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'''सद्भावना दिवस''' [[भारत]] में प्रत्येक [[वर्ष]] '[[20 अगस्त]]' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गाँधी]] की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिये अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिये यह दिवस हर साल '20 अगस्त' को [[काँग्रेस|काँग्रेस पार्टी]] द्वारा केक काटकर मनाया जाता है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.hindikiduniya.com/events/sadbhavana-diwas/|title=सद्भावना दिवस |accessmonthday= 21 अगस्त|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= हिन्दी की दुनिया|language= [[हिन्दी]]}}</ref>
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'''सद्भावना दिवस''' [[भारत]] में प्रत्येक [[वर्ष]] '[[20 अगस्त]]' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' तथा 'राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गाँधी]] की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिये अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिये यह दिवस हर साल '20 अगस्त' को [[काँग्रेस|काँग्रेस पार्टी]] द्वारा केक काटकर मनाया जाता है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.hindikiduniya.com/events/sadbhavana-diwas/|title=सद्भावना दिवस |accessmonthday= 21 अगस्त|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= हिन्दी की दुनिया|language= [[हिन्दी]]}}</ref>
==महत्त्व==
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[[राजीव गाँधी]] की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है, जिन्होंने [[भारत]] को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता था, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिये आज भी प्ररित करता है।
[[राजीव गाँधी]] की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है, जिन्होंने [[भारत]] को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता था, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिये आज भी प्ररित करता है।
====सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा====
====सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा====
"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, [[धर्म]] और [[भाषा]] को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरीयों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।"<ref name="aa"/>
"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, [[धर्म]] और [[भाषा]] को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।"<ref name="aa"/>
==समारोह आयोजन==
==समारोह आयोजन==
सद्भावना दिवस के अवसर पर [[भारत]] के अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। इस दिन को लोग पौधे लगाकर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, [[पर्यावरण]] की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करके मनाते हैं। महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये इसको पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है। [[फूल|फूलों]] और पुष्पमाला से [[राजीव गाँधी]] की प्रतिमा को सजाने के द्वारा भारत में पारिवारिक सदस्यों और करीबी सहभागी, मित्र, राजनीतिक नेता और [[काँग्रेस]] द्वारा सद्भावना दिवस को मनाया जाता है। राजीव गाँधी के 'वीरभूमि स्मारक' को लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है। वीरभूमि<ref>दाह संस्कार की जगह</ref> पर पुष्पमाला के द्वारा राजीव गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी जाती है। राष्ट्रीय प्रगति के उनके जुनून को पूरा करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।<ref>[[राजीव गाँधी]] के 69वें जन्म दिवस पर, लोकनाथ महाराथी के नेतृत्व में [[भुवनेश्वर]] में एक सद्भावना साईकिल रैली का आयोजन किया गया था, जो पुराने शहर में मौसिमा मंदिर से मास्टर कैंटीन स्क्वैयर (वानीविहार, रसूलगढ़ और कल्पना चौक तक) में काँग्रेस भवन से शुरु हुआ था। भारत में इस अवसर पर कई स्कूलों में स्टूडेंट रैली आयोजित की गई।</ref><ref name="aa"/>
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=='राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ता==
=='राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ता==
विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है। 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं-
विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है। यह पुरस्कार हर [[वर्ष]] राजीव गांधी के जन्मदिन पर [[20 अगस्त]] को आयोजित एक समारोह में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और तीन लाख रुपए की धनराशि दी जाती है।<ref>{{cite web |url= http://www.livehindustan.com/news/1/deshlocalnews/article1-story-1-0-34959.html |accessmonthday= 21 अगस्त|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= लाइव हिन्दुस्तान|language= [[हिन्दी]]}}</ref> 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं-


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राजीव गाँधी का जन्म [[20 अगस्त]], [[1944]] को [[मुंबई]] में हुआ था। उनकी जयंती को देश में 'सद्भावना दिवस' और 'अक्षय ऊर्जा दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। वर्ष [[1991]] के आम चुनाव के प्रचार के दौरान [[तमिलनाडु]] के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे आतंकियों ने बम विस्फोट से उनकी हत्या कर दी थी। राजीव गांधी [[इन्दिरा गाँधी]] के पुत्र, [[जवाहरलाल नेहरू]] के पौत्र और [[भारत]] के नौवें [[प्रधानमंत्री]] थे। [[वर्ष]] [[1984]] में इन्दिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गाँधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद [[1989]] के आम चुनावों में [[कांग्रेस]] की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। [[1991]] के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गाँधी की मौत हो गई।
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राजीव गाँधी का [[विवाह]] एन्टोनिया मैनो से हुआ, जो उस समय [[इटली]] की नागरिक थीं. विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर [[सोनिया गाँधी]] कर लिया। उनकी शादी [[1968]] में हुई, जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं। राजीव गाँधी व सोनिया गाँधी की दो संतान हैं- [[राहुल गाँधी]] तथा [[प्रियंका गाँधी]]। राजीव गाँधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वे एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गाँधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव [[परिवार]] के साथ विदेश में रहने चले गए थे, परंतु [[1980]] में अपने छोटे भाई [[संजय गाँधी]] की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा गाँधी को सहयोग देने के लिए [[1982]] में वे राजनीति में आ गए थे। वे अमेठी से [[लोक सभा]] का चुनाव जीतकर सांसद बने और [[31 अक्टूबर]], [[1984]] को सिक्ख आतंकवादियों द्वारा [[प्रधानमंत्री]] इन्दिरा गाँधी की हत्या किए जाने के बाद [[भारत]] के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।<ref>{{cite web |url= http://www.samaylive.com/article-analysis-in-hindi/special-days-in-hindi/126493/rajiv-gandhi-father-of-indias-information-revolution-country-is-.html|title=सद्भावना के प्रतीक राजीव गाँधी|accessmonthday=21 अगस्त |accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सहारा समय|language= [[हिन्दी]]}}</ref>
राजीव गाँधी का [[विवाह]] एन्टोनिया मैनो से हुआ, जो उस समय [[इटली]] की नागरिक थीं। विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर [[सोनिया गाँधी]] कर लिया। उनकी शादी [[1968]] में हुई, जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं। राजीव गाँधी व सोनिया गाँधी की दो संतान हैं- [[राहुल गाँधी]] तथा [[प्रियंका गाँधी]]। राजीव गाँधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी और वे एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गाँधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव [[परिवार]] के साथ विदेश में रहने चले गए थे, परंतु [[1980]] में अपने छोटे भाई [[संजय गाँधी]] की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा गाँधी को सहयोग देने के लिए [[1982]] में वे राजनीति में आ गए थे। वे अमेठी से [[लोक सभा]] का चुनाव जीतकर सांसद बने और [[31 अक्टूबर]], [[1984]] को सिक्ख आतंकवादियों द्वारा [[प्रधानमंत्री]] इन्दिरा गाँधी की हत्या किए जाने के बाद [[भारत]] के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।<ref>{{cite web |url= http://www.samaylive.com/article-analysis-in-hindi/special-days-in-hindi/126493/rajiv-gandhi-father-of-indias-information-revolution-country-is-.html|title=सद्भावना के प्रतीक राजीव गाँधी|accessmonthday=21 अगस्त |accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=सहारा समय|language= [[हिन्दी]]}}</ref>


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.bhaskar.com/news/RAJ-OTH-1468829-3670199.html राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दौड़]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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06:27, 20 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

सद्भावना दिवस
सद्भावना दिवस
सद्भावना दिवस
विवरण 'सद्भावना दिवस' भारत में प्रत्येक वर्ष भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर देश के अलग-अलग राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
देश भारत
तिथि '20 अगस्त'
अन्य नाम 'समरसता दिवस', 'राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस'
विशेष विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है।
संबंधित लेख राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी, इन्दिरा गाँधी, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी
अन्य जानकारी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं।

सद्भावना दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष '20 अगस्त' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' तथा 'राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिये अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिये यह दिवस हर साल '20 अगस्त' को काँग्रेस पार्टी द्वारा केक काटकर मनाया जाता है।[1]

महत्त्व

राजीव गाँधी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है, जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता था, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिये आज भी प्ररित करता है।

सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा

"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।"[1]

समारोह आयोजन

सद्भावना दिवस के अवसर पर भारत के अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। इस दिन को लोग पौधे लगाकर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करके मनाते हैं। महत्त्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये इसको पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है। फूलों और पुष्पमाला से राजीव गाँधी की प्रतिमा को सजाने के द्वारा भारत में पारिवारिक सदस्यों और करीबी सहभागी, मित्र, राजनीतिक नेता और काँग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस को मनाया जाता है। राजीव गाँधी के 'वीरभूमि स्मारक' को लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है। वीरभूमि[2] पर पुष्पमाला के द्वारा राजीव गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी जाती है। राष्ट्रीय प्रगति के उनके जुनून को पूरा करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।[3][1]

'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ता

विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है। यह पुरस्कार हर वर्ष राजीव गांधी के जन्मदिन पर 20 अगस्त को आयोजित एक समारोह में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और तीन लाख रुपए की धनराशि दी जाती है।[4] 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं-

'राजीव गाँधी राष्ट्रीय पुरस्कार' प्राप्त व्यक्ति
क्र.सं. व्यक्ति क्र.सं. व्यक्ति
1. मदर टेरेसा 2. सुनील दत्त
3. लता मंगेशकर 4. उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ
5. के. आर. नारायणन 6. जगन नाथ कौल
7. दिलीप कुमार 8. मौलाना वहीदुदीन ख़ाँ
9. कपिला वात्स्यायन 10. मुहम्मद यूनुस
11. हितेश्वर साईकिया और सुभद्रा जोशी (संयुक्त) 12. निर्मला देशपांडे
13. तीस्ता सीतलवाड़ और हर्ष मंडेर (संयुक्त) 14. एस. एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और मदारी मोईदीन (संयुक्त)
15. एन. राधाकृष्णन 16. डी. आर. मेहता
17. हेम दत्ता 18. मुजफ़्फ़र अली (भारत के नामी फ़िल्मकार)
19. गौतम भाई 20. स्पिक मैके

राजीव गाँधी

राजीव गाँधी

राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। उनकी जयंती को देश में 'सद्भावना दिवस' और 'अक्षय ऊर्जा दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। वर्ष 1991 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे आतंकियों ने बम विस्फोट से उनकी हत्या कर दी थी। राजीव गांधी इन्दिरा गाँधी के पुत्र, जवाहरलाल नेहरू के पौत्र और भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। वर्ष 1984 में इन्दिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गाँधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गाँधी की मौत हो गई।

राजीव गाँधी का विवाह एन्टोनिया मैनो से हुआ, जो उस समय इटली की नागरिक थीं। विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर सोनिया गाँधी कर लिया। उनकी शादी 1968 में हुई, जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं। राजीव गाँधी व सोनिया गाँधी की दो संतान हैं- राहुल गाँधी तथा प्रियंका गाँधी। राजीव गाँधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी और वे एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गाँधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे, परंतु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गाँधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा गाँधी को सहयोग देने के लिए 1982 में वे राजनीति में आ गए थे। वे अमेठी से लोक सभा का चुनाव जीतकर सांसद बने और 31 अक्टूबर, 1984 को सिक्ख आतंकवादियों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।[5]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 सद्भावना दिवस (हिन्दी) हिन्दी की दुनिया। अभिगमन तिथि: 21 अगस्त, 2015।
  2. दाह संस्कार की जगह
  3. राजीव गाँधी के 69वें जन्म दिवस पर, लोकनाथ महारथी के नेतृत्व में भुवनेश्वर में एक सद्भावना साईकिल रैली का आयोजन किया गया था, जो पुराने शहर में मौसिमा मंदिर से मास्टर कैंटीन स्क्वैयर (वानीविहार, रसूलगढ़ और कल्पना चौक तक) में काँग्रेस भवन से शुरु हुआ था। भारत में इस अवसर पर कई स्कूलों में स्टूडेंट रैली आयोजित की गई।
  4. Error on call to Template:cite web: Parameters url and title must be specified (हिन्दी) लाइव हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 21 अगस्त, 2015।
  5. सद्भावना के प्रतीक राजीव गाँधी (हिन्दी) सहारा समय। अभिगमन तिथि: 21 अगस्त, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख