"केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस": अवतरणों में अंतर

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'''केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस''' प्रत्येक [[वर्ष]] '[[24 फ़रवरी]]' को मनाया जाता है। आज ही के दिन वर्ष [[1944]] में केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून बनाया गया था।
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'''केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस''' प्रत्येक [[वर्ष]] '[[24 फ़रवरी]]' को मनाया जाता है। आज ही के दिन वर्ष [[1944]] में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून बनाया गया था। देश के औद्योगिक विकास में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग को बढ़ाया।
==उद्देश्य==
==उद्देश्य==
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा देश भर में [[24 फ़रवरी]] को 'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' मनाया जाता है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है। यह दिवस 24 फ़रवरी, [[1944]] को केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा देश भर में [[24 फ़रवरी]] को 'केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' मनाया जाता है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है। यह दिवस 24 फ़रवरी, [[1944]] को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
==औद्योगिक विकास में भूमिका==
==औद्योगिक विकास में भूमिका==
देश के औद्योगिक विकास में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग बढ़ाया। केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के अवसर पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री [[पी. चिदम्बरम]] ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए काम करें, जिसमें करदाताओं को अधिक से अधिक सुविधा हो और कर तथा शुल्क एकत्र करने की वैधानिक जरूरतों से समझौता भी करना पड़े; साथ ही करदाताओं से कहा कि वे अपने कर स्वैच्छा से समय पर और पूरी तरह से अदा करें।
देश के औद्योगिक विकास में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग बढ़ाया। कोई भी राष्ट्र बिना किसी मजबूत अर्थव्यवस्था के प्रगति नहीं कर सकता। अर्थव्यवस्था मजबूत तभी हो सकती है, जब हम अपनी जिम्मेवारी राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए पूरी निष्ठा के साथ निभा पायें। चाहे वह राजनेता हो, शासकीय अधिकारी/कर्मचारी हो, चाहे वह आम आदमी क्यों हो।  हमारे देश का वित्तीय प्रबंध पूर्ण रूपेण जनता से वसूले जाने वाले विभिन्न करों पर निर्भर है। चाहे वह आय कर हो, विक्रय कर हो, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हो, सीमा शुल्क हो आदि-आदि।
==विशेष जानकारी==
#केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 1855 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित भारत के सबसे पुराने विभाग में से एक है।
#केंन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 वर्ष 1996 से पहले केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 के रूप में जाना जाता था।
#वर्तमान में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 23 जोन, 100 आयुक्तालय, 460 प्रभाग टैक्स संग्रह और भारत भर में कानून प्रवर्तन गतिविधियों के लिए 2614 रेंज है।
#सर्विस टैक्स के मामलों में गिरफ्तारी के लिए 2013 में कानून बनाया गया है। जबकि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों को गिरफ्तारी के लिए पावर केंद्रीय सरकार द्वारा 1973 में दिया गया था।
#सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट को सरकारी ऐजेंसियों बीएसएफ, ईडी, एनसीबी, इनकम टैक्स, आईटीबीपी, के मुकाबले सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ एंटी स्मगलिंग ऐजेसी का अवॉर्ड मिल चुका है।  
#सेंट्रल एक्साइज की इंटैलीजेंस एजेंसी डीजीसीईआई की स्थापना 1979 में हुई थी। साल 2000 तक ऐजेंसी डाईरेक्टोरेट जनरल ऑफ एटीविजन के नाम से जानी जाती थी। सिर्फ 300 सौ अधिकारियों के साथ डीजीसीईआई ने रेवेन्यू चोरी के अन्य ऐंजेन्सियों के मुकाबले सबसे अधिक मामलों का पता लगाया।<ref>{{cite web |url= http://revenuenews.in/index.php?option=com_content&task=view&id=558&Itemid=19|title= सादगी और गरिमापूर्वक मनाया गया केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस एवं अलंकरण समारोह|accessmonthday= 24 फरवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= रेवेन्यू न्यूज|language=हिन्दी }}</ref>
#वर्तमान समय में 11,210 सुप्रिडेंट, और 14,704 इंस्पैक्टर सीबीईसी में तैनात है।


[[असम]] लगातार दो वर्षों तक<ref>[[वर्ष]] [[2011]] से</ref> 50 करोड़ किलोग्राम से अधिक [[चाय]] उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बना था। असम ने वर्ष [[2012]] में 58 करोड़ 80 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था, जो देश के कुल चाय उत्पादन का 53 प्रतिशत था। असम ने वर्ष [[2011]] में 58 करोड़ 90 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन ने यह रिपोर्ट [[फ़रवरी]], [[2013]] में जारी की थी। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन चाय बागान मालिकों की एक प्रमुख संस्था है। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2011में असम में चाय के क्षेत्र में सात हज़ार पांच सौ करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार हुआ। इस उद्योग में 7 लाख मजदूर काम कर रहे हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के बारे में आम जनता उतनी भिग्य नहीं है, क्योंकि यह अप्रत्यक्ष कर है। खेती करके उगाये गये पदार्थों को छोड़ कारखानों में निर्माण किये जा रहे प्रायः सभी वस्तुओं पर उत्पादन शुल्क लगता है, जिसकी शुरुवात [[24 फ़रवरी]], [[1944]] से हुई थी। अत: 24 फ़रवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है।  लगभग देश की समूची आमदनी का एक तिहाई हिस्सा उत्पादन शुल्क से प्राप्त होता है। [[1994]] से विभिन्न प्रकार की सेवाओं को भी कर योग्य सेवाओं की श्रेणी में रखा गया है, जैसा कि सेवा प्रदाता द्वारा उन सेवाओं  के एवज में  बड़ी राशि चार्ज की जाती है। यह सेवा कर संग्रहण का दायित्व भी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के पास ही है। यह विभाग [[वित्त मंत्रालय|केन्द्रीय वित्त मंत्रालय]] के अधीन ही कार्य करता है।<ref>{{cite web |url= http://gkforrailwayexam.blogspot.in/2014_02_01_archive.html|title=केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस |accessmonthday=24 फरवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी }}</ref>
====असम का योगदान====
[[असम]] लगातार दो वर्षों तक<ref>[[वर्ष]] [[2011]] से</ref> 50 करोड़ किलोग्राम से अधिक [[चाय]] उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बना था। असम ने वर्ष [[2012]] में 58 करोड़ 80 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था, जो देश के कुल चाय उत्पादन का 53 प्रतिशत था। असम ने वर्ष [[2011]] में 58 करोड़ 90 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन ने यह रिपोर्ट [[फ़रवरी]], [[2013]] में जारी की थी। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन चाय बागान मालिकों की एक प्रमुख संस्था है। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2011में असम में चाय के क्षेत्र में सात हज़ार पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। इस उद्योग में 7 लाख मज़दूर काम कर रहे हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।


'भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण' (ट्राई) ने प्री-पेड उपभोक्ताओं के मोबाइल कनेक्शन से सम्बंधित नए नियामक दिशा-निर्देश [[24 फ़रवरी]], 2013 को ही जारी किए थे। ट्राई द्वारा जारी नियामक दिशा-निर्देश के मुख्य बिंदु निम्नलिखित थे-
*'भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण' (ट्राई) ने प्री-पेड उपभोक्ताओं के मोबाइल कनेक्शन से सम्बंधित नए नियामक दिशा-निर्देश [[24 फ़रवरी]], [[2013]] को ही जारी किए थे। ट्राई द्वारा जारी नियामक दिशा-निर्देश के मुख्य बिंदु निम्नलिखित थे-
#प्री-पेड उपभोक्ताओं के ऐसे मोबाइल कनेक्शन बंद नहीं किए जा सकते जिनमें बीस रुपए या उससे अधिक बैलेंस हो।
#प्री-पेड उपभोक्ताओं के ऐसे मोबाइल कनेक्शन बंद नहीं किए जा सकते जिनमें बीस रुपए या उससे अधिक बैलेंस हो।
#दूरसंचार ऑपरेटर केवल ऐसे प्री-पेड मोबाइलनम्बर को बंद कर सकेंगे जिसमें बीस रुपए से कम बैलेंस हो और तीन महीने से उस नम्बर का प्रयोग न किया जा रहा हो।
#दूरसंचार ऑपरेटर केवल ऐसे प्री-पेड मोबाइलनम्बर को बंद कर सकेंगे जिसमें बीस रुपए से कम बैलेंस हो और तीन महीने से उस नम्बर का प्रयोग न किया जा रहा हो।
#जिस उपभोक्ता का कनेक्शन बंद कर दिया गया है उसे, नम्बर फिर चालू कराने के लिए पंद्रह दिन का समय देने का प्रावधान।
#जिस उपभोक्ता का कनेक्शन बंद कर दिया गया है उसे, नम्बर फिर चालू कराने के लिए पंद्रह दिन का समय देने का प्रावधान।
==विशेष जानकारी==
#केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 1855 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा स्थापित [[भारत]] के सबसे पुराने विभाग में से एक है।
#केंन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 [[वर्ष]] [[1996]] से पहले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 के रूप में जाना जाता था।
#वर्तमान में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 23 जोन, 100 आयुक्तालय, 460 प्रभाग टैक्स संग्रह और भारत भर में क़ानून प्रवर्तन गतिविधियों के लिए 2614 रेंज है।
#सर्विस टैक्स के मामलों में गिरफ्तारी के लिए [[2013]] में क़ानून बनाया गया है। जबकि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों को गिरफ्तारी के लिए पावर केन्द्रीय सरकार द्वारा [[1973]] में दिया गया था।
#सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट को सरकारी ऐजेंसियों बीएसएफ, ईडी, एनसीबी, इनकम टैक्स, आईटीबीपी, के मुकाबले सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ एंटी स्मगलिंग ऐजेसी का अवॉर्ड मिल चुका है। 
#सेंट्रल एक्साइज की इंटैलीजेंस एजेंसी डीजीसीईआई की स्थापना [[1979]] में हुई थी। साल [[2000]] तक ऐजेंसी डाईरेक्टोरेट जनरल ऑफ एटीविजन के नाम से जानी जाती थी। सिर्फ 300 सौ अधिकारियों के साथ डीजीसीईआई ने रेवेन्यू चोरी के अन्य ऐंजेन्सियों के मुकाबले सबसे अधिक मामलों का पता लगाया।<ref>{{cite web |url= http://revenuenews.in/index.php?option=com_content&task=view&id=558&Itemid=19|title= सादगी और गरिमापूर्वक मनाया गया केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस एवं अलंकरण समारोह|accessmonthday= 24 फरवरी|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= रेवेन्यू न्यूज|language=हिन्दी }}</ref>
#वर्तमान समय में 11,210 सुप्रिडेंट, और 14,704 इंस्पैक्टर सीबीईसी में तैनात है।


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==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[https://www।facebook।com/HariomKaushal29/posts/396400627125649 केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस]
*[https://www।facebook।com/HariomKaushal29/posts/396400627125649 केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस]
*[http://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%AD%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-24-%E0%A4%AB%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%95-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A4%BE-1330334549-2 देश भर में 24 फरवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया गया]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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05:20, 24 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
'केन्द्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड' का प्रतीक चिन्ह
'केन्द्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड' का प्रतीक चिन्ह
विवरण 'केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत 'केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग' द्वारा देश भर में प्रतिवर्ष 24 फ़रवरी को मनाया जाता है।
देश भारत
तिथि 24 फ़रवरी
उद्देश्य इसका लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है।
अन्य जानकारी यह दिवस 24 फ़रवरी, 1944 को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस प्रत्येक वर्ष '24 फ़रवरी' को मनाया जाता है। आज ही के दिन वर्ष 1944 में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून बनाया गया था। देश के औद्योगिक विकास में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग को बढ़ाया।

उद्देश्य

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा देश भर में 24 फ़रवरी को 'केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' मनाया जाता है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है। यह दिवस 24 फ़रवरी, 1944 को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

औद्योगिक विकास में भूमिका

देश के औद्योगिक विकास में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग बढ़ाया। कोई भी राष्ट्र बिना किसी मजबूत अर्थव्यवस्था के प्रगति नहीं कर सकता। अर्थव्यवस्था मजबूत तभी हो सकती है, जब हम अपनी जिम्मेवारी राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए पूरी निष्ठा के साथ निभा पायें। चाहे वह राजनेता हो, शासकीय अधिकारी/कर्मचारी हो, चाहे वह आम आदमी क्यों न हो।  हमारे देश का वित्तीय प्रबंध पूर्ण रूपेण जनता से वसूले जाने वाले विभिन्न करों पर निर्भर है। चाहे वह आय कर हो, विक्रय कर हो, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हो, सीमा शुल्क हो आदि-आदि।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के बारे में आम जनता उतनी भिग्य नहीं है, क्योंकि यह अप्रत्यक्ष कर है। खेती करके उगाये गये पदार्थों को छोड़ कारखानों में निर्माण किये जा रहे प्रायः सभी वस्तुओं पर उत्पादन शुल्क लगता है, जिसकी शुरुवात 24 फ़रवरी, 1944 से हुई थी। अत: 24 फ़रवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है।  लगभग देश की समूची आमदनी का एक तिहाई हिस्सा उत्पादन शुल्क से प्राप्त होता है। 1994 से विभिन्न प्रकार की सेवाओं को भी कर योग्य सेवाओं की श्रेणी में रखा गया है, जैसा कि सेवा प्रदाता द्वारा उन सेवाओं  के एवज में  बड़ी राशि चार्ज की जाती है। यह सेवा कर संग्रहण का दायित्व भी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के पास ही है। यह विभाग केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन ही कार्य करता है।[1]

असम का योगदान

असम लगातार दो वर्षों तक[2] 50 करोड़ किलोग्राम से अधिक चाय उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बना था। असम ने वर्ष 2012 में 58 करोड़ 80 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था, जो देश के कुल चाय उत्पादन का 53 प्रतिशत था। असम ने वर्ष 2011 में 58 करोड़ 90 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन ने यह रिपोर्ट फ़रवरी, 2013 में जारी की थी। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन चाय बागान मालिकों की एक प्रमुख संस्था है। नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2011में असम में चाय के क्षेत्र में सात हज़ार पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। इस उद्योग में 7 लाख मज़दूर काम कर रहे हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।

  • 'भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण' (ट्राई) ने प्री-पेड उपभोक्ताओं के मोबाइल कनेक्शन से सम्बंधित नए नियामक दिशा-निर्देश 24 फ़रवरी, 2013 को ही जारी किए थे। ट्राई द्वारा जारी नियामक दिशा-निर्देश के मुख्य बिंदु निम्नलिखित थे-
  1. प्री-पेड उपभोक्ताओं के ऐसे मोबाइल कनेक्शन बंद नहीं किए जा सकते जिनमें बीस रुपए या उससे अधिक बैलेंस हो।
  2. दूरसंचार ऑपरेटर केवल ऐसे प्री-पेड मोबाइलनम्बर को बंद कर सकेंगे जिसमें बीस रुपए से कम बैलेंस हो और तीन महीने से उस नम्बर का प्रयोग न किया जा रहा हो।
  3. जिस उपभोक्ता का कनेक्शन बंद कर दिया गया है उसे, नम्बर फिर चालू कराने के लिए पंद्रह दिन का समय देने का प्रावधान।

विशेष जानकारी

  1. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 1855 में अंग्रेज़ों द्वारा स्थापित भारत के सबसे पुराने विभाग में से एक है।
  2. केंन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 वर्ष 1996 से पहले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 के रूप में जाना जाता था।
  3. वर्तमान में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 23 जोन, 100 आयुक्तालय, 460 प्रभाग टैक्स संग्रह और भारत भर में क़ानून प्रवर्तन गतिविधियों के लिए 2614 रेंज है।
  4. सर्विस टैक्स के मामलों में गिरफ्तारी के लिए 2013 में क़ानून बनाया गया है। जबकि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों को गिरफ्तारी के लिए पावर केन्द्रीय सरकार द्वारा 1973 में दिया गया था।
  5. सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट को सरकारी ऐजेंसियों बीएसएफ, ईडी, एनसीबी, इनकम टैक्स, आईटीबीपी, के मुकाबले सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ एंटी स्मगलिंग ऐजेसी का अवॉर्ड मिल चुका है।
  6. सेंट्रल एक्साइज की इंटैलीजेंस एजेंसी डीजीसीईआई की स्थापना 1979 में हुई थी। साल 2000 तक ऐजेंसी डाईरेक्टोरेट जनरल ऑफ एटीविजन के नाम से जानी जाती थी। सिर्फ 300 सौ अधिकारियों के साथ डीजीसीईआई ने रेवेन्यू चोरी के अन्य ऐंजेन्सियों के मुकाबले सबसे अधिक मामलों का पता लगाया।[3]
  7. वर्तमान समय में 11,210 सुप्रिडेंट, और 14,704 इंस्पैक्टर सीबीईसी में तैनात है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 फरवरी, 2015।
  2. वर्ष 2011 से
  3. सादगी और गरिमापूर्वक मनाया गया केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस एवं अलंकरण समारोह (हिन्दी) रेवेन्यू न्यूज। अभिगमन तिथि: 24 फरवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख