अंतर मिलता है। इनके समय में मंत्रद्रम[2] इंद्र थे।
- अजित अवतार इसी समय हुआ था[3]।
- मार्कण्डेय पुराण में इनके संबंध की अनेक कथाएँ हैं। इस मन्वंतर में जल प्रलय हुआ था[4]।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 170 |