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13:08, 2 मई 2014 के समय का अवतरण

कोलिहा नृत्य भीलों का प्रसिद्ध नृत्य है, जो बुंदेलखण्ड के कुछ भागों में प्रचलित है। मुख्य रूप से कोल भीलों में इस नृत्य का प्रचलन है।[1]

  • कोलिहा नृत्य में ढोलक, नगड़िया और कसरु आदि वाद्य प्रधानता से बजाए जाते हैं।
  • किसी जाति विशेष या समुदाय विशेष को मनोरंजन प्रदान करना भीलों का जातिगत कर्तव्य है, जो भले ही आज के बदले हुये जमाने और सामाजिक व्यवस्था में दोषपूर्ण नजर आता हो, परन्तु उसका प्रारम्भ सामुदायिक भावना से ही हुआ है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आदिवासियों के लोक नृत्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 02 मई, 2014।

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