"राम दयाल शर्मा": अवतरणों में अंतर

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'''पंडित राम दयाल शर्मा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ram Dayal Sharma'') [[भरतपुर]] [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध [[नौटंकी]] कलाकार हैं। भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 2022 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है। इससे पहले वर्ष [[1984]] में राजस्थान से पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह को राजनीति में [[पद्म विभूषण]] सम्मान मिला था। पंडित राम दयाल शर्मा [[स्वांग]], भगत, नौटंकी, [[रसिया]] और [[रासलीला]] लोक कला के संवाहक हैं। वह [[उत्तर भारत]] की स्वांग, भगत, नौटंकी, रसिया और रासलीला लोक परंपराओं की एक जीवित किंवदंती हैं।
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==परिचय==  
==परिचय==  
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====शिक्षा====
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==प्रस्तुतियाँ==
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12:04, 24 मई 2022 के समय का अवतरण

राम दयाल शर्मा
राम दयाल शर्मा
राम दयाल शर्मा
पूरा नाम पंडित राम दयाल शर्मा
अभिभावक पिता- खूबीराम
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र लोक कला
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2022

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

प्रसिद्धि लोक गायक कलाकार
नागरिकता भारतीय
उपाधि 'ब्रज कोकिला' और 'ब्रज पपीहा'
अन्य जानकारी 2004 और 2005 में राम दयाल शर्मा को भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकी/स्कूली बच्चों के चयन पर रक्षा मंत्रालय को सलाह देने के लिए विशेषज्ञ समिति में नामित किया गया था।
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पंडित राम दयाल शर्मा (अंग्रेज़ी: Ram Dayal Sharma) भरतपुर राजस्थान के प्रसिद्ध नौटंकी कलाकार हैं। भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 2022 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है। इससे पहले वर्ष 1984 में राजस्थान से पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह को राजनीति में पद्म विभूषण सम्मान मिला था। पंडित राम दयाल शर्मा स्वांग, भगत, नौटंकी, रसिया और रासलीला लोक कला के संवाहक हैं। वह उत्तर भारत की स्वांग, भगत, नौटंकी, रसिया और रासलीला लोक परंपराओं की एक जीवित किंवदंती हैं।

परिचय

डीग क्षेत्र के गांव सामई खेड़ा निवासी राम दयाल शर्मा ने नौटंकी की बारीकियां अपने घर से ही सीखीं। उनके पिता एवं चाचा इस कला में माहिर थे। घर में कलाकारी का माहौल होने के कारण बचपन से ही वह इस कला में पारंगत हो गए। राम दयाल शर्मा के पिता खूबीराम एवं चाचा पंडित रामस्वरूप शर्मा नौटंकी के मशहूर कलाकार रहे। राम दयाल शर्मा रहशधारी घराना (सामई खेड़ा) से ताल्लुक रखते हैं।[1]

शिक्षा

राम दयाल शर्मा ने वर्ष 1964 में हाईस्कूल की शिक्षा डीग से ग्रहण की। इसके बाद वह वर्ष 1973 में दिल्ली चले गए और यहां इस विधा को आगे बढ़ाया। रामदयाल शर्मा के साथ नौबत प्रजापति तबले पर संगत करते थे। शर्माजी ने बताया था कि घर में शुरू से ही माहौल था। ऐसे में जब भी कोई कार्यक्रम होता तो वह पिता और चाचा के साथ चले जाते थे। इसके चलते धीरे-धीरे उनकी इस विधा में निखार आता चला गया। आज यह विधा उनके रोम-रोम में समाई हुई है। राम दयाल शर्मा ने बताया कि पिता और चाचा से इस विधा की बारीकियां सीखने के साथ गुरु मनोहर एवं स्वामी रामस्वरूप से इसकी शिक्षा ग्रहण की।

प्रस्तुतियाँ

पंडित राम दयाल शर्मा स्वांग, भगत, नौटंकी, रासलीला और ब्रज-रसिया के प्रसिद्ध स्वामी-खेड़ा (रहसधारी) घराने के गुरु हैं। स्वांग, भगत, और नौटंकी प्रस्तुतियों के एक कलाकार, निर्देशक और संगीतकार के रूप में पंडितजी का श्रेय पूरे भारत और विदेशों में (2,500 से अधिक प्रदर्शन) सूचीबद्ध करने के लिए बहुत अधिक है। कुछ पारंपरिक नौटंकी जिनमें नायक के रूप में उनके चित्रण व्यापक रूप से प्रसिद्ध हुए हैं- स्याह पोश, अमर सिंह राठौर, इंदल हरण, सत्यवान सावित्री, पूरन मल, मस्तानी गुजरी, पद्मावती, झांसी की रानी ​​और हरिश्चंद्र तारामती, अन्य।[2]

पंडितजी ने समसामयिक मुद्दों पर स्वांग-नौटंकी लिपियों को बनाने और उन्हें आधुनिक दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया है। इनमें से कुछ नई नौटंकी जिन्हें उन्होंने लिखा, निर्देशित और प्रदर्शित किया है- बेटी का ब्याह, मिशन सुहानी, सुबाह का भूला, बहकानी मुस्कानी, जी हुज़ूर, श्रीमान धोखा और कई अन्य।

आमंत्रण

राम दयाल शर्मा को संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और साहित्य कला परिषद, दिल्ली सहित भारत में कई प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शन, व्याख्यान और रंगमंच और संगीत कार्यशालाएं देने के लिए आमंत्रित किया गया है। संगीत नाटक अकादमी ने कई बार पंडितजी और उनकी मंडली को अपने उत्सवों में स्वांग-नौटंकी करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कुछ दशक पहले मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर पंडितजी के भगत प्रदर्शनों में से एक का वीडियो-डॉक्यूमेंटेशन भी किया था।

2003 में पंडित जी को भारतीय प्रदर्शन परंपराओं में पाए जाने वाले मुद्राओं (इशारों) पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रदर्शन करने के लिए आईजीएनसीए द्वारा आमंत्रित किया गया था। 2008 में आईजीएनसीए ने उन्हें नौटंकी शैली में रामलीला करने के लिए फिर से आमंत्रित किया। कुछ वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पंडित जी को अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में एक विशेषज्ञ कलाकार और विद्वान के रूप में आमंत्रित किया गया था। 2004 और 2005 में उन्हें भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकी/स्कूली बच्चों के चयन पर रक्षा मंत्रालय को सलाह देने के लिए विशेषज्ञ समिति में नामित किया गया था।

संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार

राम दयाल शर्मा को संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। ऑडियंस ने इन्हें 'ब्रज कोकिला' और 'ब्रज पपीहा' की उपाधि प्रदान की है। ये थिएटर रॉयल लंदन और तारा आर्टस यूके में बतौर म्यूजिकल थिएटर के एडवाइजर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा दुनियाभर के कई देशों में गेस्ट लेक्चर भी दे चुके हैं। पिछले कई साल से नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में बतौर एक्सपर्ट सेवाएं दे रहे हैं। राम दयाल शर्मा के शिष्यों में एक्टर आशीष विद्यार्थी, अनूप सोनी, राजेश जेष्ठ, आदिल हुसैन और जाकिर हुसैन सहित कई बड़े नाम शामिल हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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