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'''जी. माधवन नायर''' (जन्म- [[31 अक्टूबर]], [[1943]]) [[भारत]] के प्रमुख व सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक हैं। ये '[[इसरो]]' (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष और सचिव पद पर कार्यरत थे। इनका ध्यान हमेशा उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आत्म-निर्भरता हासिल करने और राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभों को पहुँचाने, विशेषकर समाज के ग्रामीण और निर्धन वर्गों की ज़रूरतों को लक्षित करने पर केंद्रित रहा। वे इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने, विशेष रूप से प्रमोचन यानों के क्षेत्र में अंतरिक्ष तक कम लागत में पहुँच को सुसाध्य बनाने के लिए ज़िम्मेदार थे। जी. माधवन नायर ने अपने छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशन पूरे किए थे।
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'''जी. माधवन नायर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''G. Madhavan Nair'', जन्म- [[31 अक्टूबर]], [[1943]]) [[भारत]] के प्रमुख व सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक हैं। ये '[[इसरो]]' (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष और सचिव पद पर कार्यरत थे। इनका ध्यान हमेशा उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आत्म-निर्भरता हासिल करने और राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभों को पहुँचाने, विशेषकर समाज के ग्रामीण और निर्धन वर्गों की ज़रूरतों को लक्षित करने पर केंद्रित रहा। वे इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने, विशेष रूप से प्रमोचन यानों के क्षेत्र में अंतरिक्ष तक कम लागत में पहुँच को सुसाध्य बनाने के लिए ज़िम्मेदार थे। जी. माधवन नायर ने अपने छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशन पूरे किए थे।
==जन्म तथा शिक्षा==
==जन्म तथा शिक्षा==
जी. माधवन का जन्म 31 अक्तूबर, 1943 को [[केरल]] के [[तिरुवनंतपुरम]] में हुआ था। उन्होंने [[1966]] में केरल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की और [[भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुंबई|भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई]] में प्रशिक्षण प्राप्त किया। [[1967]] में उन्होंने 'थुम्बा भूमध्य रेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र' (टर्ल्स) में पदभार ग्रहण किया। तब से उन्होंने इसरो के अध्यक्ष पद को सँभालने तक मार्ग में कई शानदार उपलब्धियाँ हासिल करते हुए विभिन्न पदों को सँभाला।
जी. माधवन का जन्म 31 अक्तूबर, 1943 को [[केरल]] के [[तिरुवनंतपुरम]] में हुआ था। उन्होंने [[1966]] में केरल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की और [[भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुंबई|भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई]] में प्रशिक्षण प्राप्त किया। [[1967]] में उन्होंने 'थुम्बा भूमध्य रेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र' (टर्ल्स) में पदभार ग्रहण किया। तब से उन्होंने इसरो के अध्यक्ष पद को सँभालने तक मार्ग में कई शानदार उपलब्धियाँ हासिल करते हुए विभिन्न पदों को सँभाला।
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इन्सैट-3ई, रिसोर्ससैट-1, एडुसैट, कार्टोसैट-1, हैमसैट-1, इन्सैट-4ए, पीएसएलवी-सी5, जीएसएलवी-एफ़1, पीएसएलवी-सी6, कार्टोसैट-2, इन्सैट-4बी, एसआरई-1, पीएसएलवी-सी7, पीएसएलवी-सी8, जीएसएलवी-एफ़04, इन्सैट-4सीआर, पीएसएलवी-सी10, कार्टोसैट-2ए, आईएमएस-1, पीएसएलवी-सी9, चंद्रयान-1, पीएसएलवी-सी11, पीएसएलवी-12, पीएसएलवी-C14 और ओशनसैट-2
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==प्रौद्योगिकी का विकास==
==प्रौद्योगिकी का विकास==
उन्होंने अंतरिक्ष प्रणालियों की क्षमता को बढ़ाने और साथ ही साथ अंतरिक्ष तक पहुँच प्राप्त करने की लागत को घटाने के लिए भावी प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में कई क़दम उठाए। उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूर शिक्षा और दूर चिकित्सा जैसे उपयोगी कार्यक्रमों के विकास पर प्रमुख ज़ोर दिया। अब तक एडुसैट नेटवर्क के अधीन 31,000 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है और 315 अस्पतालों को, 10 मोबाइल एककों और 46 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों सहित 269 सुदूर ग्रामीण ज़िला अस्पतालों को दूर चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। जी. माधवन नायर ने गाँवों में निर्धन लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य वाले उपग्रह संयोजन के माध्यम से ग्राम संसाधन केंद्रों के लिए योजनाएँ प्रवर्तित की हैं। 430 से अधिक वी.आर.सी. भू-उपयोग/भू-आवरण, मृदा और भूमिगत [[जल]] की संभावना जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्थानिक सूचना तक पहुँच को सुसाध्य करने और किसानों को उनके प्रश्नों पर आधारित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में उन्होंने सक्षम बनाया है। ग्राम संसाधन केंद्र स्थानीय किसानों और [[कृषि]] वैज्ञानिकों के बीच ऑनलाइन परस्पर क्रिया को भी सक्षम करते हैं। वे कई सरकारी योजनाओं, कृषि पद्धतियों, मौसम के आधार पर कार्य-योजनाओं, मृदा और जल संरक्षण आदि पर विशिष्ट सामुदायिक परामर्शी जानकारी भी प्रदान करते हैं।
उन्होंने अंतरिक्ष प्रणालियों की क्षमता को बढ़ाने और साथ ही साथ अंतरिक्ष तक पहुँच प्राप्त करने की लागत को घटाने के लिए भावी प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में कई क़दम उठाए। उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूर शिक्षा और दूर चिकित्सा जैसे उपयोगी कार्यक्रमों के विकास पर प्रमुख ज़ोर दिया। अब तक एडुसैट नेटवर्क के अधीन 31,000 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है और 315 अस्पतालों को, 10 मोबाइल एककों और 46 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों सहित 269 सुदूर ग्रामीण ज़िला अस्पतालों को दूर चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। जी. माधवन नायर ने गाँवों में निर्धन लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य वाले उपग्रह संयोजन के माध्यम से ग्राम संसाधन केंद्रों के लिए योजनाएँ प्रवर्तित की हैं। 430 से अधिक वी.आर.सी. भू-उपयोग/भू-आवरण, मृदा और भूमिगत [[जल]] की संभावना जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्थानिक सूचना तक पहुँच को सुसाध्य करने और किसानों को उनके प्रश्नों पर आधारित महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में उन्होंने सक्षम बनाया है। ग्राम संसाधन केंद्र स्थानीय किसानों और [[कृषि]] वैज्ञानिकों के बीच ऑनलाइन परस्पर क्रिया को भी सक्षम करते हैं। वे कई सरकारी योजनाओं, कृषि पद्धतियों, मौसम के आधार पर कार्य-योजनाओं, मृदा और जल संरक्षण आदि पर विशिष्ट सामुदायिक परामर्शी जानकारी भी प्रदान करते हैं।
==विभिन्न पदों की प्राप्ति==
==विभिन्न पदों की प्राप्ति==
अपने स्वर्णिम कार्यकाल में जी. माधवन नायर ने कई ऊँचे पदों को सुशोभित किया है। इन पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने देश को नई बुलन्दियों पर पहुँचाया है।
अपने स्वर्णिम कार्यकाल में जी. माधवन नायर ने कई ऊँचे पदों को सुशोभित किया है। इन पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने देश को नई बुलन्दियों पर पहुँचाया है।
====निदेशक का पद====
====निदेशक का पद====
[[1995]]-[[1999]] तक [[द्रव नोदन प्रणाली केंद्र]] के निदेशक पद पर जी. माधवन नायर के कार्यकाल के दौरान, क्रायोजनिक प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास की दिशा में [[भारत]] के प्रयासों ने ठोस रूप धारण किया और महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया गया तथा क्रांतिक प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ। 1999 से पद ग्रहण करने तक, वी.एस.एस.सी के निदेशक की अपनी भूमिका में जी. माधवन नायर ने [[इसरो]] के सबसे बड़े केंद्र 'वी.एस.एस.सी.' ([[विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र]]) का नेतृत्व सँभाला, जिसमें लगभग छह हज़ार कर्मचारी विभिन्न इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक विभागों में कार्यरत हैं, जो भू अंतरण कक्षा में 2000 कि.ग्रा. वर्ग के उपग्रह को परिक्रमा करवाने में सक्षम भारत के भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान जीएसएलवी के विकास में प्रयासरत है, जिसने अपने पहले ही प्रयास में सफल उड़ान भरी और [[2003]] के अपने सफल उड़ान के बाद प्रचालनीय घोषित हुआ। माधवन जी इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने के लिए भी उत्तरदायी थे, विशेषकर अंतरिक्ष में कम लागत पहुँच को लक्षित करने वाले प्रमोचन यान क्षेत्र में।
[[1995]]-[[1999]] तक [[द्रव नोदन प्रणाली केंद्र]] के निदेशक पद पर जी. माधवन नायर के कार्यकाल के दौरान, क्रायोजनिक प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास की दिशा में [[भारत]] के प्रयासों ने ठोस रूप धारण किया और महत्त्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया गया तथा क्रांतिक प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ। 1999 से पद ग्रहण करने तक, वी.एस.एस.सी के निदेशक की अपनी भूमिका में जी. माधवन नायर ने [[इसरो]] के सबसे बड़े केंद्र 'वी.एस.एस.सी.' ([[विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र]]) का नेतृत्व सँभाला, जिसमें लगभग छह हज़ार कर्मचारी विभिन्न इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक विभागों में कार्यरत हैं, जो भू अंतरण कक्षा में 2000 कि.ग्रा. वर्ग के उपग्रह को परिक्रमा करवाने में सक्षम भारत के भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान जीएसएलवी के विकास में प्रयासरत है, जिसने अपने पहले ही प्रयास में सफल उड़ान भरी और [[2003]] के अपने सफल उड़ान के बाद प्रचालनीय घोषित हुआ। माधवन जी इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने के लिए भी उत्तरदायी थे, विशेषकर अंतरिक्ष में कम लागत पहुँच को लक्षित करने वाले प्रमोचन यान क्षेत्र में।
====अध्यक्ष====
====अध्यक्ष====
अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में जी. माधवन नायर देश में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भावी योजना बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। दूर चिकित्सा, दूर-शिक्षा और आपदा प्रबंधन सहायक प्रणालियों के लिए योजनाएँ कार्यान्वित करने के अलावा, उनका प्रमुख ज़ोर एस्ट्रोसैट और चंद्रयान ([[चंद्रमा]]) मिशनों के उपयोग द्वारा बाह्य अंतरिक्ष की वैज्ञानिक अन्वेषण पर है। वे सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रमोचन यान संबंधी नई प्रौद्योगिकी के विकास, संचार के लिए अंतरिक्ष यान, सुदूर संवेदन और उपयोग कार्यक्रमों के संचालनार्थ मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में जी. माधवन नायर देश में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भावी योजना बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। दूर चिकित्सा, दूर-शिक्षा और आपदा प्रबंधन सहायक प्रणालियों के लिए योजनाएँ कार्यान्वित करने के अलावा, उनका प्रमुख ज़ोर एस्ट्रोसैट और चंद्रयान ([[चंद्रमा]]) मिशनों के उपयोग द्वारा बाह्य अंतरिक्ष की वैज्ञानिक अन्वेषण पर है। वे सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रमोचन यान संबंधी नई प्रौद्योगिकी के विकास, संचार के लिए अंतरिक्ष यान, सुदूर संवेदन और उपयोग कार्यक्रमों के संचालनार्थ मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में, श्री माधवन नायर ने कई अंतरिक्ष एजेंसियों और देशों, विशेषकर [[फ़्रांस]], [[रूस]], ब्राज़ील, इज़राइल आदि के साथ द्विपक्षीय सहयोग और वार्ता के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और पारस्परिक रूप से लाभप्रद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग समझौतों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में, श्री माधवन नायर ने कई अंतरिक्ष एजेंसियों और देशों, विशेषकर [[फ़्रांस]], [[रूस]], ब्राज़ील, इज़राइल आदि के साथ द्विपक्षीय सहयोग और वार्ता के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और पारस्परिक रूप से लाभप्रद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग समझौतों को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
==सम्मान==
==सम्मान==
#पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, [[जालंधर]] द्वारा प्रदत्त डी.फ़िलासफ़ी (ऑनोरिस कासा) ([[2003]])
#पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, [[जालंधर]] द्वारा प्रदत्त डी.फ़िलासफ़ी (ऑनोरिस कासा) ([[2003]])
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#एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडमेंटल रिसर्च, [[कोलकाता]] से "एमपी बिरला स्मारक पुरस्कार-2009" ([[4 जुलाई]], 2009)
#एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडमेंटल रिसर्च, [[कोलकाता]] से "एमपी बिरला स्मारक पुरस्कार-2009" ([[4 जुलाई]], 2009)
#कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके कैम्पस, बैंगलूर में "कृषक समुदाय की समृद्धि के लिए जैव-औद्योगिक जलसंभार विकास की चुनौतियाँ और संभावनाएँ" पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय मृदा संरक्षण सोसायटी से "भू रत्न" पुरस्कार ([[25 जुलाई]], 2009)
#कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके कैम्पस, बैंगलूर में "कृषक समुदाय की समृद्धि के लिए जैव-औद्योगिक जलसंभार विकास की चुनौतियाँ और संभावनाएँ" पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय मृदा संरक्षण सोसायटी से "भू रत्न" पुरस्कार ([[25 जुलाई]], 2009)
#मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब फ़ाउंडेशन, कोडुंगलूर, त्रिशूर से "मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब राष्ट्रीय पुरस्कार" ([[19 जून]], 2009)
#मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब फ़ाउंडेशन, कोडुंगलूर, [[त्रिशूर]] से "मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब राष्ट्रीय पुरस्कार" ([[19 जून]], 2009)
#"[[नई दिल्ली]] में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, [[लखनऊ]] से "लक्ष्मीपत सिंघानिया - आईआईएम, लखनऊ राष्ट्रीय नेतृत्व पुरस्कार 2008" ([[10 जून]], 2009)
#"[[नई दिल्ली]] में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, [[लखनऊ]] से "लक्ष्मीपत सिंघानिया - आईआईएम, लखनऊ राष्ट्रीय नेतृत्व पुरस्कार 2008" ([[10 जून]], 2009)
#इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नॉलोजी, [[हैदराबाद]] से "एवी रामाराव प्रौद्योगिकी पुरस्कार" (1 लाख रु. का नकद पुरस्कार) ([[11 मई]], 2009)
#इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नॉलोजी, [[हैदराबाद]] से "एवी रामाराव प्रौद्योगिकी पुरस्कार" (1 लाख रु. का नकद पुरस्कार) ([[11 मई]], 2009)
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#शिरोमणि संस्थान, नई दिल्ली द्वारा "भारत शिरोमणि पुरस्कार 2006" (2007)
#शिरोमणि संस्थान, नई दिल्ली द्वारा "भारत शिरोमणि पुरस्कार 2006" (2007)
#शंकर नेत्रालय, मेडिकल रिसर्च फ़ाउंडेशन, [[चेन्नई]] के एकक से "शंकर रत्न" पुरस्कार (2007)
#शंकर नेत्रालय, मेडिकल रिसर्च फ़ाउंडेशन, [[चेन्नई]] के एकक से "शंकर रत्न" पुरस्कार (2007)
#साइंस इंडिया फ़ोरम, मस्कट और इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ साइन्टिफ़िक हेरिटेज-ओमन चैप्टर से डॉ. ए.एस.जी. जयकर पुरस्कार (2007)
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#द साउथ इंडियन एज्युकेशन सोसायटी, मुंबई से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में "9वाँ श्री चंद्रशेखर सरस्वती राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार" (2006)
#द साउथ इंडियन एज्युकेशन सोसायटी, मुंबई से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में "9वाँ श्री चंद्रशेखर सरस्वती राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार" (2006)
#[[चिदंबरम]] में आयोजित 94वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में [[प्रधानमंत्री]] से स्वर्ण पदक (2007)
#[[चिदंबरम]] में आयोजित 94वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में [[प्रधानमंत्री]] से स्वर्ण पदक (2007)
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#फ़ेलो, भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसायटी
#फ़ेलो, भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसायटी
#मलबार मार थोमा सीरियन चर्च, तिरुविला से मेलपादोम अट्टुमइल जार्जकुट्टी पुरस्कार (2004)
#मलबार मार थोमा सीरियन चर्च, तिरुविला से मेलपादोम अट्टुमइल जार्जकुट्टी पुरस्कार (2004)
#के.जी. फ़ाउंडेशन, [[कोयंबटूर]] से दशक का व्यक्तित्व पुरस्कार (2004)
#के.जी. फ़ाउंडेशन, [[कोयंबटूर]] से दशक का व्यक्तित्व पुरस्कार ([[2004]])
#भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ का विक्रम साराभाई स्मारक स्वर्ण पदक- जनवरी 2003
#भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ का विक्रम साराभाई स्मारक स्वर्ण पदक- जनवरी [[2003]]
#स्वदेशी शास्त्र पुरस्कार- 1995
#स्वदेशी शास्त्र पुरस्कार- [[1995]]
#श्री ओम प्रकाश भासिन पुरस्कार- 1995
#श्री ओम प्रकाश भासिन पुरस्कार- 1995
#एफ़आईई फ़ाउंडेशन पुरस्कार- 1994
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.isro.gov.in/hindi/Ourchairman/Former/gmnair.aspx आधिकारिक वेबसाइट]
==संबंधित लेख==
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07:51, 25 दिसम्बर 2021 के समय का अवतरण

जी. माधवन नायर
जी. माधवन नायर
जी. माधवन नायर
जन्म 31 अक्टूबर, 1943
जन्म भूमि तिरुवनंतपुरम, केरल
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
शिक्षा इंजीनियरिंग में स्नातक, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई से प्रशिक्षण
विद्यालय केरल विश्वविद्यालय, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, (मुंबई)
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण (1998), पद्म विभूषण (2009), नई दिल्ली में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, 2009 से "मैन ऑफ़ द ईयर" (31 मार्च, 2009) आदि।
प्रसिद्धि वैज्ञानिक तथा 'इसरो' के भूतपूर्व अध्यक्ष
नागरिकता भारतीय

जी. माधवन नायर (अंग्रेज़ी: G. Madhavan Nair, जन्म- 31 अक्टूबर, 1943) भारत के प्रमुख व सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक हैं। ये 'इसरो' (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष और सचिव पद पर कार्यरत थे। इनका ध्यान हमेशा उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आत्म-निर्भरता हासिल करने और राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभों को पहुँचाने, विशेषकर समाज के ग्रामीण और निर्धन वर्गों की ज़रूरतों को लक्षित करने पर केंद्रित रहा। वे इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने, विशेष रूप से प्रमोचन यानों के क्षेत्र में अंतरिक्ष तक कम लागत में पहुँच को सुसाध्य बनाने के लिए ज़िम्मेदार थे। जी. माधवन नायर ने अपने छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशन पूरे किए थे।

जन्म तथा शिक्षा

जी. माधवन का जन्म 31 अक्तूबर, 1943 को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उन्होंने 1966 में केरल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1967 में उन्होंने 'थुम्बा भूमध्य रेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र' (टर्ल्स) में पदभार ग्रहण किया। तब से उन्होंने इसरो के अध्यक्ष पद को सँभालने तक मार्ग में कई शानदार उपलब्धियाँ हासिल करते हुए विभिन्न पदों को सँभाला।

उपलब्धियाँ

माधवन जी ने अध्यक्ष, इसरो सचिव, अंतरिक्ष विभाग के रूप में अपने छह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 25 सफल मिशनों की उपलब्धियाँ हासिल कीं, जो निम्नलिखित हैं-

इन्सैट-3ई, रिसोर्ससैट-1, एडुसैट, कार्टोसैट-1, हैमसैट-1, इन्सैट-4ए, पीएसएलवी-सी5, जीएसएलवी-एफ़1, पीएसएलवी-सी6, कार्टोसैट-2, इन्सैट-4बी, एसआरई-1, पीएसएलवी-सी7, पीएसएलवी-सी8, जीएसएलवी-एफ़04, इन्सैट-4सीआर, पीएसएलवी-सी10, कार्टोसैट-2ए, आईएमएस-1, पीएसएलवी-सी9, चंद्रयान-1, पीएसएलवी-सी11, पीएसएलवी-12, पीएसएलवी-C14 और ओशनसैट-2

प्रौद्योगिकी का विकास

उन्होंने अंतरिक्ष प्रणालियों की क्षमता को बढ़ाने और साथ ही साथ अंतरिक्ष तक पहुँच प्राप्त करने की लागत को घटाने के लिए भावी प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में कई क़दम उठाए। उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूर शिक्षा और दूर चिकित्सा जैसे उपयोगी कार्यक्रमों के विकास पर प्रमुख ज़ोर दिया। अब तक एडुसैट नेटवर्क के अधीन 31,000 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है और 315 अस्पतालों को, 10 मोबाइल एककों और 46 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों सहित 269 सुदूर ग्रामीण ज़िला अस्पतालों को दूर चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। जी. माधवन नायर ने गाँवों में निर्धन लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य वाले उपग्रह संयोजन के माध्यम से ग्राम संसाधन केंद्रों के लिए योजनाएँ प्रवर्तित की हैं। 430 से अधिक वी.आर.सी. भू-उपयोग/भू-आवरण, मृदा और भूमिगत जल की संभावना जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्थानिक सूचना तक पहुँच को सुसाध्य करने और किसानों को उनके प्रश्नों पर आधारित महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में उन्होंने सक्षम बनाया है। ग्राम संसाधन केंद्र स्थानीय किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच ऑनलाइन परस्पर क्रिया को भी सक्षम करते हैं। वे कई सरकारी योजनाओं, कृषि पद्धतियों, मौसम के आधार पर कार्य-योजनाओं, मृदा और जल संरक्षण आदि पर विशिष्ट सामुदायिक परामर्शी जानकारी भी प्रदान करते हैं।

विभिन्न पदों की प्राप्ति

अपने स्वर्णिम कार्यकाल में जी. माधवन नायर ने कई ऊँचे पदों को सुशोभित किया है। इन पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने देश को नई बुलन्दियों पर पहुँचाया है।

निदेशक का पद

1995-1999 तक द्रव नोदन प्रणाली केंद्र के निदेशक पद पर जी. माधवन नायर के कार्यकाल के दौरान, क्रायोजनिक प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास की दिशा में भारत के प्रयासों ने ठोस रूप धारण किया और महत्त्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया गया तथा क्रांतिक प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ। 1999 से पद ग्रहण करने तक, वी.एस.एस.सी के निदेशक की अपनी भूमिका में जी. माधवन नायर ने इसरो के सबसे बड़े केंद्र 'वी.एस.एस.सी.' (विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र) का नेतृत्व सँभाला, जिसमें लगभग छह हज़ार कर्मचारी विभिन्न इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक विभागों में कार्यरत हैं, जो भू अंतरण कक्षा में 2000 कि.ग्रा. वर्ग के उपग्रह को परिक्रमा करवाने में सक्षम भारत के भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान जीएसएलवी के विकास में प्रयासरत है, जिसने अपने पहले ही प्रयास में सफल उड़ान भरी और 2003 के अपने सफल उड़ान के बाद प्रचालनीय घोषित हुआ। माधवन जी इसरो की गतिविधियों के भावी विकास के लिए पथ प्रशस्त करने के लिए भी उत्तरदायी थे, विशेषकर अंतरिक्ष में कम लागत पहुँच को लक्षित करने वाले प्रमोचन यान क्षेत्र में।

अध्यक्ष

अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में जी. माधवन नायर देश में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भावी योजना बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। दूर चिकित्सा, दूर-शिक्षा और आपदा प्रबंधन सहायक प्रणालियों के लिए योजनाएँ कार्यान्वित करने के अलावा, उनका प्रमुख ज़ोर एस्ट्रोसैट और चंद्रयान (चंद्रमा) मिशनों के उपयोग द्वारा बाह्य अंतरिक्ष की वैज्ञानिक अन्वेषण पर है। वे सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रमोचन यान संबंधी नई प्रौद्योगिकी के विकास, संचार के लिए अंतरिक्ष यान, सुदूर संवेदन और उपयोग कार्यक्रमों के संचालनार्थ मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में, श्री माधवन नायर ने कई अंतरिक्ष एजेंसियों और देशों, विशेषकर फ़्रांस, रूस, ब्राज़ील, इज़राइल आदि के साथ द्विपक्षीय सहयोग और वार्ता के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और पारस्परिक रूप से लाभप्रद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग समझौतों को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सम्मान

  1. पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, जालंधर द्वारा प्रदत्त डी.फ़िलासफ़ी (ऑनोरिस कासा) (2003)
  2. श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति द्वारा प्रदत्त डी.एस.सी (ऑनोरिस कासा) (2004)
  3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा प्रदत्त ऑनोरिस कासा डॉक्टर ऑफ़ साइन्स (2004)
  4. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रदत्त ऑनोरिस कासा डॉक्टर ऑफ़ साइन्स की पदवी (2005)
  5. इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली से डी.एस.सी (2005)
  6. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से डी.एस.सी (2005)
  7. कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोच्चि से डी.एस.सी (2006)
  8. मैसूर विश्वविद्यालय से ऑनोरिस कासा (2006)
  9. जीजे विश्वविद्यालय, हिसार से ऑनोरिस कासा (2006)
  10. राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के चौथे दीक्षांत समारोह में प्रदत्त ऑनोरिस कासा डी.एस.सी की उपाधि (2007)
  11. केरल विश्वविद्यालय, केरल की डी.एस.सी की सम्मानी पदवी (2007)
  12. एसआरएम विश्वविद्यालय, चेन्नई द्वारा प्रदत्त विज्ञान में सम्मानी डॉक्टोरेट पदवी (2008)
  13. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा प्रदत्त विज्ञान में सम्मानी डॉक्टोरेट पदवी (2009)
  14. कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ द्वारा प्रदत्त विज्ञान में सम्मानी डॉक्टोरेट पदवी (2009)
  15. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई द्वारा प्रदत्त विज्ञान में सम्मानी डॉक्टोरेट पदवी (ऑनोरिस कासा) (2009)
  16. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर द्वारा प्रदत्त विज्ञान में सम्मानी डॉक्टोरेट पदवी (ऑनोरिस कासा) (2009)

शिक्षावृत्तियाँ और सदस्यताएँ

  1. फ़ेलो, भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी
  2. फ़ेलो, भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसाइटी
  3. फ़ेलो, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी
  4. सम्मानी फ़ेलो, इंडियन सोसायटी फ़ॉर नॉन-डिस्ट्रक्शन टेस्टिंग (आईएसएनटी)
  5. सदस्य, सिस्टम सोसायटी ऑफ़ इंडिया
  6. सदस्य, वर्तमान विज्ञान संघ की कार्यकारी समिति 2004-2006
  7. सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्षयानिकी अकादमी (2004)
  8. वरिष्ठ सहयोगी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवान्स्ड स्टडीज़ (2004-2007)
  9. अध्यक्ष, अंतरस्पुतनिक मंडल (2005)
  10. भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसायटी के मानत फ़ेलो (2007)
  11. अध्यक्ष, रिसर्च काउंसिल ऑफ़ नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज़ (अप्रैल 2007 से मार्च 2010 तक)

विशेष भूमिकाएँ

  1. 2004 – अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसायटी (एएसआई)
  2. 2005 – अध्यक्ष, भारतीय वैमानिक सोसायटी (एईएसआई)
  3. 2006-2007 – उपाध्यक्ष, आईएए की वैज्ञानिक गतिविधि समिति
  4. 2009-2010 – महा अध्यक्ष, 97वाँ भारतीय विज्ञान कांग्रेस

धारित पद

जी. माधवन नायर ने सितंबर, 2003 से अक्तूबर 2009 तक निम्न महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया-

  1. अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग और सचिव भारत सरकार, अंतरिक्ष विभाग, बैंगलूर
  2. अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, बैंगलूर
  3. अध्यक्ष, शासी निकाय, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, हैदराबाद (सितंबर, 2008 तक)
  4. अध्यक्ष, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बैंगलूर
  5. निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम, 1999-2003
  6. निदेशक, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, तिरुवनंतपुरम, 1995-99
  7. कार्यक्रम निदेशक, आईएलवीपी, वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम, 1994-96
  8. परियोजना निदेशक, पीएसएलवी, तिरुवनंतपुरम, 1988-95
  9. सह परियोजना निदेशक, पीएसएलवी, तिरुवनंतपुरम, 1984-88
  10. अध्यक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणालियाँ, वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम, 1980-84
  11. परियोजना इंजीनियर, एसएलवी-3 परियोजना, तिरुवनंतपुरम, 1974-80
  12. परियोजना प्रबंधक, टेलीकमांड सिस्टम, वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम, 1972-74
  13. अध्यक्ष, पेलोड इंटिग्रेशन सेक्शन, टर्ल्स, तिरुवनंतपुरम, 1967-72

पुरस्कार

  1. पद्म विभूषण (2009)
  2. पद्म भूषण (1998)
  3. एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडमेंटल रिसर्च, कोलकाता से "एमपी बिरला स्मारक पुरस्कार-2009" (4 जुलाई, 2009)
  4. कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके कैम्पस, बैंगलूर में "कृषक समुदाय की समृद्धि के लिए जैव-औद्योगिक जलसंभार विकास की चुनौतियाँ और संभावनाएँ" पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय मृदा संरक्षण सोसायटी से "भू रत्न" पुरस्कार (25 जुलाई, 2009)
  5. मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब फ़ाउंडेशन, कोडुंगलूर, त्रिशूर से "मोहम्मद अब्दुर्रहमान साहिब राष्ट्रीय पुरस्कार" (19 जून, 2009)
  6. "नई दिल्ली में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, लखनऊ से "लक्ष्मीपत सिंघानिया - आईआईएम, लखनऊ राष्ट्रीय नेतृत्व पुरस्कार 2008" (10 जून, 2009)
  7. इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नॉलोजी, हैदराबाद से "एवी रामाराव प्रौद्योगिकी पुरस्कार" (1 लाख रु. का नकद पुरस्कार) (11 मई, 2009)
  8. भारतीय जन-संपर्क काउंसिल से प्रौद्योगिकी नवोन्मेषी नेतृत्व के क्षेत्र में "चाणक्य पुरस्कार" (3 अप्रैल, 2009)
  9. नई दिल्ली में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, 2009 से "मैन ऑफ़ द ईयर" (31 मार्च, 2009)
  10. लीला पैलेस, बैंगलूर में अंतर्राष्ट्रीय योजना व प्रबंधन संस्थान से विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के लिए "विशेष उपलब्धि पुरस्कार" और द संडे इंडियन स्टेट एक्सलेंस अवार्ड्स, 2008 (25 मार्च, 2009)
  11. श्री. यशवंतराव चव्हाण के 96वें जन्मोत्सव के अवसर पर यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, मुंबई से "यशवंतराव चव्हाण राष्ट्रीय पुरस्कार 2008" (12 मार्च, 2009)
  12. कुरुरम्मा टेम्पल, गुरुवायूर से "कुरुरम्मा पुरस्कार" (4 मार्च, 2009)
  13. दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन फ़ाउंडेशन डे में अखिल भारतीय प्रबंधन संघ से "लोक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार" (2009)
  14. नास्कॉम से 2008-2009 के लिए मुंबई में नास्काम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार (2009)
  15. त्रिवेंद्रम में "न्यूज़ मेकर 2008" मनोरमा न्यूज़ पुरस्कार (2009)
  16. नई दिल्ली में एमआईटी स्कूल ऑफ़ गवर्नमेंट, पुणे से "भारत अस्मिता श्रेष्ठत्व पुरस्कार-2009" (2009)
  17. लोक सेवा श्रेणी में "सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ़ द ईयर 2008" पुरस्कार (2009)
  18. ए.के. नायर एंडोमेंट कमिटि, कन्नूर द्वारा द नॉर्थ मलबार चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स से "ए.के. नायर स्मारक पुरस्कार" (2009)
  19. नई दिल्ली में "एनडीटीवी इंडियन ऑफ़ द ईयर" पुरस्कार (2009)
  20. कोलकाता में राजा राममोहन राय के 236वें जन्मोत्सव में "राजा राममोहन रॉय पुरस्कार"
  21. आईआईटी मुंबई में भारतीय भौतिकी संघ द्वारा प्रदत्त वर्ष 2006 के लिए एम.एम.छुगानी पुरस्कार (2008)
  22. शिरोमणि संस्थान, नई दिल्ली द्वारा "भारत शिरोमणि पुरस्कार 2006" (2007)
  23. शंकर नेत्रालय, मेडिकल रिसर्च फ़ाउंडेशन, चेन्नई के एकक से "शंकर रत्न" पुरस्कार (2007)
  24. साइंस इंडिया फ़ोरम, मस्कट और इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ साइन्टिफ़िक हेरिटेज-ओमन चैप्टर से डॉ. ए.एस.जी. जयकर पुरस्कार (2007)
  25. द साउथ इंडियन एज्युकेशन सोसायटी, मुंबई से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में "9वाँ श्री चंद्रशेखर सरस्वती राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार" (2006)
  26. चिदंबरम में आयोजित 94वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री से स्वर्ण पदक (2007)
  27. पलासी राजा चैरिटेबल ट्रस्ट, कोज़िकोड से "शास्त्र रत्न" पुरस्कार (2006)
  28. श्री चितिरा तिरुनाल ट्रस्ट, तिरुवनंतपुरम से पहला "श्री चितिरा तिरुनाल पुरस्कार"
  29. तिलक स्मारक ट्रस्ट, पुणे से "लोकमान्य तिलक पुरस्कार" (2006)
  30. आरएमके इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुवल्लूर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लक्ष्मीकांतम्माल एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा सम्मानित (2006)
  31. नई दिल्ली में भारतीय उद्योग और अर्थशास्त्रियों के प्रतिष्ठान से "बेस्ट आर एंड डी मैन ऑफ़ द ईयर" कार्पोरेट एक्सलेन्स अवार्ड-2005 (2006)
  32. भारतीय ग्रहीय सोसायटी, मुंबई से पाँचवा "श्री बलवंतभाई पारेख पुरस्कार" (2006)
  33. एच.के. फ़िरोदिया मेमोरियल फ़ाउंडेशन, पुणे से एच.के. फ़िरोदिया पुरस्कार (2005)
  34. डॉ.येलवर्ती नायुडम्मा मेमोरियल ट्रस्ट, तेनाली, आंध्र प्रदेश से डॉ. येलवर्ती नायुडम्मा स्मारक पुरस्कार-2004 (2005)
  35. द एसोसिएशन ऑफ़ मार इवेनियोस कॉलेज ओल्ड स्टुडेन्ट्स से बेनेडिक्ट मार ग्रेरोरियोस पुरस्कार (2005)
  36. सत्यभामा डीम्ड यूनिवर्सिटी, चेन्नई से वर्ष 2003-2004 के लिए 10वाँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार (2005)
  37. क्रिसेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई से राजा सर मुत्तैया चेट्टियार एंडोमेंट पुरस्कार (2004)
  38. फ़ेलो, भारतीय अंतरिक्षयानिकी सोसायटी
  39. मलबार मार थोमा सीरियन चर्च, तिरुविला से मेलपादोम अट्टुमइल जार्जकुट्टी पुरस्कार (2004)
  40. के.जी. फ़ाउंडेशन, कोयंबटूर से दशक का व्यक्तित्व पुरस्कार (2004)
  41. भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ का विक्रम साराभाई स्मारक स्वर्ण पदक- जनवरी 2003
  42. स्वदेशी शास्त्र पुरस्कार- 1995
  43. श्री ओम प्रकाश भासिन पुरस्कार- 1995
  44. एफ़आईई फ़ाउंडेशन पुरस्कार- 1994
  45. राष्ट्रीय वैमानिकी पुरस्कार- 1994


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