"भोरताल नृत्य": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
छो (Text replace - "फसल" to "फ़सल")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[लोक नृत्य]] पूर्वोत्‍तर के [[असम]] राज्‍य की संस्‍कृति का एक अविभाज्‍य अंग हैं। बहुत से लोक नृत्‍य पेशेवर नर्तकों के बजाय सामान्‍य लोगों द्वारा किए जाते हैं। सामान्‍यत: विशेष अवसरों पर ग्रामीण एकत्रित होकर विभिन्‍न लोक वाद्यों के साथ गाते-बजाते हैं। ऐसे विशेष अवसरों में, फसल कटाई, बुवाई, शादियां व धार्मिक अवकाश शामिल हैं। विख्‍यात सतरिया कलाकार, बुरहा ब्‍बकर, द्वारा विकसित भोरताल नृत्‍य वस्‍तुत: संकारी संस्‍कृति का विस्‍तार है। [[झांझ]]-[[मंजीरा]] लिए 6 से 10 नर्तक '7 हिया नोम' के पहले हिस्‍से यह नृत्‍य करते हैं, तथा झांझ का प्रदर्शन करते हुए कई आकर्षक रचनाएं प्रस्‍तुत करते हैं। इस नृत्‍य को राज्‍य के बरपेटा और [[गुवाहाटी]] के आस-पास त्योहारों के अवसर पर देखा जा सकता है।
[[लोक नृत्य]] पूर्वोत्‍तर के [[असम]] राज्‍य की संस्‍कृति का एक अविभाज्‍य अंग हैं। बहुत से लोक नृत्‍य पेशेवर नर्तकों के बजाय सामान्‍य लोगों द्वारा किए जाते हैं। सामान्‍यत: विशेष अवसरों पर ग्रामीण एकत्रित होकर विभिन्‍न लोक वाद्यों के साथ गाते-बजाते हैं। ऐसे विशेष अवसरों में, फ़सल कटाई, बुवाई, शादियां व धार्मिक अवकाश शामिल हैं। विख्‍यात सतरिया कलाकार, बुरहा ब्‍बकर, द्वारा विकसित भोरताल नृत्‍य वस्‍तुत: संकारी संस्‍कृति का विस्‍तार है। [[झांझ]]-[[मंजीरा]] लिए 6 से 10 नर्तक '7 हिया नोम' के पहले हिस्‍से यह नृत्‍य करते हैं, तथा झांझ का प्रदर्शन करते हुए कई आकर्षक रचनाएं प्रस्‍तुत करते हैं। इस नृत्‍य को राज्‍य के बरपेटा और [[गुवाहाटी]] के आस-पास त्योहारों के अवसर पर देखा जा सकता है।


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{नृत्य कला}}
{{नृत्य कला}}
[[Category:लोक नृत्य]]  [[Category:कला कोश]]__INDEX__
[[Category:लोक नृत्य]]  [[Category:कला कोश]]__INDEX__

13:47, 26 जनवरी 2011 का अवतरण

लोक नृत्य पूर्वोत्‍तर के असम राज्‍य की संस्‍कृति का एक अविभाज्‍य अंग हैं। बहुत से लोक नृत्‍य पेशेवर नर्तकों के बजाय सामान्‍य लोगों द्वारा किए जाते हैं। सामान्‍यत: विशेष अवसरों पर ग्रामीण एकत्रित होकर विभिन्‍न लोक वाद्यों के साथ गाते-बजाते हैं। ऐसे विशेष अवसरों में, फ़सल कटाई, बुवाई, शादियां व धार्मिक अवकाश शामिल हैं। विख्‍यात सतरिया कलाकार, बुरहा ब्‍बकर, द्वारा विकसित भोरताल नृत्‍य वस्‍तुत: संकारी संस्‍कृति का विस्‍तार है। झांझ-मंजीरा लिए 6 से 10 नर्तक '7 हिया नोम' के पहले हिस्‍से यह नृत्‍य करते हैं, तथा झांझ का प्रदर्शन करते हुए कई आकर्षक रचनाएं प्रस्‍तुत करते हैं। इस नृत्‍य को राज्‍य के बरपेटा और गुवाहाटी के आस-पास त्योहारों के अवसर पर देखा जा सकता है।

संबंधित लेख