"पी. सतशिवम": अवतरणों में अंतर

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==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
पी. सतशिवम का जन्म [[27 अप्रैल]], [[1949]] को हुआ था। उन्होंने [[जुलाई]], [[1973]] में [[मद्रास]] में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और [[जनवरी]], [[1996]] में मद्रास उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।  
पी. सतशिवम का जन्म [[27 अप्रैल]], [[1949]] को हुआ था। उन्होंने [[जुलाई]], [[1973]] में [[मद्रास]] में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और [[जनवरी]], [[1996]] में [[मद्रास उच्च न्यायालय]] के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।  
==विशेष बिंदु==
==विशेष बिंदु==
पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।
पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।
* सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद इस न्यायालय के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश को मिलता है। आपातकाल के बाद इस तरह की परम्परा कायम की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय भी दिए हैं और वरिष्ठता सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की तिथि से गिनी जाती है।
* सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद इस न्यायालय के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश को मिलता है। आपातकाल के बाद इस तरह की परम्परा कायम की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय भी दिए हैं और वरिष्ठता सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की तिथि से गिनी जाती है।
* [[अप्रैल]] [[2007]] में वह स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में नियुक्त किए गए.
* [[अप्रैल]] [[2007]] में वह स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में नियुक्त किए गए.
*  64 वर्षीय पी सदाशिवम को वर्ष 1996 में मद्रास उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शामिल किया गया था।  
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* वह भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति पाने वाले [[तमिलनाडु]] से ताल्लुक़ रखने वाले पहले न्यायाधीश हैं। विदित हो कि [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] के अनुच्छेद 124 के तहत भारत के प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान है। भारत के प्रथम प्रधान न्यायाधीश [[एच. जे. कनिया|एच. जे. कानिया]] थे। एच. जे. कनिया को [[26 जनवरी]] [[1950]] को भारत का प्रथम न्यायाधीश नियुक्त किया गया  और वह इस पद पर [[6 नवंबर]] [[1951]] तक रहे।
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* न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की तरह न्यायमूर्ति सदाशिवम भी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम व्यवस्था को खत्म करने के विरोध में हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया है कि कोलेजियम व्यवस्था में कमियां हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
* न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की तरह न्यायमूर्ति सदाशिवम भी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम व्यवस्था को खत्म करने के विरोध में हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया है कि कोलेजियम व्यवस्था में कमियां हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
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*[http://www.supremecourtofindia.nic.in/ supreme court of india]
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
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पी. सतशिवम
पी. सतशिवम
पी. सतशिवम
पूरा नाम पालानीसामी सतशिवम
अन्य नाम पी. सतशिवम
जन्म 27 अप्रैल, 1949
जन्म भूमि तमिलनाडु
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र न्यायपालिका
नागरिकता भारतीय
पद भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं केरल के वर्तमान राज्यपाल
कार्यकाल मुख्य न्यायाधीश- 19 जुलाई, 2013 से 27 अप्रैल, 2014 तक; राज्यपाल- 31 अगस्त, 2014 से अबतक
अन्य जानकारी पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया था। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।
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पी. सतशिवम अथवा पी. सदाशिवम (अंग्रेज़ी: P. Sathasivam, जन्म: 27 अप्रैल, 1949) को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 40वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है। वे 19 जुलाई, 2013 से 27 अप्रैल, 2014 तक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 19 जुलाई, 2013 शुक्रवार को उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई थी। पी. सतशिवम को तमिलनाडु के ऐसे प्रथम व्यक्ति बनने का गौरव मिला था, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद तक पहुँचा। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर का स्थान लिया था, जो गुरुवार, 18 जुलाई, 2013 को पदभार से मुक्त हुए थे। पी. सतशिवम केरल के वर्तमान राज्यपाल भी हैं।

जीवन परिचय

पी. सतशिवम का जन्म 27 अप्रैल, 1949 को हुआ था। उन्होंने जुलाई, 1973 में मद्रास में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और जनवरी, 1996 में मद्रास उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।

विशेष बिंदु

पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।

  • सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद इस न्यायालय के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश को मिलता है। आपातकाल के बाद इस तरह की परम्परा कायम की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय भी दिए हैं और वरिष्ठता सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की तिथि से गिनी जाती है।
  • अप्रैल 2007 में वह स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में नियुक्त किए गए.
  • 64 वर्षीय पी सदाशिवम को वर्ष 1996 में मद्रास उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शामिल किया गया था।
  • वह भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति पाने वाले तमिलनाडु से ताल्लुक़ रखने वाले पहले न्यायाधीश हैं। विदित हो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत भारत के प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान है। भारत के प्रथम प्रधान न्यायाधीश एच. जे. कानिया थे। एच. जे. कनिया को 26 जनवरी 1950 को भारत का प्रथम न्यायाधीश नियुक्त किया गया और वह इस पद पर 6 नवंबर 1951 तक रहे।
  • न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की तरह न्यायमूर्ति सदाशिवम भी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम व्यवस्था को खत्म करने के विरोध में हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया है कि कोलेजियम व्यवस्था में कमियां हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
  • सदाशिवम ने कई बड़े फैसले दिए हैं, जिनमें मुंबई विस्फोटों का मामला और पाकिस्तानी वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती का मामला भी शामिल है।
  • न्यायमूर्ति सदाशिवम और न्यायमूर्ति बीसी चौहान ने मुंबई विस्फोटों के मामले में अभिनेता संजय दत्त और कई दूसरे अभियुक्तों की सजा को बरकरार रखा था।
  • इनकी पीठ ने 1993 के विस्फोटों के मामले में पाकिस्तान की इस बात के लिए भर्त्सना की थी कि उसकी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने इन विस्फोटों को अंजाम देने वालों को प्रशिक्षण मुहैया कराया और वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी सरजमीं से होने वाले आतंकवादी हमलों को रोकने में नाकाम रही है।
  • पाकिस्तानी वैज्ञानिक चिश्ती की सजा को रद्द करने वाला फैसला भी न्यायमूर्ति सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया था।
  • न्यायमूर्ति सदाशिवम ने ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस से जुड़े तिहरे हत्याकांड के मामले में भी फैसला सुनाया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. न्यायमूर्ति सदाशिवम बने देश के 40वें मुख्य न्यायाधीश (हिंदी) एनडीटीवी ख़बर। अभिगमन तिथि: 30 नवंबर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ राज्यपाल, उपराज्यपाल एवं प्रशासक
क्रमांक राज्य राज्यपाल/उपराज्यपाल चित्र कार्यकाल प्रारम्भ
1. आंध्र प्रदेश विश्व भूषण हरिचंदन
24 जुलाई, 2019
2. अरुणाचल प्रदेश बी. डी. मिश्रा
3 अक्टूबर, 2017
3. असम जगदीश मुखी
10 अक्टूबर, 2017
4. बिहार फागु चौहान
29 जुलाई, 2019
5. छत्तीसगढ़ अनुसुइया उइके
29 जुलाई, 2019
6. गोवा पी. एस. श्रीधरन पिल्लई
7 जुलाई, 2021
7. गुजरात आचार्य देवव्रत
22 जुलाई, 2019
8. हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय
7 जुलाई, 2021
9. हिमाचल प्रदेश राजेन्द्र आर्लेकर
13 जुलाई, 2021
10. झारखण्ड रमेश बैस
14 जुलाई, 2021
11. कर्नाटक थावर चंद गहलोत
11 जुलाई, 2021
12. केरल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान
6 सितम्बर, 2019
13. मध्य प्रदेश मंगूभाई छगनभाई पटेल
6 जुलाई, 2021
14. महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी
5 सितम्बर, 2019
15. मणिपुर एल. गणेशन
27 अगस्त, 2021
16. मेघालय सत्यपाल मलिक
19 अगस्त, 2020
17. मिज़ोरम कंभमपति हरिबाबू
19 जुलाई, 2021
18. नागालैण्ड जगदीश मुखी
17 सितम्बर, 2021
19. ओडिशा गणेशी लाल
29 मई, 2018
20. पंजाब बनवारीलाल पुरोहित
31 अगस्त, 2021
21. राजस्थान कलराज मिश्र
9 सितम्बर, 2019
22. सिक्किम गंगा प्रसाद
26 अगस्त, 2018
23. तमिल नाडु रविन्द्र नारायण रवि
18 सितम्बर, 2021
24. तेलंगाना तमिलसाई सुंदरराजन
8 सितम्बर, 2019
25. त्रिपुरा सत्यदेव नारायण आर्य
7 जुलाई, 2021
26. उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल
29 जुलाई, 2019
27. उत्तराखण्ड गुरमीत सिंह
गुरमीत सिंह
गुरमीत सिंह
15 सितंबर, 2021
28. पश्चिम बंगाल जगदीप धनखड़
30 जुलाई, 2019
29. अंडमान-निकोबार देवेन्द्र कुमार जोशी
8 अक्टूबर, 2017
30, दिल्ली विनय कुमार सक्सैना
26 मई, 2022
31. जम्मू-कश्मीर मनोज सिन्हा
7 अगस्त, 2020
32. लद्दाख राधाकृष्ण माथुर
31 अक्टूबर, 2019
33. पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन
18 फ़रवरी, 2021
34. चंडीगढ़ बनवारीलाल पुरोहित
31 अगस्त, 2021
35. दमन एवं दीव प्रफुल खोदा पटेल
26 जनवरी, 2020
36. दादरा एवं नागर हवेली प्रफुल खोदा पटेल
26 जनवरी, 2020
37. लक्षद्वीप प्रफुल खोदा पटेल (अतिरिक्त प्रभार)
5 दिसम्बर, 2020